अनिल कुशवाह @ शिवपुरी। शिवपुरी जिले के सुभाषपुरा थाना सीमा में जेल के बंद कैदी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक ग्वालियर का रहने वाला था और सजायाफ्ता कैदी था,पैरोल पर बाहर आया था,मृतक ने अपने पिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर का खुलासा किया है। इस मामले में मृतक के छोटे भाई ने ही हत्या की कहानी लिखी थी और इस कहानी में एक 16 साल की लडकी को हथियार बनाया गया था और एक शूटर को भाई की हत्या करने की सुपारी दी थी,इस घटना में सबसे बड़ी बात यह निकली है मृतक को भाई मध्यप्रदेश पुलिस में एएसआई होकर इंदौर में पदस्थ है,हत्या का कारण पारिवारिक संपत्ति को लेकर आया है।
सबसे पहले पढे घटनाक्रम का विवरण
शिवपुरी जिले के सुभाषपुरा थाना सीमा में स्थित ग्वालियर-शिवपुरी फोरलेन एनएच 26 पर 23 जुलाई की देर रात अजय तोमर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतक अजय तोमर ने 2017 में अपने पिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अजय तोमर ने अपने ही घर पर अपने पिता एएसआई हनुमान सिंह तोमर के सिर में चार गोली मारकर हत्या कर दी थी। अपने पिता की हत्या और भाई पर जानलेवा हमला करने के आरोप में लीलाधर उर्फ अजय तोमर को न्यायालय ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। मृतक वर्तमान समय में पैरोल पर चल रहा था।
लीलाधर तोमर पैरोल पर चल रहा था और उसकी 29 जुलाई को पैरोल खत्म होने वाली थी इस कारण वह अपनी किराए की अर्टिगा कार लेकर अपनी महिला मित्र के साथ शिवपुरी भ्रमण पर आया था,बुधवार की देर रात वह ग्वालियर लौट रहा था। रास्ते मे सतनवाड़ा थाना सीमा में स्थित फोरलेन पर एक सीएनसी पंप पर कार में गैस भरवाई गई उसके बाद यह आगे बढे। जैसे ही कार सुभाषपुरा थाना सीमा में पहुंची ओर महिला ने टॉयलेट के लिए कार रुकवाई उसी समय बाइक पर सवार होकर अज्ञात बदमाश आए और सीधे लीलाधर को टारगेट कर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाना शुरू कर दी,बताया जा रहा है कि घटना के समय लीलाधर तोमर पीछे की सीट पर बैठा था और उसकी महिला साथी आगे की सीट पर बैठी थी।
कार चालक भगत सिंह ने पुनिल को बताया कि वह कार को भगाकर सीधे ग्वालियर ट्रामा सेंटर पहुंचा,डॉक्टरों ने लीलाधर तोमर उर्फ अजय तोमर को मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि कई गोलियां लीलाधर के शरीर में फंसी रह गई। वारदात की सूचना के बाद शिवपुरी के सुभाषपुरा थाने को दी गई। दोनों गानों की टीमें मामले की जांच में जुट गई थी।
सबसे पहले पढे घटनाक्रम का विवरण
शिवपुरी जिले के सुभाषपुरा थाना सीमा में स्थित ग्वालियर-शिवपुरी फोरलेन एनएच 26 पर 23 जुलाई की देर रात अजय तोमर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतक अजय तोमर ने 2017 में अपने पिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अजय तोमर ने अपने ही घर पर अपने पिता एएसआई हनुमान सिंह तोमर के सिर में चार गोली मारकर हत्या कर दी थी। अपने पिता की हत्या और भाई पर जानलेवा हमला करने के आरोप में लीलाधर उर्फ अजय तोमर को न्यायालय ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। मृतक वर्तमान समय में पैरोल पर चल रहा था।
लीलाधर तोमर पैरोल पर चल रहा था और उसकी 29 जुलाई को पैरोल खत्म होने वाली थी इस कारण वह अपनी किराए की अर्टिगा कार लेकर अपनी महिला मित्र के साथ शिवपुरी भ्रमण पर आया था,बुधवार की देर रात वह ग्वालियर लौट रहा था। रास्ते मे सतनवाड़ा थाना सीमा में स्थित फोरलेन पर एक सीएनसी पंप पर कार में गैस भरवाई गई उसके बाद यह आगे बढे। जैसे ही कार सुभाषपुरा थाना सीमा में पहुंची ओर महिला ने टॉयलेट के लिए कार रुकवाई उसी समय बाइक पर सवार होकर अज्ञात बदमाश आए और सीधे लीलाधर को टारगेट कर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाना शुरू कर दी,बताया जा रहा है कि घटना के समय लीलाधर तोमर पीछे की सीट पर बैठा था और उसकी महिला साथी आगे की सीट पर बैठी थी।
कार चालक भगत सिंह ने पुनिल को बताया कि वह कार को भगाकर सीधे ग्वालियर ट्रामा सेंटर पहुंचा,डॉक्टरों ने लीलाधर तोमर उर्फ अजय तोमर को मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि कई गोलियां लीलाधर के शरीर में फंसी रह गई। वारदात की सूचना के बाद शिवपुरी के सुभाषपुरा थाने को दी गई। दोनों गानों की टीमें मामले की जांच में जुट गई थी।
संपत्ति के पैसों को सेटलमेन्ट की चर्चा चल रही थी।
इस अंधे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ ने एक विशेष टीम का गठन किया। प्रकरण में अनुसंधान के दौरान यह ज्ञात हुआ कि मृतक अजय के पिता की हत्या होने से पुलिस विभाग में उसके छोटे भाई भानू तोमर को अनुकंपा नियुक्ति मिली थी जो इंदौर में एएसआई के पद पर था, एवं मृतक अजय तोमर का जेल जाने के कारण अपनी पत्नी से तलाक हो गया था। एवं भानू तोमर द्वारा पैतृक मकान बेच दिया गया था। तथा मकान व अन्य सम्पत्ति के पैसों को लेकर अभी पैरोल पर आने के बाद सेटलमेंट की चर्चा चल रही थी।
500 कैमरो को खंगाला गया निकल आया सुराग
पुलिस टीम ने इस मामले की जांच शुरू की तो घटना वाली रात मृतक अजय तोमर की कार के पीछे एक कार XUV500 MP 13 CB 3053 भी चल रही थी,इस कार के नंबर को सर्च किया तो यह अजय तोमर के बडे भाई एएसआई भानू सिंह तोमर की चल रही थी। पुलिस टीम ने घटनास्थल से लेकर शिवपुरी एंव शिवपुरी से ग्वालियर तक के लगभग 500 सीसीटीवी कैमरे चेक किए गये तो XUV 500 कं MP 13 CB 3053 मेें एक लड़की के मृतक अजय तोमर के छोटे भाई भानू तोमर के साथ बैठी दिखी,इस फुटेज ने पुलिस का शक और विश्वास हो गया कि भानू तोमर ने की अपने बडे भाई की हत्या की है या करवाई है।
पुलिस ने कैमरो की जांच पाया कि अज्ञात लडकी धर्मेन्द्र कुशवाह, मोनेश तोमर, के साथ ग्वालियर में देखी गई एवं वही लडकी धर्मेन्द्र के साथ मृतक अजय तोमर से मिलते हुए दिखाई दी थी, एवं घटना दिनांक को उक्त अज्ञात संदिग्ध लडकी होटल टाउनहाउस (शैल्टर होटल) पड़ाव पर मृतक के भाई भानू तोमर के साथ देखी जाकर XUV500 MP 13 CB 3053 में बैठकर निकली थी।
पुलिस ने उठाया धर्मेंद्र कुशवाह और मोनेश तोमर का बैकग्राउंड
बताया जा रहा है पुलिस मोनेश तोमर का बैकग्राउंड उठाया तो मोनेश तोमर मृतक के परिवार का सदस्य है और धर्मेन्द्र कुशवाह के पिछले रिकॉर्ड को खंगाला गया तो वह एक पेशेवर शूटर निकला। धर्मेन्द्र पुत्र जगन्नाथ कुशवाह छतरी बाजार ग्वालियर का रहने वाला था उसके विरूद्ध थाना जनकगंज में हत्या हत्या का प्रयास सहित गंभीर धाराओं में 07 अपराध पंजीबद्ध थे, उसके द्वारा वर्ष 2011 अपने मोहल्ले पिंकड दादा नाम के व्यक्ति की हत्या की थी जिसमे 26 जनवरी 2025 को अपनी सजा पूरी कर जेल से छूटकर आया था। धमेन्द्र और मृतक अजय तोमर केंद्रीय जेल मे एक साथ बंद थे। अजय तोमर जेल की 3 नंबर बेंरिंग में था और आरोपी धर्मेन्द्र कुशवाह 4 नंबर बेंरिंग में बंद था। दोनों की जेल में ही मुलाकात हुई थी और दोस्ती भी हो गई थी। पुलिस ने धर्मेन्द्र कुशवाह का उठाया और उससे पूछताछ की गई तो उसने इस हत्या का पूरा सच उगल दिया।
ऐसे की गई प्लानिंग हत्या की प्लानिंग
धर्मेन्द्र कुशवाह ने पुलिस को बताया गया कि मेरे जेल से रिहा होने पर मैने अपनी इंस्टाग्राम आईडी पर रिहा होने के फोटो डाले थे, उसके बाद इंस्टाग्राम पर भानू तोमर द्वारा मुझसे बात की,अजय तोमर के बारे में पूछा तो मैंने उसे बताया कि में उसका दोस्त हूं और जेल की दोस्ती की कुछ बाते भी बताई। भानू तोमर ने मुझे प्रलोभन दिया व मेरे खाते में कई बार पैसे डाले गये। व अजय तोमर के पेरोल पर आने पर उससे बदला लेने के लिए मिलाने को कहा एवं अपने भतीजे मोनेश तोमर के साथ एक लड़की को इंदौर से अजय से मित्रता कराने के लिए ग्वालियर भेजा था।
अनुसंधान के दौरान प्राप्त सीसीटीवी फुटेज से लडकी की प्राप्त फोटो के आधार पर लडकी का पता किया जा रहा था। काफी प्रयास के बाद यह सामने आया कि उक्त लड़की जो मृतक के साथ अंतिम बार देखी गई थी, उसके विरूद्ध थाना एरोड्रम इंदौर में अपराध पंजीबद्ध हुआ था जिसमे गैंगरेप मे सहआरोपिया होकर बालिका सम्प्रेषण गृह इंदौर में निरुद्ध थी, जो वहां से दिनांक 12 जुलाई 2025 को भाग आई थी। जिसके संबंध में प्रकरण थाना हीरा नगर, इंदौर में कायम हुआ था।
भाई की हत्या के लिए नाबालिग को किया गया प्लांट
