शिवपुरी। बीते मंगलवार को कलेक्ट्रेट से जनसुनवाई के दौरान पाल समाज की लोगो की वीडियो वायरल हुई थी,दृश्य था कि पाल समाज की कई महिलाए और बुजुर्ग सिर और छाती पीट पीट कर रो रहे थे,आरोप था अमोला पुलिस ने भारी अत्याचार किया है। उनके बेटे पर झूठा बलात्कार का मामला दर्ज कर लिया और दबंग लोगों से उनकी 10 बीघा जमीन पर कब्जा भी करवा दिया। इस मामले में अब नया मोड़ आया है। जांच में दूध का दूध पानी का पानी निकल आया है।
पहले पढ़िए क्या था मामला
कुछ दिन पूर्व अमोला थाना सीमा में निवास करने वाली एक शिक्षक की पत्नी का बलात्कार का मामला प्रकाश में आया था। शिक्षक की पत्नी का कहना था कि वह घर में अकेली थी उसी समय राकेश पाल घर में घुस आया और उसका बलात्कार कर दिया। पुलिस ने इस मामले में राकेश पाल पर बलात्कार का मामला दर्ज करते हुए राकेश पाल को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
बलात्कार के आरोपी राकेश पाल के पिता बाबूलाल पाल अपने परिजनों के साथ कलेक्टर के पास जनसुनवाई में आए थे। बाबूलाल के साथ बलात्कार के आरोपी राकेश पाल की पत्नी सहित लगभग 50 सैकड़ा महिलाए और पुरुष आए थे,यह ग्रामीण इतनी दुखी थे कि कलेक्टर कार्यालय की सीढ़ियों पर पछाड़ मार मार कर रोने लगे थे। बाबूलाल पाल ने कलेक्टर को एक आवेदन सौंपा था इस आवेदन के अनुसार शिक्षक ने हमारी 10 बीघा जमीन पर कब्जा करने के लिए मेरे बेटे राकेश पाल पर झूठा बलात्कार का मामला दर्ज करवा दिया है।
बाबूलाल के छोटे बेटे उमेश पाल ने बताया कि बीते रोज शाम 5 बजे सिलानगर में रहने वाले शिक्षक, इमरत लोधी, नारायण लोधी, राजेंद्र लोधी, मायाराम लोधी, खेम लोधी, बालू लोधी, दमरु लोधी, पप्पू लोधी, कमलेश लोधी, महेश लोधी, सोनू लोधी, मुकेश लोधी, दयाराम लोधी टेक्टर लेकर आए और हमारी 10 बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया है इन सभी लोगो ने ट्रैक्टर से जुताई कराकर बीज भी डाल दिए जब हमने विरोध किया तो इन सभी लोगो ने महिलाओं सहित हमारी मारपीट शुरू कर दी।
जब इस मामले की शिकायत करने हम अमोला थाने पहुचे तो थाना प्रभारी अंशुल गुप्ता ने हमारी एक नही सुनी,उल्टे हमे ही फटकार लगाने लगे,कहा तुम लोग ज्यादा नेतागिरी करोगे तो तुम पर भी एक मामला दर्ज करवा दूंगा। बाबूलाल के साथ आए ग्रामीणों कलेक्टर में थाना प्रभारी अंशुल गुप्ता मुर्दाबाद के नारे लगाए।
जांच में निकली वन विभाग की भूमि
शिवपुरी की इस मीडिया ने पाल समाज के प्रदर्शन को लाइव कवरेज दिया था। दृश्य हर किसी को विचलित करने वाले थे। महिलाए और पुरुष दहाड़ मार मारकर रो रहे थे,ऐसा लग रहा था कि अमोला पुलिस ने भारी अत्याचार किया हो,इस मामले में कलेक्टर शिवपुरी ने तत्काल जांच के आदेश किए,जब जांच हुई तो यह प्रदर्शन पूरा का पूरा प्लांट निकला जिस जमीन पर कब्जा किए जाने की बात हो रही थी वह जमीन वन विभाग की निकली वही जमीन पर पेड़ काटने की बात भी कही जा रही थी उस जमीन पर किसी भी प्रकार के पेड़ नही थी।
आरआई सहित 3 कर्मचारियों ने की जांच
इस कब्जे वाली जमीन की जांच के लिए आरआई संतोष गुप्ता,पटवारी कमल सिंह और पटवारी प्रीति गुप्ता सहित पुलिस बल मौके पर पहुंचा और जांच की,जांच टीम ने अपनी जांच में लिखा है कि विवादित जमीन सर्वे नंबर 643 2469 का रकवा 12.97 हेक्टेयर है। इस भूमि में से .8 हेक्टेयर विवादित है। इस विवादित भूमि पर 2013 से पूर्व खेमराज लोधी पुत्र लाडले लोधी का कब्जा रहा है। उसके बाद 2013 से 2024 तक बाबूलाल बल्ला पाल का कब्जा रहा है,वर्तमान में उक्त भूमि पर खेमराज लोधी पुत्र लाडले लोधी का कब्जा है और इसमें खेमराज के द्वारा मूंगफली फसल बोई है। इस भूमि पर किसी भी प्रकार के पेड़ नही है और ना ही काटे गए है। वही उक्त भूमि खसरा अभिलेख के अनुसार 2025-2026 में वन भूमि के रूप में दर्ज है। यह जांच कहती है कि इस शासकीय जमीन पर पहले खेमराज खेती कर रहा था उसके बाद बाबूलाल बल्ला पाल ने खेती की उसके बाद खेमराज लोधी काबिज हो गया,और खेमराज ने इस वर्ष इस भूमि पर मूंगफली की फसल बोई है और यह भूमि वन भूमि में दर्ज है।