शिवपुरी। पुलिस की छवि को क्लीन करने की कवायद शुरू हो चुकी है,डीजीपी ने एक आदेश दिया था कि ऐसे पुलिस कर्मी जिनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण, जांच या अभियोजन, भ्रष्टाचार, नैतिक अधोपतन, शारीरिक हिंसा एवं अवैध निरोध जैसे मामलों में विभागीय जांच चल रही है, उनको पुलिस थाने, क्राइम ब्रांच या अन्य किसी अधिकारी के कार्यालय में अटैच नहीं किया जाऐगा।
इसी क्रम में पुलिस कप्तान अमन सिंह राठौर ने 17 दागी पुलिसकर्मियों को थाने और चौकी से हटाकर पुलिस लाइन में भेज दिया है। साथ ही अब जांच या प्रकरण का निराकरण नहीं होने तक इनको किसी भी थाने, क्राइम ब्रांच या किसी अधिकारी के कार्यालय में भी पदस्थ नहीं किया जाएगा। इस कार्रवाई के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
कोतवाली थाने के एसआई आदित्य प्रताप सिंह राजावत, प्रधान आरक्षक राजाराम धाकड़ को पुलिस लाइन भेज दिया है। इसी तरह पिछोर थाने के एएसआई दीनदयाल शर्मा, कार्यवाहक प्रधान आरक्षक दीपक श्रीवास्तव, सुरवाया थाने के एएसआई नरेंद्र यादव, नरवर थाने के आरक्षक पुष्पेंद्र रावत, अरुण कुशवाह, देहात थाने के आरक्षक हरिकिशोर जाटव, करैरा थाने के प्रधान आरक्षक रवि कुमार मांझी, आरक्षक मनीष कोली, मायापुर थाने के कार्यवाहक प्रधान आरक्षक कदम सिंह, महिला थाने के प्रधान आरक्षक बृजेश कुमार, अजाक थाने के प्रधान आरक्षक भूपेंद्र गौर, छर्च थाने के आरक्षक शैलेंद्र पाल, सिरसौद थाने के आरक्षक संजीव शर्मा, कोलारस थाने के आरक्षक सोनू शर्मा और हिम्मतपुर चौकी के आरक्षक चालक अनिल यादव की पुलिस लाइन में पोस्टिंग कर दी है। बता दें कि पुलिस मुख्यालय भोपाल ने जारी आदेश में निर्देश दिए थे कि भ्रष्टाचार, नैतिक अधोपतन, शारीरिक हिंसा एवं अवैध निरोध संबंधी अपराधों पर विभागीय जांच लंबित हैं।