शिवपुरी। राखी के त्यौहार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। शिवपुरी शहर में राखी का बाजार सज गया है,मार्केट में एक रुपए से लेकर 1 हजार की राखी उपलब्ध है। शिवपुरी शहर में राखी का बाजार शहर के सबसे व्यस्त टेकरी बाजार में लगता है। इस टेकरी बाजार में प्रगति बाजार,सदर बाजार की सांखला ज्वैलर्स की ऊपर वाली सड़क,निचला बाजार का कुछ हिस्सा ओर टेकरी बाजार की सारी गालियो में राखी की दुकान सजती है। कुछ दुकान शोरूम जैसी है और कुछ दुकानें फुटपाथ पर बनाई जा रही है। कुछ दुकानें इस बार कोर्ट रोड पर भी सज रही है।
दुकानों पर बच्चों के लिए कार्टून की विशेष राखियों की भी मांग की जा रही है। भाइयों के लिए बहनें दुकानों से मनपसंद राखियां खरीद रही है। टेकरी बाजार व कोर्ट रोड पर एक सैकड़ा से अधिक व्यापारियों ने राखी की दुकानें लगाई हैं। इस साल 9 अगस्त को राखी का त्योहार मनाया जाएगा और बाजार में चहल-पहल बढ़ गई है। हालांकि इस साल हुई तेज बारिश के चलते ग्रामीण इलाकों से लोग बाजारों में कम ही पहुंच रहे हैं। वहीं बाजारों में अतिक्रमण होने के चलते जाम की स्थिति बन रही है।
बाजार में 1 रुपए से लेकर 1 हजार रुपए तक की राखियां उपलब्ध हैं। 1 रुपए में ग्राहक को रेशम का धागा मिल रहा है, तो वहीं फैंसी राखियों की कीमत उनकी गुणवत्ता के अनुसार है। इस साल 70 रुपए से 300 रुपए तक बिकने वाली चूड़ी वाली राखियों की मांग ज्यादा है। 180 रुपए से लेकर 600 रुपए तक में मिलने वाली भैया भाभी की राखियां एवं 20 रुपए से शुरू होकर 350 रुपए तक की स्टोन राखी एवं ब्रेसलेट सेट बहनों की पसंद बनी हुई है। इसके साथ ही 700 रुपए से 1 हजार रुपए तक बिकने वाली स्टोन की राखियां एवं इससे अधिक दामों में मिलने वाली चांदी की राखियों की मांग भी अधिक है।
टेकरी बाजार में राखी की दुाकन लगाने वाले प्रियंका कुशवाह ने बताया कि बाजार में राखियों का पूरा माल आ गया है। हमने कोलकाता एवं दिल्ली से राखियां मंगाई हैं। इस साल बाजार में राखियों की कीमत पर 10 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इसके पीछे का कारण मजदूरी महंगी होना एवं टैक्स बढ़ना बताया जा रहा है। हमारी दुकान पर एक रुपए से लेकर एक हजार तक की राखी ग्राहकों के लिए उपलब्ध है। वही एक अन्य राखी के दुकानदार सुरेन्द्र गोयल ने कहा कि बारिश की वजह से इस साल बाजार में ग्रामीण इलाकों से कम ही ग्राहक खरीददारी करने आ रहे हैं। हमने दिल्ली एवं कोलकाता से राखियां मंगाई हैं। 10 रुपए से लेकर 700 रुपए तक की राखियां हमारी दुकान पर उपलब्ध हैं। बच्चों के लिए कई तरह की ऐसी राखियां भी हैं, जिन पर कार्टून लगे हुए हैं, जो उन्हें काफी पसंद आ रहीं हैं।
बाजार तैयार लेकिन ट्रैफिक प्लान तैयार नही
रक्षाबंधन की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन शहर की सड़कों पर ट्रैफिक व्यवस्था की कोई तैयारी नहीं दिख रही। माधव चौक से अस्पताल चौराहा एवं टेकरी बाजार और सदर बाजार तक बढ़ते ट्रैफिक दबाव के बीच यातायात विभाग ने अब तक कोई ठोस ट्रैफिक प्लान तैयार नहीं किया है। बाजार में राखियों की दुकानों की रौनक बढ़ने के साथ ही सड़कों पर जाम की स्थिति बनने है। अतिक्रमण, बेतरतीब पार्किंग और सब्जी व फल के हाथ ठेलों में हालात को और बदतर बना दिया है। माधव चौक से अस्पताल चौक तक की सड़कों पर दुकानदारों ने 5 फीट से ज्यादा अतिक्रमण कर लिया है। पुराना बस स्टैंड रोड पर चार पहिया और बड़े वाहनों की अव्यवस्थित पार्किंग से दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती है।
त्योहार के लिए जल्द बने ट्रैफिक प्लान
