Shivpuri News: स्टूडेंट्स का आविष्कार, बनाई तीसरी आंख,बजर बजाकर करेगा सावधान

Bhopal Samachar

शिवपुरी। पिछोर के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के कक्षा 10 के छात्रों ने व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए स्मार्ट सहायक चश्मा तैयार किया है। इस चश्मे की खासियत यह है कि कम लागत में बनाया गया यह मॉडल रियल टाइम में 1 मीटर से कम दूरी पर बाधा होने पर अलर्ट के संकेत देता है। विद्यालय के प्राचार्य गंधर्व जाटव और वोकेशनल एजुकेशन की ट्रेड इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर के व्यावसायिक शिक्षक शनि रजक की देखरेख में इसे तैयार किया गया है।

जिला शिक्षा अधिकारी विवेक श्रीवास्तव, रमसा के एडीपीसी राजा बाबू आर्य और जिला वोकेशनल कोऑर्डिनेटर मोहित भार्गव ने विद्यालय के छात्रों की इस उपलब्धि को छात्रों की रचनात्मकता और सामाजिक जिम्मेदारी का उत्कृष्ट उदाहरण बताते हुए सराहा है।

रमसा के एडीपीसी राजा बाबू आर्य ने बताया कि जिले के हायर सेकंडरी स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के लिए वोकेशनल टीचर नियुक्त किए गए हैं। ये व्यावसायिक शिक्षक जिले में व्यावसायिक ट्रेडों में छात्र-छात्राओं को रोजगार के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसी का उदाहरण पिछोर तहसील के शासकीय उत्कृष्ट उमावि पिछोर में सामने आया है। यहां विद्यालय के व्यावसायिक शिक्षक शनि रजक के निर्देशन में छात्रों ने ऐसा स्मार्ट सहायक चश्मा तैयार किया है जो न केवल कम लागत वाले उपकरणों की सीमाओं को पार करते हुए बाधाओं का पता लगाता है बल्कि नेत्रहीनों को सुरक्षित नेविगेशन प्रदान करता है। इसलिए छात्रों ने इसे 'तीसरी आंख' का नाम दिया है।

अल्ट्रासोनिक सेंसर आधारित चश्मा देगा रियल टाइम अलर्ट
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के एडीपीसी राजा बाबू आर्य का कहना है कि उत्कृष्ट विद्यालय पिछोर के छात्रों द्वारा दृष्टिबाधितों के लिए चश्मा बनाया गया है। इसका प्रोजेक्ट इलेक्ट्रॉनिक्स के बुनियादी सिद्धांतों का उपयोग कर तैयार किया गया है। यह अल्ट्रासोनिक सेंसर, आर्डयूनो बोर्ड, बजर और चश्मे के फ्रेम जैसे सस्ते घटकों से मात्र ₹500 से ₹800 में बनाया गया है। यह मॉडल रिक्ल टाइम में एक मीटर से कम दूरी पर बाधा होने पर अलर्ट करता है। स्कूल के विद्यार्थियों की यह उपलब्धि सामाजिक समस्या के व्यावहारिक समाधान का एक बड़ा उदाहरण है।

रियल टाइम मॉडल तैयार किया है

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत जिले के हायर सेकंडरी स्कूलों में चलाई जा रही वोकेशनल एजुकेशन के तहत छात्रों ने दृष्टिबाधितों के लिए 500 से 800 रुपए की लागत में यह रियल टाइम मॉडल तैयार किया है। यह कम दूरी पर बजर के जरिए अलर्ट देता है। यह 'तीसरी आंख' का प्रोजेक्ट सामाजिक समस्या के व्यावहारिक समाधान का प्रतीक है।
विवेक श्रीवास्तव, जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी