शिवपुरी। शिवपुरी नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा के पक्ष में 10 पार्षद भी अब लिखित रूप में खडे नही दिखाई दिए,रूठो पार्षदों को मनाने का क्रम भाजपा नेता और सिंधिया निष्ठ भाजपाई नेता करते दिखे लेकिन वह सफल नहीं हो सके और अंत:शिवपुरी नगर पालिका के अध्याय में एक काला दिन के रूप में जुड़ गया कि कोरम पूरा ना होने के कारण तय ओर घोषित की गई परिषद की बैठक को स्थगित करना पडा।
नपा से जुड़े नेताओं और अन्य लोगों का कहना है कि वर्षों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि नपा की सामान्य सभा की बैठक में कोरम पूरा न होने के भय के चलते बैठक को स्थगित किया गया है। इस संबंध में बात करने के लिए जब नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा को फोन लगाए गए तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
खबर पर आगे चलने से पूर्व समझे परिषद के कोरम का अंकगणित
शिवपुरी नगर पालिका में टोटल 39 पार्षद है,और आज 4 अगस्त को होने वाली नगर पालिका की परिषद सम्मेलन के लिए कम से कम 13 पार्षदों की मंजूरी होना आवश्यक है,लेकिन सूत्र बताते है कि इस परिषद की बैठक को कराने के लिए अध्यक्ष के पास 10 पार्षदों की स्वीकृति भी नही थी। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के 10 पार्षदों ने इस परिषद की बैठक का बहिष्कार करते हुए नपा के बहार प्रदर्शन करने का निर्णय लिया था। वही भाजपा और भाजपा समर्थित 20 पार्षदों ने नपाध्यक्ष के भ्रष्टाचार के विरोध के क्रम में कसम खाकर बहिष्कार का निर्णय लिया था। ऐसे में नपा की बैठक के लिए कोरम पूरा करने 13 पार्षदों की संख्या भी पूरी नहीं हो रही थी,ऐसे में नगर पालिका अध्यक्ष को आज 4 अगस्त सोमवार को होने वाली बैठक को रद्द करने का निर्णय लेना पडा।
विरोध कर रहे भाजपाई पार्षदों ने कर दिया था बहिष्कार
बैठक को लेकर जब विरोध कर रहे भाजपाई पार्षदों में शामिल सरोज रामजी ब्यास से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 4 अगस्त को होने वाली नगर पालिका परिषद की बैठक में उन्होंने न जाने का निर्णय लिया था। वह इस परिषद की बैठक का बहिष्कार करते, ताकि बैठक का कोरम पूरा न हो। पार्षद राजू गुर्जर के अनुसार भाजपा के पदाधिकारियों और नेताओं ने सभी पार्षदों को मनाने का प्रयास किया, लेकिन पार्षदों सभी नेताओं के समक्ष स्पष्ट कर दिया कि गायत्री शर्मा के भ्रष्टाचार के विरोध में इस बैठक का बहिष्कार कर रहे हैं।
नपा से जुड़े नेताओं और अन्य लोगों का कहना है कि वर्षों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि नपा की सामान्य सभा की बैठक में कोरम पूरा न होने के भय के चलते बैठक को स्थगित किया गया है। इस संबंध में बात करने के लिए जब नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा को फोन लगाए गए तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
खबर पर आगे चलने से पूर्व समझे परिषद के कोरम का अंकगणित
शिवपुरी नगर पालिका में टोटल 39 पार्षद है,और आज 4 अगस्त को होने वाली नगर पालिका की परिषद सम्मेलन के लिए कम से कम 13 पार्षदों की मंजूरी होना आवश्यक है,लेकिन सूत्र बताते है कि इस परिषद की बैठक को कराने के लिए अध्यक्ष के पास 10 पार्षदों की स्वीकृति भी नही थी। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के 10 पार्षदों ने इस परिषद की बैठक का बहिष्कार करते हुए नपा के बहार प्रदर्शन करने का निर्णय लिया था। वही भाजपा और भाजपा समर्थित 20 पार्षदों ने नपाध्यक्ष के भ्रष्टाचार के विरोध के क्रम में कसम खाकर बहिष्कार का निर्णय लिया था। ऐसे में नपा की बैठक के लिए कोरम पूरा करने 13 पार्षदों की संख्या भी पूरी नहीं हो रही थी,ऐसे में नगर पालिका अध्यक्ष को आज 4 अगस्त सोमवार को होने वाली बैठक को रद्द करने का निर्णय लेना पडा।
विरोध कर रहे भाजपाई पार्षदों ने कर दिया था बहिष्कार
बैठक को लेकर जब विरोध कर रहे भाजपाई पार्षदों में शामिल सरोज रामजी ब्यास से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 4 अगस्त को होने वाली नगर पालिका परिषद की बैठक में उन्होंने न जाने का निर्णय लिया था। वह इस परिषद की बैठक का बहिष्कार करते, ताकि बैठक का कोरम पूरा न हो। पार्षद राजू गुर्जर के अनुसार भाजपा के पदाधिकारियों और नेताओं ने सभी पार्षदों को मनाने का प्रयास किया, लेकिन पार्षदों सभी नेताओं के समक्ष स्पष्ट कर दिया कि गायत्री शर्मा के भ्रष्टाचार के विरोध में इस बैठक का बहिष्कार कर रहे हैं।
कांग्रेस ने लिया था बहिष्कार का निर्णय
इस संबंध में जब नेता प्रतिपक्ष शशि शर्मा से बात की गई तो उनका कहना था कि नगर पालिका परिषद की इस बैठक के बहिष्कार के लिए जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा भी बैठक का आयोजन किया गया था। सभी पार्षदों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए थे कि नगर पालिका में अध्यक्ष और अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों से सांठगांठ करके किए जा रहे भ्रष्टाचार के विरोध में बैठक का बहिष्कार करना है। अगर बैठक होती तो 4 अगस्त को सभी कांग्रेसी पार्षदों सहित पूरे कांग्रेस पदाधिकारी नगर पालिका के गेट पर बैठ कर भ्रष्टाचार में लिप्त नगर पालिका का विरोध करते हुए नजर आते।
बैठक रद्द होना बडी घटना के संकेत
इस बैठक से नगर पालिका के अंकगणित भी सामने आ गया है कि नगर पालिका अध्यक्ष की पार्षर्दो पर कितनी पकड़ है उनके साथ कितने पार्षद है,यह भी इस बैठक के गणित से लगभग स्पष्ट हो गया है। भारतीय जनता पार्टी के शिवपुरी के महामंत्री ओमप्रकाश जैन पार्षद ने जब पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दिया था तो भारतीय जनता पार्टी शिवपुरी के जिला अध्यक्ष जसवंत जाटव उनके घर पर पहुंचे थे और चार दिन का समय दिया था। अब चार दिन बीतने से पूर्व विरोध पार्षदों ने बडा धमाका कर यह सकेंत दिया है कि अब आगे कुछ भी नही हो सकता है। पार्टी से 2 माह का समय दिया था,लेकिन भारतीय जनता पार्टी नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है अब वह आगे कुछ बडा करने का मन बना चुका है।
इस संबंध में जब नेता प्रतिपक्ष शशि शर्मा से बात की गई तो उनका कहना था कि नगर पालिका परिषद की इस बैठक के बहिष्कार के लिए जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा भी बैठक का आयोजन किया गया था। सभी पार्षदों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए थे कि नगर पालिका में अध्यक्ष और अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों से सांठगांठ करके किए जा रहे भ्रष्टाचार के विरोध में बैठक का बहिष्कार करना है। अगर बैठक होती तो 4 अगस्त को सभी कांग्रेसी पार्षदों सहित पूरे कांग्रेस पदाधिकारी नगर पालिका के गेट पर बैठ कर भ्रष्टाचार में लिप्त नगर पालिका का विरोध करते हुए नजर आते।
बैठक रद्द होना बडी घटना के संकेत
इस बैठक से नगर पालिका के अंकगणित भी सामने आ गया है कि नगर पालिका अध्यक्ष की पार्षर्दो पर कितनी पकड़ है उनके साथ कितने पार्षद है,यह भी इस बैठक के गणित से लगभग स्पष्ट हो गया है। भारतीय जनता पार्टी के शिवपुरी के महामंत्री ओमप्रकाश जैन पार्षद ने जब पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दिया था तो भारतीय जनता पार्टी शिवपुरी के जिला अध्यक्ष जसवंत जाटव उनके घर पर पहुंचे थे और चार दिन का समय दिया था। अब चार दिन बीतने से पूर्व विरोध पार्षदों ने बडा धमाका कर यह सकेंत दिया है कि अब आगे कुछ भी नही हो सकता है। पार्टी से 2 माह का समय दिया था,लेकिन भारतीय जनता पार्टी नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है अब वह आगे कुछ बडा करने का मन बना चुका है।