शिवपुरी । शहर के श्रीमंत माधव सिंधिया शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बीते दिनो महाविद्यालय के एक्स स्टूडेंटो का मिलन हुआ जो वर्षों से नहीं मिले थे। यह सभी स्टूडेंट सन 1991 से 97 के दौर के थे। इन स्टूडेंटो ने इस महाविद्यालय से यूजी-पीजी की पढाई कर अपने जीवन में सफलता हासिल की। कॉलेज लाइफ खत्म होने के बाद ऐसे कई स्टूडेंट थे जो अपने शहर को छोड़ अन्य शहरों में अपनी नौकरी या व्यवसाय कर रहे।
29 साल बाद वही प्रतिभाएं शिवपुरी आईं। उन्होंने अपने अनुभवों से नई पीढ़ी के युवाओं को संदेश दिया कि कैसे उन्होंने जीवन में सफलता पाई और पढ़ाई के साथ रिश्तों को मजबूत बनाया। कुल मिलाकर, 29 साल की यादों को एक-दूसरे से साझा किया।
कोऑर्डिनेटर अशोक अग्रवाल, महेंद्र खटीक और अवनीश शर्मा ने बताया कि इस री-यूनियन 2025 में उड़ीसा से मोनिका शामिल हुईं, वहीं कानपुर से प्रोफेसर प्रतिभा दुबे आईं। जयपुर से जंतु विज्ञान विशेषज्ञ मोनिका श्रीवास्तव आईं तो उदयपुर से सिंगर और सफल उद्यमी पार्थ बनर्जी आए। राजनीतिक क्षेत्र में भी कई प्रतिभाएं इस आयोजन में शामिल हुईं। जो साथ पढ़ते थे, वही अलग-अलग दलों की राजनीति कर रहे हैं। मंच पर भले ही वे एक-दूसरे के विपरीत बोलते हों, कांग्रेस के अजीत भदौरिया और भाजपा की रश्मि अग्रवाल ने री-यूनियन के दौरान अपने 29 साल पुराने किस्सों को याद कर जमकर ठहाके लगाए।
1993 का गीत फिर मंच पर तेरी पनाह हमें रखना... सुनकर पुराना दौरा आया याद
पीजी कॉलेज की अध्यक्ष रही प्रतिभा दुबे के साथ शिक्षाविद ज्योति मिश्रा, सोनल वशिष्ठ और सरिता जैन के साथ कई विषय विशेषज्ञ भी इसमें शामिल हुए जिन्होंने इसी महाविद्यालय में अध्ययन किया था। 1993 में वार्षिक उत्सव के दौरान गाया गया समूह गीत तेरी पनाह में हमें रखना जब मंच से प्रस्तुत किया तो उसी मंच का उपयोग किया जहां
28 साल पहले इस गीत को उन्होंने गाकर पहला स्थान हासिल किया था। जबकि पार्थ बनर्जी, अवनीश शर्मा, दीपक गोयल और संजय बाबर, मोनिका ने भी अपने सधे हुए स्वर से लवली सी मैडम और अन्य गीत की याद 1993 का दोबारा गाकर दिला दी। इसके बाद पटेल पार्क में तीन पौधों की त्रिवेणी को भी रोपा गया और वहां पर वंदना अग्रवाल के साथ जागृत और अन्य साथियों ने मिलकर कुछ देकर हर एक का स्वागत किया। आयोजन के दौरान कार्यक्रम का शानदार संचालन सोनल वशिष्ठ, अवनीश शर्मा, प्रतिभा दुबे, सीमा वैश्य सहित कई लोगों ने अलग-अलग दौर में किया आभार प्रदर्शन सुमन रात्र और अशोक अग्रवाल ने व्यक्त किया।
1992 में देखा सपना 2025 में साकार हुआ, ऐसे आयोजन अब शहर में होते रहेंगे
