नरवर। नरवर के श्री बंसी वाले सेवा मंडल द्वारा आयोजित भव्य कांवड़ यात्रा का आज समापन भगवान भोलेनाथ की जलाभिषेक की पूर्णता के साथ संपन्न हुआ। खिरिया घाट पर स्थित सिद्ध बाबा के पावन स्थान पर हुआ। यात्रा में शामिल 151 कांवरियों ने गंगाजल से भगवान शिव का विधिवत अभिषेक कर अपनी भक्ति पूर्ण की।
कठिनाइयों भरे रास्ते में 'बम बम भोले' के जयकारों के साथ खिरिया घाट पहुंचे श्रद्धालु
धूमेश्वर धाम से प्रारंभ हुई यह दो दिवसीय यात्रा श्रद्धा, सेवा और आस्था की मिसाल बनी। रास्ते भर बारिश और कठिनाइयों के बावजूद श्रद्धालु "बम बम भोले" के जयकारों के साथ लगातार आगे बढ़ते रहे। कुल 45 किलोमीटर की दूरी तय कर कावड़िए आज खिरिया घाट पहुंचे, जहां सभी ने भक्ति भाव से भगवान शिव को जल अर्पित किया।
घाट पर अनुष्ठान,भजन कीर्तन,प्रसाद के साथ सफलतापूर्वक रही यात्रा
अभिषेक के बाद खिरिया घाट पर धार्मिक अनुष्ठान, भजन कीर्तन और प्रसाद वितरण का आयोजन हुआ। पूरा वातावरण शिवमय हो गया। श्री बंसी वाले सेवा मंडल के अध्यक्ष केपी भैया एवं उनकी टीम द्वारा सभी व्यवस्थाओं को सफलतापूर्वक संचालित किया गया।
कांवरियों को जगह-जगह हुआ स्वागत
स्थानीय ग्रामीणों और भक्तों ने भी आयोजन में सहयोग देते हुए कांवरियों का जगह-जगह स्वागत किया और भोजन व फल आदि वितरित किए। महिला एवं पुरुष दोनों वर्गों ने समान रूप से भाग लेकर यह संदेश दिया कि आस्था में कोई भेद नहीं। यह कांवर यात्रा ना केवल भक्ति का प्रतीक रही बल्कि सामाजिक समरसता और सहयोग की भावना को भी मजबूत करने वाली सिद्ध हुई। आयोजन की सफलता के लिए सभी भक्तों एवं मंडल के सदस्यों ने एकजुट होकर अथक प्रयास किया।
कठिनाइयों भरे रास्ते में 'बम बम भोले' के जयकारों के साथ खिरिया घाट पहुंचे श्रद्धालु
धूमेश्वर धाम से प्रारंभ हुई यह दो दिवसीय यात्रा श्रद्धा, सेवा और आस्था की मिसाल बनी। रास्ते भर बारिश और कठिनाइयों के बावजूद श्रद्धालु "बम बम भोले" के जयकारों के साथ लगातार आगे बढ़ते रहे। कुल 45 किलोमीटर की दूरी तय कर कावड़िए आज खिरिया घाट पहुंचे, जहां सभी ने भक्ति भाव से भगवान शिव को जल अर्पित किया।
घाट पर अनुष्ठान,भजन कीर्तन,प्रसाद के साथ सफलतापूर्वक रही यात्रा
अभिषेक के बाद खिरिया घाट पर धार्मिक अनुष्ठान, भजन कीर्तन और प्रसाद वितरण का आयोजन हुआ। पूरा वातावरण शिवमय हो गया। श्री बंसी वाले सेवा मंडल के अध्यक्ष केपी भैया एवं उनकी टीम द्वारा सभी व्यवस्थाओं को सफलतापूर्वक संचालित किया गया।
कांवरियों को जगह-जगह हुआ स्वागत
स्थानीय ग्रामीणों और भक्तों ने भी आयोजन में सहयोग देते हुए कांवरियों का जगह-जगह स्वागत किया और भोजन व फल आदि वितरित किए। महिला एवं पुरुष दोनों वर्गों ने समान रूप से भाग लेकर यह संदेश दिया कि आस्था में कोई भेद नहीं। यह कांवर यात्रा ना केवल भक्ति का प्रतीक रही बल्कि सामाजिक समरसता और सहयोग की भावना को भी मजबूत करने वाली सिद्ध हुई। आयोजन की सफलता के लिए सभी भक्तों एवं मंडल के सदस्यों ने एकजुट होकर अथक प्रयास किया।