Shivpuri News: करैरा विधायक ने अपने पड़ोसी को मप्र के CM की सुरक्षा में खतरा बताया

Bhopal Samachar

शिवपुरी। मध्य प्रदेश पुलिस का स्लोगन है कि पडोसी की सुरक्षा मे अपनी  सुरक्षा है,शायद इसी स्लोगन का पढते हुए करैरा विधायक रमेश खटीक ने अपने पडोस मे रहने वाले एक सरकारी कर्मचारी का विधानसभा में प्रश्न लगा दिया। इस प्रश्न मे उन्हें पडोसी की सुरक्षा की चिंता नहीं थी बल्कि अपने पड़ोसी से मध्य प्रदेश के सीएम डॉ मोहन यादव की सुरक्षा की चिंता थी।

करैरा से भाजपा विधायक रमेश प्रसाद खटीक ने विधानसभा में सवाल उठाया कि पीएचई का संविदा कर्मचारी सीएम सभा के मंच पर माइक तक कैसे पहुंचा? उन्होंने इसे सीएम सुरक्षा में बड़ी चूक बताया। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने जवाब दिया कि कर्मचारी की ड्यूटी केवल मंच पर पानी पिलाने की थी। मंत्री ने कार्रवाई से साफ इनकार किया।

जैसा कि विदित है कि 27 सितंबर 2025 को नरवर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव महिला सम्मेलन और सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस दौरान पीएचई के संविदा कर्मचारी चंद्रकांत भार्गव भी मंच पर मौजूद थे। भार्गव ब्लॉक समन्वयक हैं और विधायक रमेश खटीक के पड़ोसी भी हैं। उन्हें देखकर विधायक खटीक ने विधानसभा में सवाल किया। उन्होंने मंच व्यवस्था और ड्यूटी वाले अधिकारियों के नाम मांगे। साथ ही उन्होंने पूछा कि कैसे भार्गव अनधिकृत रूप से मंच पर उद्घोषक और अन्य कार्य कर रहे थे। इसे सीएम की सुरक्षा में गंभीर चूक बताते हुए कार्रवाई के बारे में जवाब मांगा गया। इस पर मंत्री सिलावट ने उत्तर दिया।

पीएचई ईई ने पानी पिलाने की ड्यूटी लगाई थी
विधानसभा में प्रश्न लगने के बाद शिवपुरी प्रशासन की ओर से जवाब भेजा गया, जिसमें बताया गया कलेक्टर के आदेश पर पीएचई कार्यपालन यंत्री शुभम अग्रवाल को कार्यक्रम स्थल व मंच पर पेयजल व्यवस्था का दायित्व सौंपा था। पीएचई ई ने 25 सितंबर के पत्र के जरिए मंच पर पेयजल व्यवस्था के लिए विकासखंड समन्वयक चंद्रकांत भार्गव की ड्यूटी मंच पर लगाई थी। उन्होंने इसे किसी तरह की सुरक्षा में चूक नहीं मानी। बता दें कि कर्मचारी भार्गव विधायक के घर की अगली गली में रहता है।

भार्गव ने बताया कि मेरी विभाग ने पानी पिलाने में ड्यूटी लगाई थी। ड्यूटी आदेश, कार्ड आदि सारी जानकारी उपलब्ध करा दी हैं। विधायक ने मेरे खिलाफ प्रश्न क्यों लगाया है, इसकी मुझे कुछ नहीं पता।

इस मामले मे अपने राम का कहना है कि इस प्रश्न का मतलब सिर्फ एक ही हो सकता है कि मानवीय का अपने पड़ोसी को सीएम के इतना करीब पहुंचना पच नहीं सका,सीएम के इतने नजदीक कैसे,कही मेरे अधिकारो पर अधिकार नहीं हो जाए इसी आशय से यह बेतुका प्रश्न माननीय ने विधानसभा के माध्यम से पूछ लिया। इस प्रश्न के स्थान पर वह उनकी विधानसभा मे दिनारा थाना सीमा में स्थित अवैध रूप से चल रहे आरटीओ बैरियर की वसूली का प्रश्न पूछ सकते थे,लेकिन ऐसा नहीं हुआ