बैराड़। विश्व हिन्दू परिषद का 61वां स्थापना दिवस बैराड़ में रविवार को धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में देश के प्रख्यात कवियों ने अपने काव्य से श्रोताओं को जोश, उत्साह और प्रेरणा से भर दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चारण और भारत माता, भगवान श्रीराम तथा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
मुख्य अतिथि प्रांत उपाध्यक्ष पप्पू वर्मा ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद उस परिस्थिति में जन्मा, जब हिंदुओं को अपने धर्म और राष्ट्र के प्रति जागरूक और कट्टर बनने की आवश्यकता थी। उन्होंने संगठन की छह दशकों से अधिक की उपलब्धियों और समाज में उसकी भूमिका पर भी प्रकाश डाला।
कवि सम्मेलन की झलक
मुकेश मोलवा ने वीर रस की कविताओं के माध्यम से श्रोताओं में राष्ट्रभक्ति की ज्वाला प्रज्वलित की। उनके काव्य में मातृभूमि की रक्षा, शहीद सैनिकों का गौरव और हिंदू समाज की एकता झलक रही थी।
कुलदीप रंगीला ने हास्य कविताओं और व्यंग्य के माध्यम से समाज की विसंगतियों और आम आदमी की परेशानियों को मजेदार अंदाज में प्रस्तुत किया।
आशुतोष शर्मा 'ओज' ने वीर शिवाजी और महाराणा प्रताप की वीरता तथा हल्दीघाटी युद्ध की गाथा को अपने शब्दों में जीवंत कर युवाओं में साहस और देशभक्ति की अलख जगाई। पलक सिकरवार ने बेटियों के साहस का संदेश देते हुए कहा कि देश की बेटियों को कांच की गुड़िया न समझें; पिघल जाएं तो मोम हैं, बिगड़ जाएं तो शमशीर हैं।
अंजली गुप्ता ने प्रेम और विरह के भावों को काव्य में व्यक्त किया
शिवम सिसोदिया ने देश में फैल रहे असामाजिक तत्वों और इतिहास को तोड़ने वाले प्रयासों की आलोचना की। प्रदीप अवस्थी, सौरव सरस, श्याम सरल और सतीश किंकर ने गीत और गजल से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
काव्य पाठ के दौरान भारत माता की जय, जय श्रीराम, वंदे मातरम् के जयकारों से पूरा पंडाल गूंज उठा। मंच संचालन आशुतोष शर्मा ने किया। बजरंग दल बैराड़ के संयोजक प्रिंस प्रजापति ने कहा कि ऐसे आयोजनों से साहित्य, संस्कृति और राष्ट्र प्रेम दोनों को बढ़ावा मिलता है।
इस अवसर पर प्रांत मातृशक्ति संयोजिका अनीता सिकरवार, विभाग संगठन मंत्री राजा सिसोदिया, विभाग सह संयोजक कुलदीप सिंह सिसोदिया, जिलाध्यक्ष रामसिंह यादव, जिला मंत्री ग्वालियर राजू गोस्वामी, जिला मंत्री श्योपुर संजू पंडित, जिला मंत्री विनोद पुरी गोस्वामी, जिला सह मंत्री मुकेश यादव, जिला संयोजक सुनील सिंह राठौर, जिला सह संयोजक लल्ला लुकवासा, जिला गौ सेवा प्रमुख रामसेवक परिहार और जिला सत्संग प्रमुख दिलीप मरैया सहित हजारों कार्यकर्ता और क्षेत्रवासी मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि प्रांत उपाध्यक्ष पप्पू वर्मा ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद उस परिस्थिति में जन्मा, जब हिंदुओं को अपने धर्म और राष्ट्र के प्रति जागरूक और कट्टर बनने की आवश्यकता थी। उन्होंने संगठन की छह दशकों से अधिक की उपलब्धियों और समाज में उसकी भूमिका पर भी प्रकाश डाला।
कवि सम्मेलन की झलक
मुकेश मोलवा ने वीर रस की कविताओं के माध्यम से श्रोताओं में राष्ट्रभक्ति की ज्वाला प्रज्वलित की। उनके काव्य में मातृभूमि की रक्षा, शहीद सैनिकों का गौरव और हिंदू समाज की एकता झलक रही थी।
कुलदीप रंगीला ने हास्य कविताओं और व्यंग्य के माध्यम से समाज की विसंगतियों और आम आदमी की परेशानियों को मजेदार अंदाज में प्रस्तुत किया।
आशुतोष शर्मा 'ओज' ने वीर शिवाजी और महाराणा प्रताप की वीरता तथा हल्दीघाटी युद्ध की गाथा को अपने शब्दों में जीवंत कर युवाओं में साहस और देशभक्ति की अलख जगाई। पलक सिकरवार ने बेटियों के साहस का संदेश देते हुए कहा कि देश की बेटियों को कांच की गुड़िया न समझें; पिघल जाएं तो मोम हैं, बिगड़ जाएं तो शमशीर हैं।
अंजली गुप्ता ने प्रेम और विरह के भावों को काव्य में व्यक्त किया
शिवम सिसोदिया ने देश में फैल रहे असामाजिक तत्वों और इतिहास को तोड़ने वाले प्रयासों की आलोचना की। प्रदीप अवस्थी, सौरव सरस, श्याम सरल और सतीश किंकर ने गीत और गजल से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
काव्य पाठ के दौरान भारत माता की जय, जय श्रीराम, वंदे मातरम् के जयकारों से पूरा पंडाल गूंज उठा। मंच संचालन आशुतोष शर्मा ने किया। बजरंग दल बैराड़ के संयोजक प्रिंस प्रजापति ने कहा कि ऐसे आयोजनों से साहित्य, संस्कृति और राष्ट्र प्रेम दोनों को बढ़ावा मिलता है।
इस अवसर पर प्रांत मातृशक्ति संयोजिका अनीता सिकरवार, विभाग संगठन मंत्री राजा सिसोदिया, विभाग सह संयोजक कुलदीप सिंह सिसोदिया, जिलाध्यक्ष रामसिंह यादव, जिला मंत्री ग्वालियर राजू गोस्वामी, जिला मंत्री श्योपुर संजू पंडित, जिला मंत्री विनोद पुरी गोस्वामी, जिला सह मंत्री मुकेश यादव, जिला संयोजक सुनील सिंह राठौर, जिला सह संयोजक लल्ला लुकवासा, जिला गौ सेवा प्रमुख रामसेवक परिहार और जिला सत्संग प्रमुख दिलीप मरैया सहित हजारों कार्यकर्ता और क्षेत्रवासी मौजूद रहे।