शिवपुरी। शिवपुरी जिले के अधिकारियों की सूची में लापता अधिकारी की सूची में नाम दर्ज करा चुके शिवपुरी जिले के ड्रग इंस्पेक्टर मनीष मसी बिस्ट ने मीडिया से बातचीत करते हुए प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला के आदेश का उपहास कर दिया,इतना ही नई अपने धर्म वाली किताब अर्थात ड्रग एक्ट को ही गलत बता दिया। इस खबर पर आगे बढ़ने से पहले आप समझे मामले को
शिवपुरी के जिले के सबसे विश्वसनीय न्यूज़ पोर्टल शिवपुरी समाचार डॉट कॉम ने 25 अक्टूबर को लापता हुए जिले के ड्रग इंस्पेक्टर,शिवपुरी के 2 दुकानदारों के भरोसे छोड़ गए है हैडलाइन से खबर का प्रकाशन किया था। इस खबर का मूल आशय था कि शिवपुरी जिले में लगभग 1500 मेडिकल स्टोर संचालित है,इन मेडिकल स्टोरों की संख्या में थोक मेडिकल के लाइसेंस अधिक है और खैरीज मेडिकल स्टोर के कम है। यह ऐसा हुआ है कि खेरीज मेडिकल स्टोर के लिए फार्मासिस्ट डिग्री धारी की आवश्यकता होती है और थोक के लाइसेंस के लिए कम।
वही शिवपुरी जिले में ग्रामीण क्षेत्रो मे कुछ ऐसी दुकान है जिन पर किसी भी प्रकार का लाइसेंस नहीं है,डॉक्टर के बिना पर्चे के किराने के दुकान जैसे दवा बेची जा रही है इसमें से वह दवा भी शामिल है जो सरकार ने प्रतिबंधित की सूची में डाल रखी है। इन सब बातो की निगरानी करने के लिए जिले के ड्रग इंस्पेक्टर मनीष मसी बिस्ट शिवपुरी अपने मुख्यालय पर नही रहते है भोपाल निवास करते है,जिले की 2 मेडिकल स्टोर के भरोसे जिले का छोड दिया है।
खबर का प्रकाशन इसलिए किया था कि बीते माह मे मप्र की मेडिकल हिस्ट्री में एक काला मामला जुड़ गया है' दूषित सिरप पीने से 20 बच्चों की मौत का मामला गर्माया था। बच्चों की मौत के बाद प्रदेश के डिप्टी सीएम ने आदेश दिए थे कि प्रदेश की सभी मेडिकल स्टोर की जांच होगी और बिना फार्मासिस्ट के कोई भी मेडिकल की दुकान नहीं चलेगी,लेकिन शिवपुरी जिले में डिप्टी सीएम का यह आदेश मान्य नहीं हुआ।
इस खबर पर प्रतिक्रिया लेने के लिए जब मनीष मसी बिष्ट को फोन लगाया गया और पूछा गया कि प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला ने आदेश किए थे कि किसी भी मेडिकल स्टोर पर बिना फार्मासिस्ट के दवा नहीं बेची जाएगी,इस कानून को प्रभावी रूप से पालन कराया जाएगा और इसकी जिम्मेदारी जिले के ड्रग इंस्पेक्टर की होगी,इसका जवाब में श्री माननीय शिवपुरी के ड्रग इंस्पेक्टर साहब ने कहा कि यह कानून तो 1948 से ही है,यह जवाब एक उपहास जैसा लगता है मानो साहब कह रहे हो कि इसमें क्या नया है यह तो 6 दशक पुराना कानून है।
वही पूछा गया कि आपने डिप्टी सीएम के आदेश के बाद शिवपुरी जिले की एक भी मेडिकल स्टोर को चेक नहीं किया प्रतिबंधित दवा बेची जा रही है इस पर श्री बिस्ट साहब ने कहा कि आप बता तो कहा बेची जा रही है हम कार्यवाही करा देते है और रही बात फार्मासिस्ट वाली इसमें दुकान का प्रोपराइटर अलग होता है और फार्मासिस्ट अलग यह कानून ही गलत है।
कुल मिलाकर श्री बिस्ट साहब को अपना धर्म अर्थात अपना ड्रग विभाग के नियम और कानून ही गलत लगते है,इस कारण ही वह अपने जिले को अपने ही हिसाब से चला रहे है शिवपुरी निवास नही करते,अपने मुख्यालय पर नहीं रहते,मेडिकल जैसी दुकानों का हाल किराने की दुकान जैसा है,मेडिकल स्टोरों पर कोई रिकॉर्ड नहीं है कोई भी कभी भी जाए कोई भी दवा ले आए यह सब श्री माननीय साहेब के अपने स्वयं के कानून है,क्योंकि वह अपने औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 को नहीं मानते हैं।
शिवपुरी के जिले के सबसे विश्वसनीय न्यूज़ पोर्टल शिवपुरी समाचार डॉट कॉम ने 25 अक्टूबर को लापता हुए जिले के ड्रग इंस्पेक्टर,शिवपुरी के 2 दुकानदारों के भरोसे छोड़ गए है हैडलाइन से खबर का प्रकाशन किया था। इस खबर का मूल आशय था कि शिवपुरी जिले में लगभग 1500 मेडिकल स्टोर संचालित है,इन मेडिकल स्टोरों की संख्या में थोक मेडिकल के लाइसेंस अधिक है और खैरीज मेडिकल स्टोर के कम है। यह ऐसा हुआ है कि खेरीज मेडिकल स्टोर के लिए फार्मासिस्ट डिग्री धारी की आवश्यकता होती है और थोक के लाइसेंस के लिए कम।
वही शिवपुरी जिले में ग्रामीण क्षेत्रो मे कुछ ऐसी दुकान है जिन पर किसी भी प्रकार का लाइसेंस नहीं है,डॉक्टर के बिना पर्चे के किराने के दुकान जैसे दवा बेची जा रही है इसमें से वह दवा भी शामिल है जो सरकार ने प्रतिबंधित की सूची में डाल रखी है। इन सब बातो की निगरानी करने के लिए जिले के ड्रग इंस्पेक्टर मनीष मसी बिस्ट शिवपुरी अपने मुख्यालय पर नही रहते है भोपाल निवास करते है,जिले की 2 मेडिकल स्टोर के भरोसे जिले का छोड दिया है।
खबर का प्रकाशन इसलिए किया था कि बीते माह मे मप्र की मेडिकल हिस्ट्री में एक काला मामला जुड़ गया है' दूषित सिरप पीने से 20 बच्चों की मौत का मामला गर्माया था। बच्चों की मौत के बाद प्रदेश के डिप्टी सीएम ने आदेश दिए थे कि प्रदेश की सभी मेडिकल स्टोर की जांच होगी और बिना फार्मासिस्ट के कोई भी मेडिकल की दुकान नहीं चलेगी,लेकिन शिवपुरी जिले में डिप्टी सीएम का यह आदेश मान्य नहीं हुआ।
इस खबर पर प्रतिक्रिया लेने के लिए जब मनीष मसी बिष्ट को फोन लगाया गया और पूछा गया कि प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला ने आदेश किए थे कि किसी भी मेडिकल स्टोर पर बिना फार्मासिस्ट के दवा नहीं बेची जाएगी,इस कानून को प्रभावी रूप से पालन कराया जाएगा और इसकी जिम्मेदारी जिले के ड्रग इंस्पेक्टर की होगी,इसका जवाब में श्री माननीय शिवपुरी के ड्रग इंस्पेक्टर साहब ने कहा कि यह कानून तो 1948 से ही है,यह जवाब एक उपहास जैसा लगता है मानो साहब कह रहे हो कि इसमें क्या नया है यह तो 6 दशक पुराना कानून है।
वही पूछा गया कि आपने डिप्टी सीएम के आदेश के बाद शिवपुरी जिले की एक भी मेडिकल स्टोर को चेक नहीं किया प्रतिबंधित दवा बेची जा रही है इस पर श्री बिस्ट साहब ने कहा कि आप बता तो कहा बेची जा रही है हम कार्यवाही करा देते है और रही बात फार्मासिस्ट वाली इसमें दुकान का प्रोपराइटर अलग होता है और फार्मासिस्ट अलग यह कानून ही गलत है।
कुल मिलाकर श्री बिस्ट साहब को अपना धर्म अर्थात अपना ड्रग विभाग के नियम और कानून ही गलत लगते है,इस कारण ही वह अपने जिले को अपने ही हिसाब से चला रहे है शिवपुरी निवास नही करते,अपने मुख्यालय पर नहीं रहते,मेडिकल जैसी दुकानों का हाल किराने की दुकान जैसा है,मेडिकल स्टोरों पर कोई रिकॉर्ड नहीं है कोई भी कभी भी जाए कोई भी दवा ले आए यह सब श्री माननीय साहेब के अपने स्वयं के कानून है,क्योंकि वह अपने औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 को नहीं मानते हैं।