शहर के दुकानदारों एवं समाजसेवियों का कहना है कि त्योहारी सीजन में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू करना जरूरी है। व्यापारी रविंद्र गोयल ने बताया कि बिगड़ी व्यवस्था और अतिक्रमण के कारण न केवल वाहन चालकों को परेशानी हो रही है, बल्कि पैदल चलने वाले ग्राहकों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन को जल्द से जल्द ट्रैफिक प्लान बनाकर जाम की समस्या से निजात दिलाई जानी चाहिए।
दुकानों पर बच्चों के लिए कार्टून की विशेष राखियों की भी मांग की जा रही है। भाइयों के लिए बहनें दुकानों से मनपसंद राखियां खरीद रही है। टेकरी बाजार व कोर्ट रोड पर एक सैकड़ा से अधिक व्यापारियों ने राखी की दुकानें लगाई हैं। इस साल 9 अगस्त को राखी का त्योहार मनाया जाएगा और बाजार में चहल-पहल बढ़ गई है। हालांकि इस साल हुई तेज बारिश के चलते ग्रामीण इलाकों से लोग बाजारों में कम ही पहुंच रहे हैं। वहीं बाजारों में अतिक्रमण होने के चलते जाम की स्थिति बन रही है।
बाजार में 1 रुपए से लेकर 1 हजार रुपए तक की राखियां उपलब्ध हैं। 1 रुपए में ग्राहक को रेशम का धागा मिल रहा है, तो वहीं फैंसी राखियों की कीमत उनकी गुणवत्ता के अनुसार है। इस साल 70 रुपए से 300 रुपए तक बिकने वाली चूड़ी वाली राखियों की मांग ज्यादा है। 180 रुपए से लेकर 600 रुपए तक में मिलने वाली भैया भाभी की राखियां एवं 20 रुपए से शुरू होकर 350 रुपए तक की स्टोन राखी एवं ब्रेसलेट सेट बहनों की पसंद बनी हुई है। इसके साथ ही 700 रुपए से 1 हजार रुपए तक बिकने वाली स्टोन की राखियां एवं इससे अधिक दामों में मिलने वाली चांदी की राखियों की मांग भी अधिक है।
टेकरी बाजार में राखी की दुाकन लगाने वाले प्रियंका कुशवाह ने बताया कि बाजार में राखियों का पूरा माल आ गया है। हमने कोलकाता एवं दिल्ली से राखियां मंगाई हैं। इस साल बाजार में राखियों की कीमत पर 10 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इसके पीछे का कारण मजदूरी महंगी होना एवं टैक्स बढ़ना बताया जा रहा है। हमारी दुकान पर एक रुपए से लेकर एक हजार तक की राखी ग्राहकों के लिए उपलब्ध है। वही एक अन्य राखी के दुकानदार सुरेन्द्र गोयल ने कहा कि बारिश की वजह से इस साल बाजार में ग्रामीण इलाकों से कम ही ग्राहक खरीददारी करने आ रहे हैं। हमने दिल्ली एवं कोलकाता से राखियां मंगाई हैं। 10 रुपए से लेकर 700 रुपए तक की राखियां हमारी दुकान पर उपलब्ध हैं। बच्चों के लिए कई तरह की ऐसी राखियां भी हैं, जिन पर कार्टून लगे हुए हैं, जो उन्हें काफी पसंद आ रहीं हैं।
बाजार तैयार लेकिन ट्रैफिक प्लान तैयार नही
रक्षाबंधन की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन शहर की सड़कों पर ट्रैफिक व्यवस्था की कोई तैयारी नहीं दिख रही। माधव चौक से अस्पताल चौराहा एवं टेकरी बाजार और सदर बाजार तक बढ़ते ट्रैफिक दबाव के बीच यातायात विभाग ने अब तक कोई ठोस ट्रैफिक प्लान तैयार नहीं किया है। बाजार में राखियों की दुकानों की रौनक बढ़ने के साथ ही सड़कों पर जाम की स्थिति बनने है। अतिक्रमण, बेतरतीब पार्किंग और सब्जी व फल के हाथ ठेलों में हालात को और बदतर बना दिया है। माधव चौक से अस्पताल चौक तक की सड़कों पर दुकानदारों ने 5 फीट से ज्यादा अतिक्रमण कर लिया है। पुराना बस स्टैंड रोड पर चार पहिया और बड़े वाहनों की अव्यवस्थित पार्किंग से दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती है।
त्योहार के लिए जल्द बने ट्रैफिक प्लान
शहर के दुकानदारों एवं समाजसेवियों का कहना है कि त्योहारी सीजन में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू करना जरूरी है। व्यापारी रविंद्र गोयल ने बताया कि बिगड़ी व्यवस्था और अतिक्रमण के कारण न केवल वाहन चालकों को परेशानी हो रही है, बल्कि पैदल चलने वाले ग्राहकों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन को जल्द से जल्द ट्रैफिक प्लान बनाकर जाम की समस्या से निजात दिलाई जानी चाहिए।