पोहरी। शिवपुरी जिले के पोहरी विधानसभा के छर्च क्षेत्र शिवपुरी जिले का सबसे पिछड़ा क्षेत्र है। प्रकृति इस क्षेत्र को पीछे करने में कोई कसर नही छोड रही है। छर्च क्षेत्र के महलोनी पर बने पुल का बीच का हिस्सा पानी में बह गया। इससे महलोनी, पारा, बघेड़, टुकी और गाजेट गांवों का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है।
ग्रामीणों को अब सेसई पुरा होकर 28 किलोमीटर का चक्कर लगाकर आना-जाना पड़ रहा है। छर्च पोहरी विधानसभा का पिछड़ा इलाका है। यहां मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है। आने-जाने के लिए एकमात्र सड़क पहले से ही जर्जर हालत में है। अब पुल टूटने से लोगों की परेशानी और बढ़ गई है। पुल पर लगातार तेज पानी के बहाव से गहरा गड्ढा बन गया है। इससे रास्ता पूरी तरह बंद हो गया है। दुर्घटना का खतरा भी बना हुआ है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि रास्ते पर पत्थर और मिट्टी डालकर आवागमन चालू किया जाए। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
ऐसे लग रहा है अब 28 किलोमीटर का फैरा
बताया जा रहा है कि इस पुल के टूटने कारण वाहन नहीं निकल सकते है। अब ग्रामीण कराहल तहसील के रानीपुरा ओर सेसईपुरा गांव से होते हुए छर्च क्षेत्र में आ सकते है। इस कारण अब ग्रामीणों को 28 किलोमीटर का अतिरिक्त फेरा लगाना पड रहा है।
ग्रामीणों को अब सेसई पुरा होकर 28 किलोमीटर का चक्कर लगाकर आना-जाना पड़ रहा है। छर्च पोहरी विधानसभा का पिछड़ा इलाका है। यहां मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है। आने-जाने के लिए एकमात्र सड़क पहले से ही जर्जर हालत में है। अब पुल टूटने से लोगों की परेशानी और बढ़ गई है। पुल पर लगातार तेज पानी के बहाव से गहरा गड्ढा बन गया है। इससे रास्ता पूरी तरह बंद हो गया है। दुर्घटना का खतरा भी बना हुआ है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि रास्ते पर पत्थर और मिट्टी डालकर आवागमन चालू किया जाए। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
ऐसे लग रहा है अब 28 किलोमीटर का फैरा
बताया जा रहा है कि इस पुल के टूटने कारण वाहन नहीं निकल सकते है। अब ग्रामीण कराहल तहसील के रानीपुरा ओर सेसईपुरा गांव से होते हुए छर्च क्षेत्र में आ सकते है। इस कारण अब ग्रामीणों को 28 किलोमीटर का अतिरिक्त फेरा लगाना पड रहा है।