शिवपुरी। शिवपुरी शहर के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आज एक महिला, रूबी बाथम, अपने मासूम बच्चे के साथ शिकायत दर्ज कराने पहुंची। रूबी का आरोप है कि पति की मृत्यु के बाद ससुरालियों ने उसे घर से निकाल दिया। साथ ही, उसके पति की हैदराबाद की कंपनी में एक हादसे में हुई मौत के बाद मिली ₹25 लाख की स्वीकृत राशि में से ₹13 लाख ठेकेदार और ससुरालियों ने हड़प लिए हैं। रूबी ने बताया कि अब उसे दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। उसने 181 पर शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन पुलिसकर्मी उसे कटवाने के लिए दबाव बना रहे हैं। इसके अलावा, उसका जेठ उस पर शादी करने का भी दबाव बना रहा है।
शादी और प्रताड़ना का शुरुआती दौर
रूबी बाथम (पुत्री मूला बाथम, निवासी कालागढ़, लोहपीट मोहल्ला, बरौद रोड, बैराड़, जिला शिवपुरी) ने बताया कि उसकी शादी रामवरन बाथम (पुत्र रामसेवक बाथम, निवासी ग्राम रोहट, थाना घाटीगांव, जिला ग्वालियर) के साथ वर्ष 2021 में हिंदू रीति-रिवाज से हुई थी। उनका 2 साल का एक बेटा, श्याम बाथम, भी है। रूबी के अनुसार, शादी के बाद से ही ससुराल पक्ष के लोग उसे मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान और प्रताड़ित करने लगे थे।
हैदराबाद में पति की दुर्घटना और मुआवजे का विवाद
रूबी ने बताया कि उसके पति रामवरन बाथम हैदराबाद की पेकटी वेंचर्स प्रा.लि. कंपनी में काम करते थे। 6 जून 2025 को दोपहर करीब 3 बजे कार्य के दौरान ऊपर से झूला टूटने और भारी वस्तु के नीचे दब जाने से उनकी आकस्मिक मृत्यु हो गई थी। इस घटना के बाद, उसके ससुर रामसेवक बाथम, जेठ प्रमोद बाथम (जिन्होंने पति को कंपनी में नौकरी पर लगवाया था), ठेकेदार गजेंद्र बघेल, चचिया ससुर के लड़के सोनू बाथम और जीतू बाथम, और गांव के महेंद्र परिहार व बुद्धा नाम के व्यक्ति पति के शव को लेने हैदराबाद गए थे।
पीड़िता ने बताया कि 8 जून 2025 को कंपनी ने पति की मृत्यु के उपरांत क्षतिपूर्ति के तौर पर कुल ₹25 लाख की राशि स्वीकृत की थी। इसमें से ₹13 लाख नकद जेठ और ससुर को यह कहकर दिए गए थे कि इस ₹13 लाख में से 80% राशि (यानी ₹10,40,000) मृतक की पत्नी और बच्चे को मिलेगी, और 20% राशि माता-पिता को मिलेगी। ठेकेदार गजेंद्र बघेल ने कंपनी को विश्वास दिलाया था कि घर जाकर तुरंत 80% राशि रूबी को प्रदान कर देंगे। कंपनी की ओर से ससुर और जेठ को यह भी बताया गया था कि ₹6 लाख बीमा राशि और ₹6 लाख अन्य सहायता राशि कुछ समय बाद दे दी जाएगी। यह सब ठेकेदार गजेंद्र बघेल और साथ गए सोनू बाथम, जीतू बाथम, महेंद्र परिहार और बुद्धा की मौजूदगी में हुआ, जिनके सामने ससुर और जेठ ने ₹13 लाख कंपनी से प्राप्त किए। कंपनी ने अपने खर्च पर एंबुलेंस से पति के शव को ससुराल भेज दिया था। इस लेनदेन की लिखा-पढ़ी भी की गई थी, जिस पर ससुर और जेठ ने हस्ताक्षर किए थे।
ससुरालियों द्वारा घर से निकालना और पुलिस पर दबाव का आरोप
पति का अंतिम संस्कार करने के बाद, रूबी के अनुसार, ससुराल पक्ष के लोगों की नीयत खराब हो गई और उन्होंने ₹13 लाख अपने पास रख लिए। इसके बाद उन्होंने रूबी पर अपने जेठ प्रमोद के साथ रहने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। जब रूबी ने मना किया और कहा कि कंपनी ने जो पैसे दिए हैं, उन्हें उसके और बच्चे के खाते में जमा कर दें ताकि भविष्य में जीवन यापन में परेशानी न हो, तो ससुराल वाले भड़क गए।
रूबी ने बताया कि 24 जून 2025 को जब उसका भाई और मायके पक्ष के अन्य लोग आए और उन्होंने ससुर व जेठ से ₹10,40,000 उसके और बच्चे के खाते में जमा कराने के लिए कहा, तो ससुरालियों ने मायके वालों के साथ गाली-गलौज और मारपीट की और उसे घर से निकाल दिया। इसके बाद रूबी अपने बच्चे को लेकर मायके चली गई।
रूबी ने पुलिस थाना घाटीगांव में शिकायत दर्ज करवाई और सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की, लेकिन उसका आरोप है कि आज तक ससुराल पक्ष के लोगों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इसके विपरीत, उस पर शिकायत को बंद कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। रूबी ने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है और अपनी व अपने बच्चे की सुरक्षा और अधिकार सुनिश्चित करने की मांग की है।