शिवपुरी। शिवपुरी जिले में मंगलवार को कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में दो ऐसे अजीबोगरीब मामले सामने आए, जहां जीवित व्यक्तियों को सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया गया है। एक मामले में तो एक बेटी ने अपनी ही माँ को कागजों में 'मार' कर उनकी जमीन हड़प ली, वहीं दूसरे मामले में एक वृद्ध व्यक्ति को सरकारी कर्मचारी की गलती का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
पिछोर में बेटी ने 'माँ की सरकारी हत्या' कर हड़पी जमीन
जिले की पिछोर तहसील के ग्राम कैमखेड़ा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक बेटी पर अपनी ही वृद्ध माँ को मृत घोषित कर उनकी पुश्तैनी जमीन धोखे से अपने नाम कराने का आरोप लगा है। पीड़ित वृद्धा, छोटीराजा, मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाने पहुंचीं। उनकी शिकायत के अनुसार:
जमीन का विवाद: ग्राम कैमखेड़ा में सर्वे नंबर 744 (0.69 हेक्टेयर) और 590 (0.95 हेक्टेयर), कुल 1.64 हेक्टेयर भूमि मूल रूप से पंचम सिंह पुत्र सुल्तान सिंह ठाकुर के नाम दर्ज थी। पंचम सिंह की मृत्यु के बाद, यह भूमि नियमानुसार उनके आठ वैध वारिसों के नाम पर नामांतरित होनी थी, जिनमें उनकी पत्नी छोटीराजा भी शामिल थीं।
धोखाधड़ी का आरोप: पीड़ित छोटीराजा और अन्य परिवारजनों का आरोप है कि पंचम सिंह ठाकुर की मृत्यु के बाद, उनकी बेटी रज्जनराजा और बेटे नन्हे रज्जू ने कथित तौर पर धोखाधड़ी और कूटरचना कर, परिवार के अन्य सदस्यों को अंधेरे में रखकर, उक्त भूमि का गलत तरीके से अपने नाम पर नामांतरण करवा लिया। इसके बाद, इस धोखे से हथियाई गई जमीन की रजिस्ट्री कैलाश लोधी और उनके चार पुत्रों एवं पत्नी के नाम पर भी करवा दी गई।
न्याय की गुहार: वृद्ध और लाचार छोटीराजा ने कलेक्टर से फरियाद की है कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जाए और सभी आरोपियों के विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि उन्हें न्याय मिल सके और उनकी पुश्तैनी जमीन वापस मिल सके।
पोहरी में जीवित व्यक्ति को सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित किया
शिवपुरी शहर के कलेक्ट्रेट कार्यालय पर मंगलवार को हुई जनसुनवाई में एक और गंभीर समस्या सामने आई। ग्राम बमरा, जनपद पोहरी के रहने वाले मांगीलाल शर्मा नाम के एक बुजुर्ग कलेक्टर के पास यह गुहार लगाने पहुंचे कि उन्हें सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया गया है, जबकि वे पूरी तरह स्वस्थ हैं और रोज अपने खेतों में काम करते हैं।
केवाईसी से हुआ खुलासा: मांगीलाल के बेटे गिर्राज शर्मा ने बताया कि जब वे अपने पिता की केवाईसी करवाने के लिए समग्र आईडी निकालने गए, तो उसमें पिता को मृत दिखाया गया। जांच करने पर पता चला कि 6 जनवरी 2025 को ग्राम पंचायत सचिव ने मांगीलाल शर्मा को मृत घोषित कर दिया था।
सरकारी योजनाओं का लाभ बंद: इस सरकारी गलती के कारण मांगीलाल को अब किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। जनसुनवाई में मांगीलाल शर्मा ने कलेक्टर से निवेदन किया कि उन्हें सरकारी दस्तावेजों में फिर से जीवित दिखाया जाए, ताकि वे सभी सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकें।
ये दोनों ही मामले सरकारी तंत्र की खामियों और धोखाधड़ी के गंभीर उदाहरण हैं, जिन पर प्रशासन को तुरंत ध्यान देने की जरूरत है ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके।