लापता हुए जिले के ड्रग इंस्पेक्टर,शिवपुरी के 2 दुकानदारों के भरोसे छोड़ गए है

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी जिले में मध्यप्रदेश के राजधानी भोपाल से जारी दिशा निर्देशों का पालन नहीं होता है,यहां तक की मामला जिंदा इंसान की जिंदगी से जुडा हो। कुछ दिनों पूर्व मप्र  की मेडिकल हिस्ट्री में एक मामला जुड़ गया है' दूषित सिरप पीने से 20 बच्चों की मौत का मामला गर्माया था। बच्चों की मौत के बाद प्रदेश के डिप्टी सीएम ने आदेश दिए थे कि प्रदेश की सभी मेडिकल स्टोर की जांच होगी और बिना फार्मासिस्ट के कोई भी मेडिकल की दुकान नहीं चलेगी,लेकिन शिवपुरी जिले में डिप्टी सीएम का यह आदेश मान्य नहीं हुआ।

शिवपुरी जिले में लगभग 1500 मेडिकल स्टोर संचालित किए जा रहे है। मेडिकल स्टोर के संचालन के लिए वैसे तो नियमों की पूरी एक किताब है लेकिन इन नियमों में सबसे पहला और आवश्यक नियम की मेडिकल स्टोर के संचालन के लिए फार्मासिस्ट आवश्यक है,फार्मासिस्ट दुकान पर मौजूद होगा जब ही आपको दवा मिलेगी लेकिन शिवपुरी जिले में मात्र 70 फार्मासिस्ट है,अगर इस आंकड़े की माने को 1430 दुकाने बिना फार्मासिस्ट के संचालित है।

मेडिकल स्टोर संचालकों ने इस नियम से बचने के लिए अपनी दुकानों के थोक लाइसेंस ले रखे है थोक दुकानदारों को फार्मासिस्ट की आवश्यकता नहीं होती है। शिवपुरी जिले में खेरीज मेडिकल स्टोर अपेक्षाकृत थोक मेडिकल स्टोर के लाइसेंस 4 गुना से भी अधिक है,लेकिन थोक लाइसेंस धारी दुकानों पर खेरीज मेडिकल स्टोर चलाया जा रहा है।

मप्र  के छिंदवाड़ा, बैतूल और पांढुर्णा ज़िलों में पिछल सितंबर माह मे 20 बच्चों की दूषित कफ़ सिरप पीने से मौत हो चुकी है. इनमें सबसे ज्यादा छिंदवाड़ा में 17 बच्चों की मौत हुई है। बच्चो की इन मौत के बाद मप्र के डिप्टी सीएम ने जिले के सभी मेडिकल स्टोरो के जांच करने के आदेश दिए थे,साथ में मेडिकल स्टोर पर फार्मासिस्ट ही दवाई दे सकता है इस नियम का भी सख्ती से लागू करने के आदेश दिए थे,लेकिन शिवपुरी जिले के ड्रग इंस्पेक्टर मनीष मशी बिष्ट ने शिवपुरी की एक भी मेडिकल स्टोर की फिजिकल जांच नहीं की।

शिवपुरी के ड्रग इंस्पेक्टर के लिए लापता डीआई शब्द का इस्तेमाल करे तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी। शिवपुरी के डीआई अपनी ऑफिस में मिलते नही है,अपना मुख्यालय छोड भोपाल ही निवास करते है। सब काम शिवपुरी की 2 मेडिकल स्टोर के मालिको के अनुसार ही चलता है। अब सवाल यह उठता है कि क्या मप्र के नियम और आदेश शिवपुरी जिले में लागू नहीं होता है। जिले में लगभग 1500 मेडिकल स्टोर है,ग्रामीण क्षेत्रों में कई ऐसी मेडिकल स्टोर भी संचालित हो रही है जिन पर किसी भी प्रकार का लाइसेंस नहीं है। कई प्रकार की प्रतिबंधित दवा बेची जा रही है,नशीले ड्रग और बिना डॉक्टर के पर्चे के आप किसी भी प्रकार की मेडिसिन खरीद सकते है।

इस मामले में लेकर डीआई मनीष मसीह को संपर्क करने का प्रयास किया तो उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया। कुल मिलाकर शिवपुरी लावारिस हो चुका है,शिवपुरी शहर के 2 दुकानदार मिलकर शिवपुरी के सभी मेडिकल स्टोर का हिसाब किताब डीआई से करते है। आपको भी अगर मेडिकल स्टोर का किसी भी प्रकार का लाइसेंस बनवाना है तो आप डीआई का आफिस छोड़कर इन मेडिकल स्टोर पर जा सकते है और आसानी से घर बैठे ही अपना काम करवा सकते है।