पप्पू सिठेले पोहरी । बीते दिनों शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा के खांदी गांव के बच्चे की कुपोषण की मौत के बाद महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने कुपोषित बच्चों की खोज शुरू कर दी है। शिवपुरी जिले में सबसे अधिक कुपोषण कांग्रेस के कैलाश कुशवाह की विधानसभा पोहरी में अधिक दिखाई दे रहा है। महिला बाल विकास विभाग पोहरी की टीम ने 14 बच्चों को तलाश कर पोहरी पोषण पुनर्वास केन्द्र NRC मे भर्ती कराया है।
पोहरी परियोजना के अंतर्गत आने वाले आने वाली आंगनबाड़ी केन्द्रो पर कुपोषित बच्चे मिलने से सनसनी फैल गई वही महिला बाल विकास विभाग ने भले ही में बच्चों को कुपोषण से मुक्ति के लिए योजना चलाई हो, लेकिन इसके बाद भी पोहरी विकासखंड में कुपोषण से पीड़ित बच्चे मिले जो कही न कही एक बहुत बडी लापरवाही को उजागर करती है।
महिला बाल विकास की लापरवाही उजागर
जन्म से पूर्व और 5 वर्ष की अवस्था तक बच्चों की देखरेख हेतु स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास को संयुक्त रूप से जिम्मेदारी तय की है,लेकिन जमीनी हकीकत बीते रोज सामने आई है। जिसका उदाहरण साफ तौर पर पोहरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के एन आर सी वार्ड में एक दर्जन से अधिक बच्चों के मिलने से महिला बाल विकास की कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग गया है।
वही कुछ दिन पूर्व खादी ग्राम में कुपोषण से हुई बच्चे की मौत के बाद प्रशासन के हरकत मे आते ही कुपोषित बच्चों की खोजबीन शुरू की और उसमे कुछ हद तक सफलता हासिल कर हाल ही मे पोहरी प्रभारी के रूप में आए अमित यादव ने 14 कुपोषित बच्चों को पोहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की एन आर सी सी मे एडमिट कराया है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की एन आर सी सी मे एडमिट कराएं जिसमे निकिल उम्र 1 साल पिता शिब्बू आदिवासी निवासी देहदे, अनिल उम्र 2 वर्ष पिता मुन्ना आदिवासी निवासी दुलारा, विकास उम्र 1 वर्ष पिता मनीष आदिवासी निवासी मेहलोनी, कार्तिक पिता रामवरण आदिवासी उम्र 4 वर्ष निवासी दुल्हारा, जुली पिता राजेश आदिवासी उम्र 6 माह निवासी मचा खुर्द, मुस्कान पिता संता आदिवासी उम्र 8 माह निवासी मचा खुर्द, समीर पिता नबल सिह आदिवासी 10 माह निवासी डिगडोली, गोमल पिता अरुण जाटव 8 माह निवासी बेहटी, स्माइली पिता विनोद जाटव 14 माह निवासी बेहटी, बलवीर पिता संतोष आदिवासी उम्र 3 माह निवासी टपरपुरा, बीर पिता संतोष आदिवासी उम्र 2 वर्ष निवासी टपरपुरा, नीतेश पिता पुलिस उम्र एक वर्ष निवासी देहदे, मल्होत्रा पिता देशराज आदिवासी उम्र 9 माह निवासी अर्गरा, कुमारी पूनम पिता दीवान आदिवासी उम्र 10 माह निवासी अर्गरा आदि कुपोषित बच्चों को भर्ती कराया गया।
इनका कहना है
मैने कुछ दिन पहले ही परियोजना पोहरी का कार्यभार संभाला मुझे कुपोषित बच्चों की जानकारी मिली तुरंत उनको पोहरी एन आर सी मे भर्ती कराये गए
अमित यादव प्रभारी परियोजना अधिकारी पोहरी
पोहरी परियोजना के अंतर्गत आने वाले आने वाली आंगनबाड़ी केन्द्रो पर कुपोषित बच्चे मिलने से सनसनी फैल गई वही महिला बाल विकास विभाग ने भले ही में बच्चों को कुपोषण से मुक्ति के लिए योजना चलाई हो, लेकिन इसके बाद भी पोहरी विकासखंड में कुपोषण से पीड़ित बच्चे मिले जो कही न कही एक बहुत बडी लापरवाही को उजागर करती है।
महिला बाल विकास की लापरवाही उजागर
जन्म से पूर्व और 5 वर्ष की अवस्था तक बच्चों की देखरेख हेतु स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास को संयुक्त रूप से जिम्मेदारी तय की है,लेकिन जमीनी हकीकत बीते रोज सामने आई है। जिसका उदाहरण साफ तौर पर पोहरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के एन आर सी वार्ड में एक दर्जन से अधिक बच्चों के मिलने से महिला बाल विकास की कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग गया है।
वही कुछ दिन पूर्व खादी ग्राम में कुपोषण से हुई बच्चे की मौत के बाद प्रशासन के हरकत मे आते ही कुपोषित बच्चों की खोजबीन शुरू की और उसमे कुछ हद तक सफलता हासिल कर हाल ही मे पोहरी प्रभारी के रूप में आए अमित यादव ने 14 कुपोषित बच्चों को पोहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की एन आर सी सी मे एडमिट कराया है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की एन आर सी सी मे एडमिट कराएं जिसमे निकिल उम्र 1 साल पिता शिब्बू आदिवासी निवासी देहदे, अनिल उम्र 2 वर्ष पिता मुन्ना आदिवासी निवासी दुलारा, विकास उम्र 1 वर्ष पिता मनीष आदिवासी निवासी मेहलोनी, कार्तिक पिता रामवरण आदिवासी उम्र 4 वर्ष निवासी दुल्हारा, जुली पिता राजेश आदिवासी उम्र 6 माह निवासी मचा खुर्द, मुस्कान पिता संता आदिवासी उम्र 8 माह निवासी मचा खुर्द, समीर पिता नबल सिह आदिवासी 10 माह निवासी डिगडोली, गोमल पिता अरुण जाटव 8 माह निवासी बेहटी, स्माइली पिता विनोद जाटव 14 माह निवासी बेहटी, बलवीर पिता संतोष आदिवासी उम्र 3 माह निवासी टपरपुरा, बीर पिता संतोष आदिवासी उम्र 2 वर्ष निवासी टपरपुरा, नीतेश पिता पुलिस उम्र एक वर्ष निवासी देहदे, मल्होत्रा पिता देशराज आदिवासी उम्र 9 माह निवासी अर्गरा, कुमारी पूनम पिता दीवान आदिवासी उम्र 10 माह निवासी अर्गरा आदि कुपोषित बच्चों को भर्ती कराया गया।
अगर गाँव गाँव मे निरीक्षण करे तो और भी बच्चे जो कुपोषण का शिकार हो रहे बच्चों को एन आर सी सी तक पहुंचा कर उनको भी नया जीवन दान मिल सकेगा जबकि देखा जाए तो शासन से लोगो रुपये का फंड की राशि खर्च होने के बाद आदिवासी बस्ती के बच्चे क्यो हो रहे है कुपोषण का शिकार सोचने वाली बात है
इनका कहना है
मैने कुछ दिन पहले ही परियोजना पोहरी का कार्यभार संभाला मुझे कुपोषित बच्चों की जानकारी मिली तुरंत उनको पोहरी एन आर सी मे भर्ती कराये गए
अमित यादव प्रभारी परियोजना अधिकारी पोहरी