शिवपुरी नंदी बैल ने किया 2 यूनिट ब्लड डोनेट, जिससे बच सकी लंपी से ग्रस्त गाय की जान

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी शहर के लुधावली क्षेत्र में स्थित अपना घर गौशाला में शिवपुरी के पशु मेडिकल के इतिहास में पहली बार किसी बीमार पशु को ब्लड चढ़ाया गया है। इसके लिए रक्तदान भी कराया गया,गौशाला के एक स्वस्थ नंदी से 2 यूनिट ब्लड का रक्तदान करया था। अब बीमार और मौत की मुंह की ओर जाने वाली गाय धीरे धीरे स्वस्थ हो रही है।

यह था मामला,लंपी बीमारी से ग्रस्त गाय लाई गई थी
जानकारी के अनुसार, लगभग 15 दिन पहले अपना घर गौशाला में लंपी वायरस से ग्रस्त एक गाय लाई गई थी। पशुपालन विभाग के डॉक्टरों ने इसका इलाज शुरू किया, लेकिन तीन दिनों से गाय की हालत गंभीर बनी हुई थी। गाय को बचाने के लिए गौशाला प्रभारी धर्मेंद्र अग्रवाल ने डॉक्टरों से बात की। गाय के रक्त का सैंपल निजी लैब में भेजा गया। इंसानों की तरह ही इस सैंपल की जांच में गाय में खून की भारी कमी पाई गई।

गाय का हीमोग्लोबिन 11 से 16 ग्राम होना चाहिए, जबकि यह मात्र 6.5 ग्राम निकला। दिल्ली और भोपाल के विशेषज्ञों से परामर्श के बाद, स्थानीय पशु चिकित्सकों ने दूसरे स्वस्थ गोवंश का रक्त चढ़ाने का निर्णय लिया। गौशाला के एक स्वस्थ नंदी का ब्लड सैंपल लेकर जांच कराई गई, जिसका हीमोग्लोबिन 15 ग्राम निकला था।

कैसे बची जान,नंदी बैल से कराया गया 2 यूनिट रक्त दान
गौशाला प्रभारी धर्मेंद्र अग्रवाल और डायरेक्टर डॉ. एलआर शर्मा की उपस्थिति में, बुधवार सुबह डॉ. योगेश समाधिया, डॉ. बालकृष्ण शमी और डॉ. मुकेश गुप्ता की टीम ने नंदी से दो यूनिट (कुल 750 मिलीलीटर) रक्त निकालकर बीमार गाय को चढ़ाया। डॉक्टरों की टीम ने सुबह 10 बजे रक्त चढ़ाना शुरू किया।

8 घंटे में 2 यूनिट रक्त चढने के बाद गंभीर रूप से बीमार गाय उठकर खड़ी हो गई। डॉ. समाधिया ने बताया कि शरीर में रक्त की पूर्ति होते ही गाय ने खाना-पीना भी शुरू कर दिया है। फिलहाल गाय को निगरानी में रखा गया है।

सामान की कमी के बावजूद प्रयास
गौशाला प्रभारी धर्मेंद्र अग्रवाल ने बताया कि गाय के लिए मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल से ब्लड निकालने के लिए बैग नहीं मिले, जिसके बाद इंदौर से 10 ब्लड बैग मंगाए गए। उन्होंने बताया कि स्वस्थ नंदी से रक्तदान कराकर बीमार गाय को जीवनदान दिया गया है। डॉ. योगेश समाधिया ने इसे संभाग में गाय को रक्त चढ़ाने का पहला मामला बताया है।