शिवपुरी। सर्किल जेल शिवपुरी में में पहली बार नवसंवत्सर का आगाज वेद मंत्रोच्चारण के साथ हुआ। गायत्री परिवार ने पहली बार देव आव्हान के साथ 5 कुंडीय यज्ञ में 60 कैदियों ने आहुतियां दीं। पहली बार जेल में आध्यात्मिक माहौल देखने को मिला।
जानकारी के मुताबिक गायत्री परिवार के तत्वावधान में सर्किल जेल शिवपुरी में रविवार को हिंदू नववर्ष की शुरुआत सामूहिक यज्ञ के साथ हुई। पांच कुंडीय यज्ञ में 30-30 कैदियों ने दो पालियों में गायत्री मंत्र व अन्य वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आहुतियां दीं। सुबह 10 बजे से पांच कुंडीय यज्ञ प्रारंभ हुआ और दोपहर 12 बजे यज्ञ का समापन हुआ। यह पांच कुंडीय यज्ञ में सर्किल जेल अधीक्षक रमेश चंद्र आर्य मुख्य यजमान बने। दरअसल गायत्री परिवार ने लगातार एक साल तक कैदियों के बीच जाकर आध्यात्मिक का महत्व समझाया। आत्म साक्षात्कार कराने के लिए जप, तप और स्वास्थ्य की आदत डाली। एक साल बाद नव संवत्सर के पहले दिन हवन में आहुतियां दीं। धर्म-कर्म से जुड़कर कैदियों के चेहरे पर उत्साह के भाव देखे गए।
नवरात्रि में 32 कैदी मंत्र जप, 30 मंत्र लेखन व स्वाध्याय कर रहे
सर्किल जेल में करीब 60 कैदियों ने दीक्षा ली है। पहले दिन हवन में आहुतियां देकर कैदियों अलग ही अनुभव किया। अब नवरात्रि में ने अलग। 32 कैदी मंत्र जप साधना कर रहे हैं। वहीं 30 कैदी मंत्र लेखन कर रहे हैं। इसके अलावा 10 से ज्यादा कैदी स्वाध्याय कर रहे हैं।
कई कैदी आध्यात्म से जुड़कर खुद को सुधार रहे हैं
कैदी अध्यात्म से जुड़कर खुद को सुधार रहे हैं
सर्किल जेल शिवपुरी में रविवार को पांच कुंडीय यज्ञ का आयोजन रखा गया। 60 कैदियों ने यज्ञ में आहुतियां दीं। एक साल अलग-अलग गतिविधियां संचालित कीं। आध्यात्म की ओर मोड़ने के लिए कैदियों को जीवन मूल्य समझाएं। साधन, मंत्र जप, स्वाध्याय आदि का महत्व बताया। कई कैदी अध्यात्म से जुड़कर खुद को सुधार रहे हैं। -
डॉ. पीके खरे, रिटायर सिविल सर्जन एवं जिला समन्वयक, गायत्री परिवार शिवपुरी