अजय तोमर की हत्या के लिए सबसे पहले हथियार के रूप में एक नाबालिग लड़की को प्लांट किया गया था। यह लड़की गैंगरेप में सहआरोपी है। जैसा कि घटना वाले दिन ड्राइवर ने बताया कि था कि यह शिवपुरी के कटमई चौराहे से बैठी थी और इसने रात में टॉयलेट के बहाने कार को रुकवाया था इतने में एक कार रूकी और सीट पर पीछे बैठे अजय तोमर पर लगातार फायर किए जिससे उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने शूटर धर्मेंद्र कुशवाह, उसकी साथी नाबालिग लड़की और मोनेश तोमर को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने धर्मेंद्र से हत्या में इस्तेमाल हुआ 315 बोर का कट्टा और एक अंगूठी भी बरामद की है। इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी भानू तोमर फिलहाल फरार है, जिसकी तलाश जारी है। धर्मेन्द्र कुशवाह को एक लाख की सुपारी दी गई थी। वही इस हत्याकांड में आरोपी बनी नाबालिग कॉर्लगर्ल का काम करती है और धर्मेन्द्र कुशवाह इस नाबालिग को पूर्व से जानता था। चूंकि धर्मेन्द्र कुशवाह और मृतक अजय तोमर पूर्व के मित्र थे इस कारण उसने धर्मेन्द्र कुशवाह के द्वारा भेजी गई कॉलगर्ल पर विश्वास कर लिया।
500 कैमरो को खंगाला गया निकल आया सुराग
पुलिस टीम ने इस मामले की जांच शुरू की तो घटना वाली रात मृतक अजय तोमर की कार के पीछे एक कार XUV500 MP 13 CB 3053 भी चल रही थी,इस कार के नंबर को सर्च किया तो यह अजय तोमर के बडे भाई एएसआई भानू सिंह तोमर की चल रही थी। पुलिस टीम ने घटनास्थल से लेकर शिवपुरी एंव शिवपुरी से ग्वालियर तक के लगभग 500 सीसीटीवी कैमरे चेक किए गये तो XUV 500 कं MP 13 CB 3053 मेें एक लड़की के मृतक अजय तोमर के छोटे भाई भानू तोमर के साथ बैठी दिखी,इस फुटेज ने पुलिस का शक और विश्वास हो गया कि भानू तोमर ने की अपने बडे भाई की हत्या की है या करवाई है।
पुलिस ने कैमरो की जांच पाया कि अज्ञात लडकी धर्मेन्द्र कुशवाह, मोनेश तोमर, के साथ ग्वालियर में देखी गई एवं वही लडकी धर्मेन्द्र के साथ मृतक अजय तोमर से मिलते हुए दिखाई दी थी, एवं घटना दिनांक को उक्त अज्ञात संदिग्ध लडकी होटल टाउनहाउस (शैल्टर होटल) पड़ाव पर मृतक के भाई भानू तोमर के साथ देखी जाकर XUV500 MP 13 CB 3053 में बैठकर निकली थी।
पुलिस ने उठाया धर्मेंद्र कुशवाह और मोनेश तोमर का बैकग्राउंड
बताया जा रहा है पुलिस मोनेश तोमर का बैकग्राउंड उठाया तो मोनेश तोमर मृतक के परिवार का सदस्य है और धर्मेन्द्र कुशवाह के पिछले रिकॉर्ड को खंगाला गया तो वह एक पेशेवर शूटर निकला। धर्मेन्द्र पुत्र जगन्नाथ कुशवाह छतरी बाजार ग्वालियर का रहने वाला था उसके विरूद्ध थाना जनकगंज में हत्या हत्या का प्रयास सहित गंभीर धाराओं में 07 अपराध पंजीबद्ध थे, उसके द्वारा वर्ष 2011 अपने मोहल्ले पिंकड दादा नाम के व्यक्ति की हत्या की थी जिसमे 26 जनवरी 2025 को अपनी सजा पूरी कर जेल से छूटकर आया था। धमेन्द्र और मृतक अजय तोमर केंद्रीय जेल मे एक साथ बंद थे। अजय तोमर जेल की 3 नंबर बेंरिंग में था और आरोपी धर्मेन्द्र कुशवाह 4 नंबर बेंरिंग में बंद था। दोनों की जेल में ही मुलाकात हुई थी और दोस्ती भी हो गई थी। पुलिस ने धर्मेन्द्र कुशवाह का उठाया और उससे पूछताछ की गई तो उसने इस हत्या का पूरा सच उगल दिया।
