Shivpuri News: पंचायती राज के स्वराज पर ताला,​सिस्टम से नही, सिस्टम को अपने हिसाब से चला रहे हैं जिम्मेदार

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी जिले में स्वराज पर ताला लगाई देता है। गांवों के विकास के लिए पंचायती राज की व्यवस्था की गई थी। पंचायती राज अर्थात स्वराज की कल्पना से पंचायतों को कई अधिकार दिए गए है। लेकिन जिम्मेदार सिस्टम से नहीं चल रहे बल्कि सिस्टम को अपने हिसाब से चला रहे है। इसी का उदाहरण बनकर हमारे सामने कई पंचायत भवनो पर ताला लगा है।

पंचायतों के स्वर्णिम विकास के लिए  वर्ष 2014-15 में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत कोलारस जनपद विभाग की सभी 68 ग्राम पंचायतों को बैटरी, स्कैनर, कंप्यूटर, एलईडी, लैपटॉप आदि तकनीकी सामग्री मुहैया कराई गई थी। सभी विभागों को हाईटेक बनाने के लिए शिवपुरी जिले को ई-डिस्ट्रिक्ट जिले में भी शामिल किया गया है, परंतु कोलारस में पंचायतों की स्थिति यह है कि, पंचायतों में न तो कंप्यूटर, बैटरी, स्कैनर ने अन्य सामग्री।

पंचायतें सरपंच और सचिवों के घर पहुंच गई हैं और पंचायत भवनों पर ताले लटके हुए हैं। ग्रामीण पंचायत भवन से उन्हें मिलने वाली सुविधाओं के लिए परेशान हैं, उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही और जिम्मेदार मौन साध कर बैठे हुए हैं। 

नियमानुसार ग्राम वासियों को एक ही जगह सभी आवेदन देने और शासकीय योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर ही स्वतंत्र प्रशासन सुविधा मुहैया कराई गई थी, ताकि ग्राम वासियों को अपने कार्यों के लिए मुख्यालय तक न जाना पड़े, लेकिन जब पंचायत भवन ही नहीं हैं तो फिर यह सुविधा ग्रामीणों को कैसे मिल सकेगी।

साखनौर पंचायत भवन पर दबंग का कब्जा
हालात-यहां पंचायत भवन पर सालों से एक दबंग ने कब्जा कर रखा है, जिसके चलते पंचायत भवन का संचालन तो दूर बैठकों का आयोजन तक पंचायत भवन में नहीं हो पाता है। पंचायत के सरपंच, सचिव से लेकर जनपद सीईओ तक ने पंचायत भवन को कब्जा मुक्त करवाने के लिए किसी भी प्रकार का कोई प्रयास नहीं किया है। अगर टूर डायरी देखी जाए तो तमाम आला अधिकारियों ने दर्जनों बार पंचायत और पंचायत भवन का निरीक्षण किया होगा, लेकिन इस भवन को कब्जा मुक्त क्यों नहीं कराया जा सका, इस पर सभी मौन है।

यहां सालों से पंचायत भवन पर लटका है ताला
कोलारस जनपद की ग्राम पंचायत रिजौदा के पंचायत भवन पर सालों से ताला लटका हुआ है। पंचायत भवन में लाइट तक की कोई व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते यहां नियमित रूप से कार्यालयीन समय पर सरपंच, सचिव व सहायक सचिव पंचायत भवनों में नहीं बैठ रहे हैं और न ही ग्राम पंचायतों में प्रत्येक मंगलवार को जनसुनवाई का आयोजन किया जा रहा है। पंचायत भवन अनुपयोगी साबित हुआ है।

कुम्हरौआ पंचायत भवन में न लाइट न सफाई
हालात ग्राम पंचायत कुम्हरौआ जनपद पंचायत कोलारस से महज तीन किमी दूर स्थित है। किंतु यहां का पंचायत भवन सरपंच और सचिव की अनदेखी के चलते दुर्दशा का शिकार बना हुआ है। पंचायत भवन के मुख्य द्वार पर कीचड़ और गंदगी भरी पड़ी है। काफी समय से यहां बैठकों का आयोजन भी नहीं किया गया। जिससे ग्रामीण अंचल में संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ ग्राम वासियों को नहीं मिल पा रहा है।

एसआईआर जैसे महत्वपूर्ण कार्य में भी लगे हुए शासकीय कर्मचारियों को कुम्हरौआ के पंचायत भवन का कोई खासा लाभ प्राप्त नहीं हो सका। इस पंचायत भवन में कोई विद्युत कनेक्शन भी नहीं है। शासन द्वारा प्रदान की गई तकनीकी सामग्री भी यहां के सरपंच व सचिव ने खुर्द-बुर्द कर दी है। पंचायत भवन पर आदिवासी ने कब्जा कर लिया है, जिस कारण ग्राम सभाओं का आयोजन नहीं हो पा रहा है।

हम आंगनबाड़ी और स्कूल भवनों पर बैठकर पंचायत के कार्य कर रहे हैं। तकनीकी सामग्री के विषय में मुझे कोई जानकारी नहीं है।
कर्मवीर दांगी, सचिव साखनौर

पंचायत भवन के लिए प्रदान की गई सामग्री खराब हो गई है। साफ-सफाई के कारण पंचायत भवन बंद पडा है। जब बैठते हैं तब सफाई करा देते हैं।
विनय शर्मा, सचिव कुम्हरौआ

पंचायत भवन में बिजली कनेक्शन नहीं है। जो तकनीकी सामग्री मिली थी वो सहायक सचिव के पास सुरक्षित है। वो अपने घर से ही शासकीय कार्य करता है।
कल्याण यादव, सचिव रिजौदा