शिवुपरी। शिवपुरी जिले की बदरवास जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) अरविंद शर्मा को रिश्वत कांड के चलते पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने निलंबित कर भोपाल मुख्यालय से अटैच कर दिया है। यह कार्रवाई लोकायुक्त द्वारा कोर्ट में चालान पेश किए जाने के बाद हुई है।
कार्रवाई में देरी और विधायक का हस्तक्षेप
चौंकाने वाली बात यह है कि लोकायुक्त एसपी रीवा ने 27 नवंबर 2024 को ही विभाग को चालान पेश होने की सूचना दे दी थी, लेकिन इसके बावजूद विभाग ने कार्रवाई करने में आठ महीने की देरी की। इस विलंब पर सवाल तब उठे जब पोहरी विधायक कैलाश कुशवाह ने इस मामले को विधानसभा में उठाया। उन्होंने लोकायुक्त के पत्र का हवाला देते हुए प्रश्न लगाया, जिसके बाद विभाग हरकत में आया और आनन-फानन में निलंबन आदेश जारी कर दिया।
अरविंद शर्मा पर लगे अन्य आरोप
सीईओ अरविंद शर्मा का नाम भ्रष्टाचार से जुड़े कई मामलों में पहले भी आ चुका है
जुलाई 1999 में, जब वे सतना जिले की जनपद पंचायत उचेहरा में पदस्थ थे, लोकायुक्त ने उन्हें मनरेगा भुगतान के एवज में 13 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था।
पांच वर्ष पहले, श्योपुर जिले की विजयपुर जनपद में पदस्थापना के दौरान, कोविड के समय कार्यस्थल से तीन दिन तक अनुपस्थित रहने के दौरान पुलिस ने उन्हें 1.90 लाख रुपये नकद के साथ पकड़ा था। उस समय चंबल संभागायुक्त ने उन्हें निलंबित किया था।
वर्तमान स्थिति
जिला पंचायत शिवपुरी के सीईओ हिमांशु जैन ने बताया कि रिश्वत मामले में लोकायुक्त द्वारा चालान पेश करने पर सीईओ अरविंद शर्मा को निलंबित कर भोपाल मुख्यालय अटैच किया गया है। फिलहाल, बदरवास जनपद का प्रभार किसी को नहीं दिया गया है।