SHIVPURI NEWS - बीजासन माता मंदिर, नवविवाहित जोडा करता है यहां विशेष पूजा, वैवाहिक जीवन सुखमय होता है

Bhopal Samachar

करैरा। नगर अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है, और यहां के कई प्राचीन मंदिरों में बीजासन माता का मंदिर विशेष महत्व रखता है। यह मंदिर न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी आस्था का प्रमुख केंद्र है। बीजासन माता के मंदिर की विशेषता यहां की प्रथा है जिसे 'पाटा भरना' कहा जाता है। यह प्रथा मंदिर को अन्य धार्मिक स्थलों से अलग पहचान देती है।

यह मंदिर करैरा के चिंता हरण मंदिर परिसर में स्थित है, जो गुप्ता जी की बगिया के अंदर स्थित है। मंदिर का स्थान बेहद शांत और रमणीय है, जो भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है। मंदिर में एक खास परंपरा है, 'पाटा भरना। नवविवाहित जोड़े अपनी शादी के बाद माता के चरणों में आकर यह विशेष पूजा करते हैं। इस पूजा के दौरान वे अपनी आस्था और समर्पण को प्रकट करते हैं।

मान्यता है कि ऐसा करने से नवदंपति को माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनका वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। यह प्रथा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक एकता और परंपराओं को भी मजबूत करती है। मंदिर के पुजारी आमोद महाराज बताते हैं कि यह मंदिर पहले बहुत जीर्ण-शीर्ण अवस्था में था। कई वर्षों तक मंदिर की उचित देखभाल नहीं हो पाई थी, जिससे मंदिर की स्थिति बिगड़ गई थी।

लेकिन भक्तों की श्रद्धा और उनके प्रयासों ने इस मंदिर को पुनः नया जीवन दिया है। आज यह मंदिर पहले से कहीं बेहतर स्थिति में है, हालांकि आकार में यह छोटा है। नवरात्रि के दिनों में मंदिर में भक्तों का तांता लग जाता है। इस समय पाटा भरने की प्रथा का विशेष महत्व है, और मंदिर में उत्सव का माहौल रहता है। भक्त दूर-दूर से माता के दर्शन करने और अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए यहां पहुंचते हैं।