गायत्री शर्मा का हैट्रिक का प्रयास,​लेकिन CMO की फ्री-हिट,सुपारी वाला ट्रांसफर चर्चा में

Bhopal Samachar

फ्री-हिट @ ललित मुदगल शिवुपरी। करोड़ों रुपए के घोटाले की आंच  पर बैठी नगर पालिका में अब एक नया खेल शुरू हो चुका है। शिवपुरी नगर पालिका में पिछले 2 माह में हुई जांच में लगभग 6 करोड़ का घोटाला निकला है। अभी केवल 16 लाख के घोटाले में ठेकेदार सहित 2 इंजीनियरों पर मामला दर्ज किया जा चुका है। अब कई परतें खुलनी वाली है। यह भी परम सत्य है कि इससे पहले भी इन घोटालों की आवाज सुनाई देती थी लेकिन कार्यवाही नहीं होती थी।

जानकारी मिल रही है कि नगर पालिका सीएमओ इशांक धाकड 6 करोड़ के घोटाले की फाइल की तलाश कर रहे है। फाइल मिल नहीं  रही,सीएमओ के हाथ फाइल लग गई तो नगर पालिका को अप्रत्यक्ष रूप से चलाने वाले ठेकेदारों के काफी आर्थिक संकट का सामना करना पड रहा है। भाजपा का एक धडा सीएमओ की विदाई शिवपुरी से देखना चाहता है वही एक धडा चाहता है कि सीएमओ इशांक धाकड़ शिवपुरी सीएमओ की कुर्सी पर डटे रहे और इन फाइलों की तलाश करे और जनता का पैसा डकारने वाले इस कंपनी का पर्दाफाश करे,इसलिए भाजपा का एक धडा ठेकेदारो से मिलकर सीएमओ इशांक धाकड पर कार्यवाही और ट्रांसफर करवाना चाहता है,कुल मिलाकर सीएमओ के ट्रांसफर करवाने की सुपारी दी गई है।

इस खेल में नगर पालिका के कर्मचारी भी शामिल है। सीएमओ फाइल की तलाश करने के लिए नोटिस जारी चुके है। यह सर्व सिद्ध हो चुका हैं कि शिवपुरी नगर पालिका में अध्यक्ष और पार्षदों की तनातनी में उपजी जांच में साढ़े 4 करोड़ का घोटाला सामने आया है। सूत्र बता रहे कि नगर पालिका से रोड रेस्टोरेशन और जोनल वर्क की फाइल गायब है,जांच कर रही टीम को इन फाइलो के दर्शन तक नहीं हुए है। साढ़े चार करोड़ रुपए का पिछले 5 साल में रोड रेस्टोरेशन के नाम पर भुगतान हुआ है वही जोनल  वर्क के नाम पर बनाई गई 10 फाइल को 1 करोड़ 30 लाख का भुगतान हुआ है।

पेच वर्क पर जनता से टैक्स के रूप में वसूले गए चार करोड़ 50 लाख रुपए मिलकर अधिकारी कर्मचारी नेता और ठेकेदार खा गए। फाइलो के गायब होने के मामले में लगभग आधा दर्जन से अधिक कर्मचारियों को नोटिस जारी हो चुके है। अगर फाइल नहीं मिलती है तो कर्मचारियों पर मामला दर्ज हो सकता है,अगर फाइल मिल जाती है तो ठेकेदार और कर्मचारियों सहित कुछ अधिकारियों के साथ एफआईआर हो सकती है। मामला करोडो के खेल का है। इस पूरे घटनाक्रम और जांच की सत्यकथा को श्रीमंत सरकार तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भाजपा के पदाधिकारियो को दी गई है।

नगर पालिका में प्रत्यक्ष रूप से पार्षद और अध्यक्ष के बीच की तनातनी की राजनीति दिख रही है लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से जो राजनीति चल रही है उसमें बडा खेला अब पैसे का निकलकर सामने आ रहा है। सीएमओ बड़े कद्दावर ठेकेदारो का बडा आर्थिक नुकसान कर चुके है,अब नगर पालिका को अप्रत्यक्ष रूप से चलाने वाले ठेकेदार सीएमओ के डंडे से बचने के लिए ट्रांसफर की सुपारी दिए बैठे है इस काम में  भाजपा का वह धडा सक्रिय हो चुका है जो नॉमिनेट है,भाजपा के इस वर्ग से नगर पालिका के पार्षद भी नाखुश दिखाई दे रहे है।