30 साल से हम सपना देख रहे थे कि पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद एक बार फिर से एकत्रित हों और कौन कहां क्या कर रहा है एक दूसरे के बारे में जानेंगे, उनके अनुभव सुनेंगे। 1992 में देखा गया यह सपना 2025 में जाकर पूरा हुआ। अब इस तरह के आयोजन शहर में अक्सर होते रहेंगे।
अशोक अग्रवाल, आयोजन समिति कोऑर्डिनेटर री-यूनियन-2025
29 साल बाद वही प्रतिभाएं शिवपुरी आईं। उन्होंने अपने अनुभवों से नई पीढ़ी के युवाओं को संदेश दिया कि कैसे उन्होंने जीवन में सफलता पाई और पढ़ाई के साथ रिश्तों को मजबूत बनाया। कुल मिलाकर, 29 साल की यादों को एक-दूसरे से साझा किया।
कोऑर्डिनेटर अशोक अग्रवाल, महेंद्र खटीक और अवनीश शर्मा ने बताया कि इस री-यूनियन 2025 में उड़ीसा से मोनिका शामिल हुईं, वहीं कानपुर से प्रोफेसर प्रतिभा दुबे आईं। जयपुर से जंतु विज्ञान विशेषज्ञ मोनिका श्रीवास्तव आईं तो उदयपुर से सिंगर और सफल उद्यमी पार्थ बनर्जी आए। राजनीतिक क्षेत्र में भी कई प्रतिभाएं इस आयोजन में शामिल हुईं। जो साथ पढ़ते थे, वही अलग-अलग दलों की राजनीति कर रहे हैं। मंच पर भले ही वे एक-दूसरे के विपरीत बोलते हों, कांग्रेस के अजीत भदौरिया और भाजपा की रश्मि अग्रवाल ने री-यूनियन के दौरान अपने 29 साल पुराने किस्सों को याद कर जमकर ठहाके लगाए।
1993 का गीत फिर मंच पर तेरी पनाह हमें रखना... सुनकर पुराना दौरा आया याद
पीजी कॉलेज की अध्यक्ष रही प्रतिभा दुबे के साथ शिक्षाविद ज्योति मिश्रा, सोनल वशिष्ठ और सरिता जैन के साथ कई विषय विशेषज्ञ भी इसमें शामिल हुए जिन्होंने इसी महाविद्यालय में अध्ययन किया था। 1993 में वार्षिक उत्सव के दौरान गाया गया समूह गीत तेरी पनाह में हमें रखना जब मंच से प्रस्तुत किया तो उसी मंच का उपयोग किया जहां
28 साल पहले इस गीत को उन्होंने गाकर पहला स्थान हासिल किया था। जबकि पार्थ बनर्जी, अवनीश शर्मा, दीपक गोयल और संजय बाबर, मोनिका ने भी अपने सधे हुए स्वर से लवली सी मैडम और अन्य गीत की याद 1993 का दोबारा गाकर दिला दी। इसके बाद पटेल पार्क में तीन पौधों की त्रिवेणी को भी रोपा गया और वहां पर वंदना अग्रवाल के साथ जागृत और अन्य साथियों ने मिलकर कुछ देकर हर एक का स्वागत किया। आयोजन के दौरान कार्यक्रम का शानदार संचालन सोनल वशिष्ठ, अवनीश शर्मा, प्रतिभा दुबे, सीमा वैश्य सहित कई लोगों ने अलग-अलग दौर में किया आभार प्रदर्शन सुमन रात्र और अशोक अग्रवाल ने व्यक्त किया।
1992 में देखा सपना 2025 में साकार हुआ, ऐसे आयोजन अब शहर में होते रहेंगे
30 साल से हम सपना देख रहे थे कि पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद एक बार फिर से एकत्रित हों और कौन कहां क्या कर रहा है एक दूसरे के बारे में जानेंगे, उनके अनुभव सुनेंगे। 1992 में देखा गया यह सपना 2025 में जाकर पूरा हुआ। अब इस तरह के आयोजन शहर में अक्सर होते रहेंगे।
अशोक अग्रवाल, आयोजन समिति कोऑर्डिनेटर री-यूनियन-2025