शिवपुरी। ग्वालियर हाईकोर्ट ने शिवपुरी पुलिस के द्वारा गुना पुलिस को सुपुर्द की गई नाबालिग की खोज कर हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश करेगी। एडवोकेट ऋतु शर्मा ने हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर की थी। यह याचिका ग्वालियर की डबल बैंच ने मानवता और मानवीय मूल्यों की संवेदनाओं पर स्वीकार की है।
देहात थाना सीमा के पुरानी शिवपुरी क्षेत्र में रहने वाली महिला निशा खान को नाबालिग बीमार अचेत अवस्था में माधव चौक चौराहे पर 1 मार्च 2025 को मिली थी। नाबालिग के आस पास बहुत भीड थी,लेकिन उसकी कोई मदद करने को तैयार नही था। निशा खान ने उसे तत्काल प्राइवेट डॉक्टर से इलाज कराया था,जब 17 साल की नाबालिग को उपचार के बाद उसके स्वास्थ्य में लाभ हुआ तो उसने निशा खान को बताया कि वह राजस्थान के झुंझुनू जिले की रहने वाली है उसकी माँ नही है और उसके मामा और पिता शराब के आदी है और वह उसे बेचना चाहते है इसलिए वह अपने घर से भाग गई।
नाबालिग ने निशा को बताया कि वह पहले भोपाल पहुंची थी और भोपाल से शिवपुरी आ गई। निशा ने नाबालिग की सूचना देहात थाना पुलिस को मौखिक रूप से दी थी। निशा के पास यह नाबालिग लगभग 13 दिन रही थी। गुना पुलिस का निशा के पास फोन आया था और झुनझुनु से गायब नाबालिग की खोज खबर ली। गुना पुलिस ने ही नाबालिग को 13 मार्च 2025 को निशा से अपनी सुपुर्दगी में लिया था। नाबालिग बार बार कह रही थी कि उसे उसके पिता और मामा को नहीं सौंपना वह उसे बेच देगा।
निशा खान का नाबालिग के साथ आत्मीय संबंध हो गए थे,इसलिए उसने सोचा कि वह गुना पुलिस से उसकी खैर खबर ले इसलिए वह लगातार गुना जिले के कैंट थाना पुलिस से संपर्क करती थी लेकिन उसे नाबालिग के विषय में किसी भी प्रकार की संतुष्टि पूर्वक जवाब नही मिले। नाबालिग का खैरियत स्टेटस लेने के लिए निशा खान ने पुलिस अधीक्षक शिवपुरी को भी आवेदन दिया था।
हर जगह से निराश होने के बाद निशा ने शिवपुरी की एडवोकेट ऋतु शर्मा से मिली और इस मानवीय संवेदना से भरी इस घटना को बताया। एडवोकेट ऋतु शर्मा ने ग्वालियर हाईकोर्ट की डबल बेंच में इस मामले को लेकर है-बीयर्स कॉर्पस याचिका लगाई थी।
एडवोकेट ऋतु शर्मा ने माननीय उच्च न्यायालय से मांग की अब हम नाबालिग की सलामती की स्टेटस रिपोर्ट जानना चाहते है कि पुलिस ने उसको किस सुरक्षित हाथो मे सुपुर्द किया है अब उसकी स्थिति कैसी है। मानवीय संवेदनाओं से भरी इस याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। इस घटना में गौर करने लायक केवल एक बात है नाबालिग जब निशा खान को मिली थी उस समय उससे उसके केवल रिलेशन नहीं था,अनजान थी लेकिन निशा खान ने सामाजिक व्यवस्था के मानवीय मूल्यों और संवेदना को आगे रखा और उसका इलाज कराया था,उसे सुरक्षा प्रदान की। हाईकोर्ट ने भी इस मामले में मानवीय संवेदनाओं को आगे रखा और गुना पुलिस सहित राजस्थान की झुनझुनु पुलिस को नोटिस जारी कर नाबालिग की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। अगर नाबालिग नही मिलती है तो पुलिस उसकी खोज कर हाईकोर्ट में प्रस्तुत करेगी।
देहात थाना सीमा के पुरानी शिवपुरी क्षेत्र में रहने वाली महिला निशा खान को नाबालिग बीमार अचेत अवस्था में माधव चौक चौराहे पर 1 मार्च 2025 को मिली थी। नाबालिग के आस पास बहुत भीड थी,लेकिन उसकी कोई मदद करने को तैयार नही था। निशा खान ने उसे तत्काल प्राइवेट डॉक्टर से इलाज कराया था,जब 17 साल की नाबालिग को उपचार के बाद उसके स्वास्थ्य में लाभ हुआ तो उसने निशा खान को बताया कि वह राजस्थान के झुंझुनू जिले की रहने वाली है उसकी माँ नही है और उसके मामा और पिता शराब के आदी है और वह उसे बेचना चाहते है इसलिए वह अपने घर से भाग गई।
नाबालिग ने निशा को बताया कि वह पहले भोपाल पहुंची थी और भोपाल से शिवपुरी आ गई। निशा ने नाबालिग की सूचना देहात थाना पुलिस को मौखिक रूप से दी थी। निशा के पास यह नाबालिग लगभग 13 दिन रही थी। गुना पुलिस का निशा के पास फोन आया था और झुनझुनु से गायब नाबालिग की खोज खबर ली। गुना पुलिस ने ही नाबालिग को 13 मार्च 2025 को निशा से अपनी सुपुर्दगी में लिया था। नाबालिग बार बार कह रही थी कि उसे उसके पिता और मामा को नहीं सौंपना वह उसे बेच देगा।
निशा खान का नाबालिग के साथ आत्मीय संबंध हो गए थे,इसलिए उसने सोचा कि वह गुना पुलिस से उसकी खैर खबर ले इसलिए वह लगातार गुना जिले के कैंट थाना पुलिस से संपर्क करती थी लेकिन उसे नाबालिग के विषय में किसी भी प्रकार की संतुष्टि पूर्वक जवाब नही मिले। नाबालिग का खैरियत स्टेटस लेने के लिए निशा खान ने पुलिस अधीक्षक शिवपुरी को भी आवेदन दिया था।
हर जगह से निराश होने के बाद निशा ने शिवपुरी की एडवोकेट ऋतु शर्मा से मिली और इस मानवीय संवेदना से भरी इस घटना को बताया। एडवोकेट ऋतु शर्मा ने ग्वालियर हाईकोर्ट की डबल बेंच में इस मामले को लेकर है-बीयर्स कॉर्पस याचिका लगाई थी।
एडवोकेट ऋतु शर्मा ने माननीय उच्च न्यायालय से मांग की अब हम नाबालिग की सलामती की स्टेटस रिपोर्ट जानना चाहते है कि पुलिस ने उसको किस सुरक्षित हाथो मे सुपुर्द किया है अब उसकी स्थिति कैसी है। मानवीय संवेदनाओं से भरी इस याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। इस घटना में गौर करने लायक केवल एक बात है नाबालिग जब निशा खान को मिली थी उस समय उससे उसके केवल रिलेशन नहीं था,अनजान थी लेकिन निशा खान ने सामाजिक व्यवस्था के मानवीय मूल्यों और संवेदना को आगे रखा और उसका इलाज कराया था,उसे सुरक्षा प्रदान की। हाईकोर्ट ने भी इस मामले में मानवीय संवेदनाओं को आगे रखा और गुना पुलिस सहित राजस्थान की झुनझुनु पुलिस को नोटिस जारी कर नाबालिग की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। अगर नाबालिग नही मिलती है तो पुलिस उसकी खोज कर हाईकोर्ट में प्रस्तुत करेगी।