सिंध के जल प्रलय में बह गए पंचावली में 30 मकान,ग्रामीण सडक पर बैठे हैं

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी जिले की बदरवास तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम पचावली में बीते मंगलवार-बुधवार को बाढ़ ने सब कुछ उजाड़ दिया हैं और अब पानी के थोड़े से थम जाने के बाद लोगों के दुख:दर्द सामने निकलकर आ रहें हैं वहीं लोगों सन 72 का बाढ़ की तबाही का मंजर याद आने लगा है।

ग्रामीणों का कहना हैं कि अचानक ही सिंध नदी उफान पर आ गई, हमें अपने घरों से सामान तक निकालने का मौका नहीं मिला, हमने केवल अपना और अपनों का बचाव किया। ऐसी स्थिति में हरिजन बस्ती में मौजूद 30 कच्चे घर बाढ़ की चपेट में आ गये और बाढ़ के साथ ही बह गये। वहीं घर में मौजूद घर गृहस्थी का सामान तक हमारा बह गया। वहीं हमारी फसल भी 100 प्रतिशत खराब हो गई है अभी भी हमारे खेतों में पानी भरा हुआ हैं।

ग्राम पचावली तहसील बदरवास के सरपंच मोनू दांगी ने बताया कि इन 72 घंटों में हमने व समस्त ग्रामीणों ने जो सिंध नदी में अचानक उफान और और देखते ही देखते नदी के पानी ने बाढ़ का रूप धारण कर लिया। यहां तक कि लोगों को इतना मौका नहीं मिला कि वह अपना सामान देख सकें, उन्होंने जैसे तैसे अपना व अपनों का बचाव किया। और बाढ़ से जूझते रहे। आज पूरी हरिजन बस्ती वीरान हो गई है वहां पर केवल 2 से 3 घर ही बचे हुए हैं जो कि पक्के बने हुए थे। बाकी के 30 घर बाढ़ के साथ ही बहते हुए चले गये।

मवेशी को नहीं हैं खाने को चारा
ग्रामीण करण जाटव निवासी पंचावली ने बताया कि सिंध नदी के कारण आई बाढ़ में हमारे गेहूं व घर गृहस्थी का सामान सब चला गया, 2 कमरे गिर गये पूरे क्षेत्र में पानी भर गया हैं। मवेशी सुरक्षित हैं वह भी बीमार से हो गये हैं, उनको खिलाने के लिए चारा तक नहीं हैं। सब पानी में बह गया।

हरिजन बस्ती में टूटे सभी घर-लोग रोड़ पर बैठने को मजबूर
वहीं जिनके घर टूटे हैं वह आज रोड़ों पर बैठे हुए हैं और सदमे में हैं कि  कैसे हम अपनी व्यवस्था करें। कैसे क्या होगा, ना सोने को जगह हैं ना ही खाने को खाना मिल पा रहा हैं यहां तक कि अभी भी क्षेत्र में पानी भर हुआ हैं और खाना बनाने के लिए कोई भी सूखी जगह नहीं मिल पा रही हैं। 30 से 40 साल बाद ऐसी बाढ़ हमारे गांव पचावली में आई हैं इससे पहले ऐसी बाढ़ कभी भी नहीं आई, हमेशा थोड़ा बहुत पानी आता था।

अभी भी जूझ रहे हैं इस बाढ़ से
सरपंच मोनू दांगी जी ने ऐसे समय में प्रशासन ने हमारा बहुत साथ दिया हैं और हमारे खाने पीने, रहने की व्यवस्था में वह लगे हुए हैं हालांकि पूरा प्रशासन भी अभी पंचावली में हैं और हमारी मदद कर रहा हैं, ऐसे में जनप्रतिनिधि भी हमसे मिलने के लिए आ  रहे हैं। लेकिन अभी तक हमारी कोई भी व्यवस्था नहीं हो सकी हैं इस बाढ़ में हमारा घर सब कुछ चला गया हैं। बाढ़ में हम लोगों ने जो 72 घंटे इस बाढ़ के पानी से लड़ाई की हैं जैसे तैसे अपने आपको बचाया हैं वह मंजन हमने देखा हैं और हम ही जानते हैं।