करैरा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के ग्राम थनरा, करैरा स्थित पीके यूनिवर्सिटी में व्याप्त भ्रष्टाचार और शैक्षणिक अनियमितताओं के खिलाफ जोरदार आवाज उठाई है। ABVP के छात्र कार्यकर्ताओं ने करैरा के एसडीएम अजय शर्मा को उच्च शिक्षा मंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें विश्वविद्यालय की गंभीर अनियमितताओं की उच्च स्तरीय सीबीआई जांच की मांग की गई। विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन ABVP, जो अपनी स्थापना से ही छात्र हित और राष्ट्र हित के लिए समर्पित रहा है, ने इस बार शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता और गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
छात्रों ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि पीके यूनिवर्सिटी में शैक्षणिक और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हो रही हैं, जो शिक्षा प्रणाली की मूल भावना को नष्ट कर रही हैं। विश्वविद्यालय में कई विद्यार्थियों को बिना कक्षा में उपस्थित हुए या शिक्षण प्रक्रिया में भाग लिए ही परीक्षा में उत्तीर्ण कर दिया गया है, जो शैक्षिक मूल्यांकन प्रणाली में लापरवाही और भ्रष्टाचार का स्पष्ट प्रमाण है। इसके अलावा, उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में भी गंभीर खामियां सामने आई हैं। छात्रों का आरोप है कि बिना उचित मूल्यांकन के विद्यार्थियों को अनावश्यक रूप से उच्च अंक दिए जा रहे हैं, जिससे मेधावी छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है और शिक्षा की गुणवत्ता पर गहरा आघात पड़ रहा है।
ABVP ने यह भी उजागर किया कि विश्वविद्यालय में फैकल्टी नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हो रहा है। यूजीसी और शासन को झूठे दस्तावेजों के जरिए संकाय सदस्यों की गलत संख्या दर्शाई गई है। कुछ फैकल्टी, जिन्होंने पहले ही इस्तीफा दे दिया, उनके नाम अब भी आयोग में दिखाए जा रहे हैं, जिससे वेतन का दुरुपयोग हो रहा है। इसके साथ ही, विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित सीटों से अधिक प्रवेश दिए गए हैं, जो नियमों की खुली अवहेलना है। हायर सेकेंडरी स्तर के अयोग्य छात्रों को भी प्रवेश देकर भविष्य में सरकारी सेवाओं में योग्य छात्रों के अवसरों को खतरे में डाला जा रहा है।
सबसे गंभीर आरोप नर्सिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश के नाम पर धोखाधड़ी का है। छात्रों को बताया गया कि उनका नामांकन पीके यूनिवर्सिटी में हुआ है, लेकिन बाद में पता चला कि उनका नामांकन किसी अन्य महाविद्यालय में दर्शाया गया है। यह न केवल छात्रों के साथ धोखा है, बल्कि उनकी डिग्री की वैधता और भविष्य को भी जोखिम में डालता है। ABVP ने मांग की है कि विश्वविद्यालय की समस्त शैक्षिक और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की सीबीआई जांच हो, उत्तर पुस्तिकाओं की निष्पक्ष पुनर्जांच हो, और पूर्व में उत्तीर्ण छात्रों की योग्यता की पुष्टि के लिए भौतिक परीक्षा आयोजित की जाए। साथ ही, दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की गई है।
छात्रों ने चेतावनी दी कि इस तरह की अनियमितताएं न केवल विद्यार्थियों के भविष्य को नष्ट करती हैं, बल्कि शिक्षा प्रणाली को अविश्वसनीय बनाकर समाज में भ्रष्टाचार और अयोग्यता को बढ़ावा देती हैं। ABVP ने स्पष्ट किया कि यदि उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हुईं, और सरकार जांच दल गठित कर न्यायोचित कार्यवाही नहीं करती है तब विद्यार्थी परिषद विश्वविद्यालय की तालाबंदी कर चरणबद्ध आंदोलन को तेज करेगी जिसकी समस्त जवाबदेही शासन प्रशासन की होगी।
ज्ञापन देने में मुख्य रूप से कृष्णा सांवला( प्रदेश कार्यसमिति सदस्य) रितुराज यादव (भाग संयोजक) प्रशांत भार्गव(नगर अध्यक्ष) पीयूष भार्गव (नगर मंत्री) हर्ष भार्गव (नगर उपाध्यक्ष) राज भार्गव (नगर सहमंत्री) गौरव राजपूत (पूर्व जिला संयोजक) मोहित यादव, राहुल ठाकुर, अमन मिश्रा, दिव्यांशी सोनी, नरेंद्र यादव, ब्रजमोहन प्रजापति, अंकित यादव, विकास यादव, कमलेश तिवारी, छोटू यादव, रवि यादव, पंजाब यादव, नीरज पाल, सरद, धीरज, शिवम, अभिषेक, शंकर, निर्मल, लक्ष्मण आदि अन्य कार्यकर्ता सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।