ऐसे की गई प्लानिंग हत्या की प्लानिंग
धर्मेन्द्र कुशवाह ने पुलिस को बताया गया कि मेरे जेल से रिहा होने पर मैने अपनी इंस्टाग्राम आईडी पर रिहा होने के फोटो डाले थे, उसके बाद इंस्टाग्राम पर भानू तोमर द्वारा मुझसे बात की,अजय तोमर के बारे में पूछा तो मैंने उसे बताया कि में उसका दोस्त हूं और जेल की दोस्ती की कुछ बाते भी बताई। भानू तोमर ने मुझे प्रलोभन दिया व मेरे खाते में कई बार पैसे डाले गये। व अजय तोमर के पेरोल पर आने पर उससे बदला लेने के लिए मिलाने को कहा एवं अपने भतीजे मोनेश तोमर के साथ एक लड़की को इंदौर से अजय से मित्रता कराने के लिए ग्वालियर भेजा था।
अनुसंधान के दौरान प्राप्त सीसीटीवी फुटेज से लडकी की प्राप्त फोटो के आधार पर लडकी का पता किया जा रहा था। काफी प्रयास के बाद यह सामने आया कि उक्त लड़की जो मृतक के साथ अंतिम बार देखी गई थी, उसके विरूद्ध थाना एरोड्रम इंदौर में अपराध पंजीबद्ध हुआ था जिसमे गैंगरेप मे सहआरोपिया होकर बालिका सम्प्रेषण गृह इंदौर में निरुद्ध थी, जो वहां से दिनांक 12 जुलाई 2025 को भाग आई थी। जिसके संबंध में प्रकरण थाना हीरा नगर, इंदौर में कायम हुआ था।
भाई की हत्या के लिए नाबालिग को किया गया प्लांट
अजय तोमर की हत्या के लिए सबसे पहले हथियार के रूप में एक नाबालिग लड़की को प्लांट किया गया था। यह लड़की गैंगरेप में सहआरोपी है। जैसा कि घटना वाले दिन ड्राइवर ने बताया कि था कि यह शिवपुरी के कटमई चौराहे से बैठी थी और इसने रात में टॉयलेट के बहाने कार को रुकवाया था इतने में एक कार रूकी और सीट पर पीछे बैठे अजय तोमर पर लगातार फायर किए जिससे उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने शूटर धर्मेंद्र कुशवाह, उसकी साथी नाबालिग लड़की और मोनेश तोमर को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने धर्मेंद्र से हत्या में इस्तेमाल हुआ 315 बोर का कट्टा और एक अंगूठी भी बरामद की है। इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी भानू तोमर फिलहाल फरार है, जिसकी तलाश जारी है। धर्मेन्द्र कुशवाह को एक लाख की सुपारी दी गई थी। वही इस हत्याकांड में आरोपी बनी नाबालिग कॉर्लगर्ल का काम करती है और धर्मेन्द्र कुशवाह इस नाबालिग को पूर्व से जानता था। चूंकि धर्मेन्द्र कुशवाह और मृतक अजय तोमर पूर्व के मित्र थे इस कारण उसने धर्मेन्द्र कुशवाह के द्वारा भेजी गई कॉलगर्ल पर विश्वास कर लिया।
पुलिस टीम को बधाई
पुलिस अधीक्षक श्री अमन सिंह राठौड़ ने इस अंधे कत्ल का खुलासा करने वाली टीम की सराहना की। इस टीम में थाना प्रभारी सुभाषपुरा उनि० राजीव दुबे, थाना प्रभारी सतनवाडा उनि० सुनील सिंह राजपूत, थाना प्रभारी सुरवाया उनि० अरविंद छारी, थाना प्रभारी कोतवाली उनि० शिखा तिवारी और साइबर सेल प्रभारी उनि० धर्मेंद्र जाट समेत कई पुलिसकर्मी शामिल थे।