Shivpuri News: मौथा ने बिगाडा शिवपुरी जिले के मौसम का मिजाज, यह है मौसम का अलर्ट

Bhopal Samachar

शिवपुरी। बंगाल की खाड़ी में उपजा चक्रवाती तूफान मोथा का प्रवेश पिछले 24 घंटे पूर्व हो चुका है,इसलिए शिवपुरी जिले में बादल पोस्ट मानसून वर्षा कर रहे है। मौथा ने शिवपुरी जिले के मौसम का मिजाज बिगाड़ दिया है। मौथा अपने साथ बादल,पानी और हवा लेकर आया है इसलिए शिवपुरी जिले का अधिकतम का पारा 24 घंटे में ही 10 डिग्री लुढक गया है। ठंडी हवाएं लोगो को कपाने लगी है। इस मौथा ने किसानों को कही खुशी गम कही गम जैसे माहौल को जन्म दे दिया है। मौसम विभाग ने जिले के लिए अगले 24 घंटे का येलो अलर्ट जारी किया है।

मौथा के कारण शनिवार की रात से शिवपुरी जिले में बारिश का प्रवेश हो गया। शनिवार की रात खतौरा क्षेत्र में लगभग 1 दर्जन से अधिक गांवों में लगातार 2 घंटे पानी बरसने के कारण खेता में सूख रही मक्का की लगभग 125 टन फसल पानी के प्रकोप का शिकार हो गई और खेतों में मक्का की महेरी बन गई,मौसम के पंडितो का कहना है कि इस सप्ताह बादल आपके मेहमान रहेंगे वही दो दिन से सूर्यदेव भी आसमान मे नही निकल हे है इस कारण मक्का की फसल सूख नही रही है और इस स्थिति में मक्का का दाना काला पड़ जाएगा और मक्का के दाम कम मिलेगें। वही करैरा क्षेत्र में रविवार को पानी पडने के कारण खेतो मे खडी धान की फसल को नुकसान हुआ है। कटने के इंतजार में खड़ी फसल खेतों में आडी हो गई है।

खेतो के सोने के लिए अमृत है यह मौथा का पानी
शिवपुरी जिले में सरसों की फसल की बोवनी 73 हजार 798 हेक्टेयर में की गई है,सरसों की बोवनी का क्रम पिछले 15 दिनों से जारी था। बोवनी के बाद सरसों की फसल मे पानी दिया जाता है। इस कारण यह मौथा का पानी सरसो के फसल की अमृत माना जा रहा हैं। अब किसानो को सरसो की फसल के पहला पानी देने की आवश्यकता है।

गेहूं-चना की फसल की बोनी लेट
चक्रवर्ती तूफान मौथा के कारण जिले मे हुई पोस्ट मानसून वर्षा के कारण गेहूं और चना की बोनी लेट हो गई है। शिवपुरी जिले में 27 अक्टूबर की स्थिति में गेहूं की 13 हजार 402 हेक्टेयर, चना की 13 हजार 411 हेक्टेयर और मटर की एक हजार 358 हेक्टेयर में बोनी हो चुकी है। बता दें कि जिले में - गेहूं बोवनी लक्ष्य 3.28 लाख हेक्टेयर निर्धारित है। 15 दिसंबर तक गेहूं की बोनी चलेगी। जबकि चना बोवनी का लक्ष्य 22 हजार हेक्टेयर और मटर का 1800 हेक्टेयर रखा है।

कलेक्टर ने तीन दिन में सर्वे के दिए निर्देश
पिछले दो दिनों से जिले में हो रही बारिश से धान और मक्का की फसल को सर्वाधिक नुकसान बताया जा रहा है। किसानों ने मक्का की फसल काटकर खलिहान में रखी है। बारिश में भीगने से उसमें ज्यादा नुकसान है। कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने राजस्व अधिकारियों को संयुक्त सर्वेक्षण दल गठित कर तीन नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट मांगी है।

इस वर्ष जिले में औसत से काफी अधिक वर्षा हुई है। 1 जून से अब तक कुल 1441.44 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 1244.02 मिमी बारिश हुई थी। इस प्रकार, इस बार 197 मिमी अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। जिले की वार्षिक औसत वर्षा 816.3 मिमी है, लेकिन इस बार अब तक 625 मिमी अधिक बारिश हो चुकी है।

अब जानिए तहसीलवार वर्षा के आंकड़े
शिवपुरी में 1373.60 मिमी, बैराड़ में 1381.50 मिमी, पोहरी में 1496 मिमी, नरवर में 1787 मिमी, करैरा में 1456.90 मिमी, पिछोर में 1138 मिमी, कोलारस में 1474.50 मिमी, बदरवास में 1604.50 मिमी और खनियाधाना में 1261 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।