वही बताया जा रहा है कि नपा अध्यक्ष गायत्री शर्मा के कार्यकाल में पी एस सी चयनित 02 सी एम ओ को यहाँ राजनीति का शिकार होकर कार्यवाही झेलनी पड़ी है,सीएमओ सगर पर झूठा छेडछाड का मामला दर्ज कराने की कोशिश की गई-मानसिक रूप से तोड दिया गया और वह ट्रांसफर लेकर ले गए। यहां खेल केवल कमीशन का नही है सीधे सीधे नगर पालिका के कामो में पार्टनरी को लेकर है। वही नगर पालिका अध्यक्ष नही चाहती है कि वह अब इशांक धाकड शिवपुरी सीएमओ के रूप में रहे इसलिए वह तीन साल के कार्यकाल मे तीसरे सीएमओ को हटवाकर हैट्रिक बनाने की कोशिश कर रही है,लेकिन अभी तक सीएमओ इशांक धाकड अभी तक गायत्री की डाली गई गेदो पर फ्री-हिट जड रहे थे।  

शिवपुरी में नगर पालिका अध्यक्ष का तख्तापलट करने की जिद पर पार्षद अडे है,मात्र 16 लाख के काम में पार्टनरी उजागर हुई है किंतु  किन्तु नपा अध्यक्ष गायत्री शर्मा पर एक भी बार  जिम्मेदारी तय नहीं किया जाना पूरे शहर व शिवपुरी गुना संसदीय क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। शिवपुरी नगरपालिका की इसी स्थिति के कारण कोई कर्मचारी व अधिकारी यहाँ आना नहीं चाहते। शिवपुरी शहर की जनता की बढ़ती हुई अपेक्षाएं, विकास कार्यों की उम्मीदों पर नगरपालिका की ये दयनीय वित्तीय,  राजनितिक व प्रशासकीय स्थिति पानी फेरती नज़र आ रही है, पूरे शहर में अजीब सी बेचैनी उदासीनता घर करी हुई है।

आखिर शिवपुरी में इतने प्रयासों के बावजूद विकास कार्य व राजनीतिक स्थितरता धरातल पर क्यूँ नहीं है। फिलहाल शहर के जनता के जन्म से  मृत्यु तक की सेवाओं की जिम्मेदार संस्था नगरपालिका शिवपुरी, श्रीमंत सरकार के होते हुए भी जिलाध्यक्ष, विधायक, सांसद प्रतिनिधि, नपा अध्यक्ष, सिंधिया जनसम्पर्क कार्यालय, भाजपा नेताओं व संगठन व सिंधिया समर्थकों,पार्षदों की खींचतान में राजनीतिक अखाड़ा बन गयी है जहाँ काम बंद हैं, जनता की सुनवाई बंद है, अधिकारी कर्मचारी जकडे हुए दिन भर जांच के घेरे में हैं नेताओं की नेतागिरी नकारात्मकता के शीर्ष पर पहुंच चुकी है।

ऐसी स्थिति में शिवपुरी समाचार के सूत्र बता रहे है कि CMO इशांक धाकड ने यहाँ की राजनीति एवं कोई सहयोग न मिलने से परेशान होकर अपने ट्रांसफर का आवेदन दे दिया है और यहाँ अब काम न कर सकने का आवेदन दे दिया है,इस पूरी राजनीति के समझे तो यह स्पष्ट है कि मामला 6 करोड के भुगतान प्रक्रिया से जुड़ा कमीशन नहीं है पार्टनरी है सीएमओ इशांक धाकड रहे तो ठेकेदार रूपी पूरी की पूरी डी कंपनी को बड़ा नुकसान हो सकता है इसलिए सीएमओ के ट्रांसफर की सुपारी की बात भी चर्चा में चल रही है।

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क्रिकेट में, फ्री हिट एक विशेष प्रकार की गेंद होती है जो बल्लेबाज को दी जाती है जब गेंदबाज नो-बॉल फेंकता है। फ्री हिट पर बल्लेबाज को कुछ विशेष तरीकों से आउट नहीं किया जा सकता है। यहां डी कंपनी सीएमओ पर दबाव बनाकर अपनी पसंद का काम नहीं करा सकी इसलिए दूसरे तरीका सुपारी वाला ट्रांसफर का आजमाया जा रहा है।