पार्षद पहुंचे SP के पास, घोटाले में नपाध्यक्ष सहित जिम्मेदारों पर मामला दर्ज हो

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पालिका पार्षदों के विवाद में उपजे घोटाले को लेकर आज नगर पालिका के आधा दर्जन पार्षद आज शिवपुरी पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचे और 24 लाख 60 हजार के घोटाले में शेष बचे आरोपीगण के विरुद्ध मामला दर्ज करने की मांग की है। पुलिस अधीक्षक ने नियमनुसार नगर पालिका एक्ट के तहत दोषी लोगों की जांच मामला दर्ज करने का आश्वासन दिया है।

पार्षदों का कहना था कि रोड रेटेशन मे हुए घोटाले में अभी नगर पालिका के इंजीनियर सहित ठेकेदार पर मामला दर्ज हुआ है।  जांचोपरांत स्पष्ट हुआ है कि उक्त भुगतान कूटरचना करके फर्जी तौर पर किया गया है। संबंधित वाडों में मुरम कत्तल व डस्ट नही डलवाये गये हैं। कलेक्टर महोदय द्वारा उक्त प्रकरण में सहायक यंत्री सतीश निगम, उपयंत्री जितेन्द्र परिहार एवं ठेकेदार अर्पित शर्मा (प्रोपराइटर मेसर्स शिवम कन्स्ट्रक्शन कम्पनी शिवपुरी) के विरूद्ध पुलिस थाना कोतवाली शिवपुरी में एफआईआर दर्ज करवाई जा चुकी है।

यह कि उक्त घोटाले में शामिल अन्य कर्मचारी अधिकारी जैसे- मुख्य नगरपालिका अधिकारी, कार्यपालन यंत्री, लेखापाल,सहायक यंत्री, उप यंत्री तथा अध्यक्ष नगरपालिका परिषद शिवपुरी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।


आर्थिक घोटाले के सम्बन्ध में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य निम्नलिखित अनुसार हैं
1. मुख्य नगर पालिका अधिकारी ईशांक धाकड़, लेखापाल रवि झा एवं अध्यक्ष नगर पालिका के हस्ताक्षरों से ही भुगतान के बिल, व्हाउचर, नेफ्ट तैयार किये जाते हैं।

2. मुख्य नगरपालिका अधिकारी का दायित्व बनता है कि भौतिक सत्यापन के बाद भुगतान करें। इनके द्वारा ठेकेदार से सांठगांठ करके फर्जी भुगतान किया गया है। कलेक्टर महोदय द्वारा करवाई गई जाँच की रिपोर्ट संलग्न है। श्रीमान चाहें तो रिपोर्ट की पुष्टि कर सकते हैं।

3. लेखापाल रवि झा द्वारा दस्तावेजों का सही ढंग से अवलोकन व सत्यापन नहीं किया गया।

4. कार्यपालन यंत्री द्वारा मुरम कत्तल डस्ट डलवाने सम्बन्धी फाइल के दस्तावेजों का ईमानदारी पूर्वक अवलोकन नही किया गया, परीक्षण नहीं किया गया जिसकी वजह से इतना बड़ा आर्थिक घोटाला किया गया है। कार्यपालन यंत्री की भी इस घोटाले में महत्वपूर्ण भूमिका है।

5. अध्यक्ष नगरपालिका शिवपुरी द्वारा भी उनके दायित्व का निर्वहन नहीं किया गया बल्कि इस फर्जी भुगतान के दस्तावेजों पर उन्होंने हस्ताक्षर किये हैं, उनकी भूमिका की भी जांच की जाना न्यायहित में आवश्यक है।

6. उपयंत्री रामवीर शर्मा एवं सहायक यंत्री सचिन चौहान द्वारा भी वार्डों में मुरम कत्तल डस्ट डालने सम्बन्धी फाइल पर स्वीकृति हेतु हस्ताक्षर किये गये हैं।

नगरपालिका शिवपुरी के अन्तर्गत वार्ड नं. 01, 07, 17, 31, 36, 39 में बिना मुरम-कत्तल डस्ट डलवाये आपसी मिलीभगत से कूटरचना व फर्जीवाड़ा करके लगभग 4,60,000/-रू. के फर्जी भुगतान करने के मामले में शेष बचे आरोपीगण के विरूद्ध भी उपयुक्त धाराओं में एफआईआर दर्ज करवाये जाने का कष्ट करें।