SHIVPURI NEWS - आरक्षण को समाप्त करने के लिए सपाक्स उतरी सड़को पर, सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन हो

Bhopal Samachar

शिवपुरी। मध्य प्रदेश शासन द्वारा शासकीय कर्मचारियों को पदोन्नति नियम 2025 के तहत पदोन्नति देने की तैयारी की गई है। जिसका विरोध सामान्य पिछड़ा अल्प संख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था, सपाक्स द्वारा पूरे मध्यप्रदेश में किया जा रहा है। सपाक्स की मांग है कि जब भारतीय संविधान में पदोन्नति में आरक्षण दिये जाने का कोई उल्लेख नही है फिर क्यों बार बार म.प्र. सरकार वर्ग विशेष के कर्मचारियों को अवैधानिक लाभ प्रदान करने हेतु पदोन्नति में आरक्षण दिये जाने के प्रावधान कर रही है।

जबकि म.प्र. उच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2016 में इसी प्रकार के 2002 में बनाए गये पदोन्नति नियमों को अवैध कर चुकी है तथा अपने निर्णय में माननीय न्यायालय ने अपने निर्णय में उल्लेख किया है कि वर्ष 2002 के नियमों से अवैध रूप से पदोन्नति का लाभ प्राप्त कर चुके कर्मचारियों के उनके मूल पद पर रिवर्ट किया जाए।

सामान्य पिछड़ा अल्प संख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था, सपाक्स के जिलाध्यक्ष कौशल गौतम एवं नोडल अधिकार मनोज निगम एवं महिला जिलाध्यक्ष श्रीमती राजकुमार शर्मा, इंदु पाराशर के द्वारा संयुक्त रूप से बताया कि 19 जून 2025 को म.प्र. सरकार द्वारा नए पदोन्नति नियम प्रभावशील किये गये हैं। जिसके तहत पदोन्नति की कार्यवाही प्रस्तावित है। इन नियमों में क्रीमीलेयर के कोई प्रावधान नहीं है।

पदोन्नति में आरक्षण समाप्त करने की मांग को लेकर रविवार को कर्मचारी भारी संख्या में माधव चैक प्रांगण में एकत्रित हुये जहां से रैली के रूप में प्रदर्शन करते हुये माधव चैक, कोर्ट रोड़, अस्पताल चैराहा होते हुये कलेक्ट्रेट पहुॅचे जहां उन्होने माननीय मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव म.प्र.शासन भोपाल को संबोधित ज्ञापन  जिलाधीश की ओर से अनुविभागीय अधिकारी अनुपम शर्मा को सामूहिक रूप से सौंपा।

ज्ञापन में प्रमुख रूप से नोडल अधिकारी मनोज निगम, जिलाध्यक्ष कौशल गौतम, वत्सराज राठौर, आरएन शर्मा, संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र पिपलौदा, सपाक्स के कोषाध्यक्ष मनोज पाठक, अर्चना शर्मा, प्रेमलता गुप्ता, मालती शर्मा, इंदु पाराशर, वंदना गुप्ता, प्रीती शुक्ला, हेमलता शर्मा, कीर्ति शर्मा, ज्योति भदौरिया, हरभजन कौर, प्रो. प्रदीप भार्गव, डॉ.गजेन्द्र सक्सेना, मुकेश मेहता, अंगद तोमर, के.पी.जैन, गोविन्द अवस्थी, राजकुमार सरैया, स्नेह रघुवंशी, मनोज भार्गव, सुनीत चौहान, प्रवक्ता ब्रजेन्द्र भार्गव, विपिन पचैरी, रूपेश श्रीवास्तव, जगमोहन श्रीवास्तव, महावीर मुदगल, वेद प्रकाश शर्मा, सुरेश सिंह जादौन, मनोज शर्मा सुरवाया, यादवेन्द्र चैधरी, संतोष व्यास, हरिओम गौतम, वन विभाग रेंजर आशीष समाधिया, पुरुषोत्तम शर्मा, राजीव पुरोहित, ब्रजेन्द्र सिंह परिहार, शरद निगम, सीपी जैन, रामकृष्ण रघुवंशी, ब्रजेन्द्र भार्गव, प्रमोद कटारे, प्रदीप अवस्थी, भूपेन्द्र रघुवंशी, अजय शंकर त्रिपाठी, महेन्द्र जैन भैयन, सतीश दीक्षित, आरडी गुप्ता, संजय भार्गव, राजू शर्मा पिपरघार, वीरेन्द्र अवस्थी, विजय गुप्ता, रामगोपाल सोनी, अरुण तिवारी, अलंकार आगवेकर, प्राचार्य के.के.भार्गव, श्रीमती अनुराधा गोयल, राखी श्रीवास्तव, नीतू सक्सैना, सोमप्रभा तोमर, मधु शर्मा, किरण जैन, राजकुमारी जैन, ग्रीस शर्मा, बलवीर सिंह तोमर, भारत मित्तल, रामू सोनी, माजिद अली, हरिचरण शर्मा, संतोष गर्ग, आर के शुक्ला, संजय जैन प्राचार्य, भूपेन्द्र शर्मा, गिर्राज शर्मा, विनोद मुदगल, अशोक शर्मा, ब्रजमोहन चाहर, संजय गुप्ता जल संसाधन, सत्येन्द्र दुवे, शकील खांन, विधुत विभाग से अशोक श्रीधर, शिवदयाल द्विवेदी, रवि बोहरे, पवन कुशवाह, चन्द्रशेखर उदेनिया, राजीव श्रीवास्तव, शिवकुमार शर्मा, लीलाधर शर्मा, महेन्द्र शर्मा, जितेन्द्र व्यास, केशव शर्मा, जयन्त सिकरवार, अभिषेक शर्मा, भरत रावत, अजय शंकर त्रिपाठी, लक्ष्मण यादव, दिनकर नीखरा, नरेश भार्गव, राजेन्द्र गौतम, विनोद श्रीवास्तव, राघवेन्द्र रघुवंशी, लोकेश वोवल, नरेश शर्मा, नरेश राठौर, सर्वेश्वर दयाल श्रीवास्तव, रघुराज सिंह, शिवनाथ चैहान, अखिलेश भार्गव सहित समाक्स के पाॅच सैंकड़ा से अधिक अधिकारी कर्मचारियों ने उपस्थित होकर पदोन्नति के नए नियमों के बिरूद्ध आक्रोश व्यक्त किया।