लुकवासा की सहकारी समिति में फर्जीवाडा, 40 टन खाद गायब, 21 लाख नकदी का फर्जी आहरण

Bhopal Samachar

शिवपुरी। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था लुकवासा के निलंबित समिति प्रबंधक ने किसानों की आड़ में फर्जी लोन मंजूर कराकर राशि हड़प ली। किसानों के नाम पर 40 मीट्रिक टन डीएपी खाद मंगाकर खुर्दबुर्द कर लिया। साल 2023 की जांच रिपोर्ट के आधार पर कोलारस थाना पुलिस ने बुधवार को समिति प्रबंधक, बैंक शाखा प्रबंधक सहित कैशियर के चार्ज में चपरासी राकेश पाराशर के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर लिया है।

जानकारी के मुताबिक प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति लुकवासा में तत्कालीन समिति प्रबंधक ने कुल 21.01 लाख रु.का गबन किया है। जांच के आधार पर कोलारस थाना पुलिस ने 20 अगस्त को तत्कालीन समिति प्रबंधक (निलंबित) विजयराज रघुवंशी, तत्कालीन कोलारस सहकारी बैंक शाखा प्रबंधक श्रीकृष्ण शर्मा और प्रभारी कैशियर कम चपरासी राकेश पाराशर के खिलाफ भादंसं की धारा 420, 467, 468, 120 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है।

बता दें कि तत्कालीन समिति प्रबंधक विजयराज रघुवंशी के प्रबंधकीय और निलंबन अवधि में संस्था में फर्जी ऋण वितरण से संबंधित जनसुनवाई एवं सीएम हेल्प लाइन एवं अन्य शिकायतों की जांच उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर की गई। जांच में फर्जीवाड़ा सामने आ गया।

भूमिहीन किसानों के फर्जी ऋण खाते खोकर 7.18 लाख निकाले
सहकारी बैंक की कोलारस शाखा के तत्कालीन प्रबंधक और कैशियर राकेश पाराशर के साथ मिलकर समिति प्रबंधक विजयराज रघुवंशी ने अटरूनी गांव के भूमिहीन किसान रामू कुशवाह के नाम से 1.32 लाख रु., किशनलाल जाटव के नाम से 1.32 लाख रु., जितेंद्र जाटव के नाम से 1.32 लाख रु., भगवानलाल जाटव के नाम से 1.87 लाख रु., संजीव जाटव के नाम से 1.32 लाख रु. निकाल लिए। बैंक में फर्जी रूप से बचत व डीएमआर खाते खोलकर 7.18 लाख रु. का फर्जी ऋण स्वीकृत करके राशि का गबन किया।

8.41 लाख की खाद भी खुर्दबुर्द कर दी
विजयराज रघुवंशी ने संस्था के नाम पर 8.41 लाख रुपये की 40 मीट्रिक टन डीएपी खाद के लिए आरओ जारी कर मार्कफेड से खाद मंगवाई। यह खाद किसानों को वितरित किए बिना ही समिति प्रबंधक द्वारा खुर्दबुर्द कर दी गई। निलंबन अवधि के दौरान विजयराज ने 1 लाख रुपये की राशि किसानों से वसूली कर स्वयं गबन कर ली। इस पूरे प्रकरण में न तो किसानों को लाभ मिला और न ही संस्था को, बल्कि खाद और राशि दोनों का दुरुपयोग हुआ। मामले की जांच में वित्तीय अनियमितता और भ्रष्टाचार के स्पष्ट प्रमाण मिले हैं।

समिति प्रबंधक पैसे हड़प गया
जांच में पता चला कि संस्था सदस्य रामवीर सिंह रघुवंशी के नाम से 27800 रु., शिवराज सिंह से 25 हजार, शिवनारायण सिंह से 34530, रघुवीर सिंह से 15510 रु. वली सिंह, रंजीत कौर, मंजीत कौर से कुल 181470 रु., मीर कौर से 151470 एवं विनोद सिंह से 6420 रु. वसूल लिए। कुल 442200 रु. सदस्यों के ऋण राशि के विरुद्ध नकद राशि वसूल कर संस्था के डीएमआर खातों में जमा नहीं की। यह 4.42 लाख रु. का गबन कर लिया।