SHIVPURI NEWS - भूमि पर कब्जा दिलाने गए राजस्व अमले की मारपीट, चलाई गोली-बंधक बना लिया

Bhopal Samachar

शिवपुरी।  सिरसौद थाना अंतर्गत ग्राम जसराजपुर में शुक्रवार को तहसील न्यायालय के आदेश पर राजस्व व पुलिस की टीम अतिक्रमण हटवाने के लिए गई थी। इसी दौरान अतिक्रामक परिवार ने राजस्व व पुलिस टीम गोली चला दी। इसके अलावा लाठी, कुल्हाड़ी आदि से अमले की मारपीट की गई। पुलिस ने प्रकरण में आरोपितों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण कायम कर लिया है।

जानकारी के अनुसार तहसील न्यायालय के आदेश क्रमांक/नायब तहसीलदार/रोडर-3/2024 दिनांक 25.06.24 के पालन में धारा 250 के प्रकरण में शुक्रवार को राजस्व निरीक्षक राजेश वर्मा, राजस्व दल पटवारी पराग राहौरा, पटवारी संदीप वर्मा, हल्का पटवारी दर्शनी हरी वर्मा तहसील शिवपुरी व पुलिस टीम के साथ धारा 250 के प्रकरण में ग्राम जसराजपुर में भूमि स्वामी जयकुमार पुत्र हुकुमचंद जैन निवासी ग्राम सिरसौद के तहसील न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 08/अ- 70/2020-21 में पारित आदेश के पालन में ग्राम जसराजपुर में स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 199 रकवा 0.99 हैक्टेयर भूमि पर अनावेदक सरदार सिंह पुत्र भगवान लाल रावत निवासी ग्राम जसराजपुर को मौके पर बेदखल करने हेतु एवं आवेदक जयकुमार जैन निवासी सिरसौद को उसकी भूमि का कब्जा दिलाने के लिए गए थे। राजस्व अमले द्वारा कब्जा दिलाने के दौरान अनावेदक सरदार सिंह रावत ने शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न कर अपने स्वजनों को बुलाकर राजस्व व पुलिस की टीम पर बन्दूक, कुल्हाडी, लाठी से अचानक हमला कर दिया। राजस्व निरीक्षक को जान से मारने की नीयत से गोली चलाई गई और राजस्व अमले की मारपीट कर उन्हें बंधक बना लिया गया।

सूचना मिलने पर पुलिस बल ने मौके पर पहुंच कर सभी बंधकों को मुक्त करवाया। पुलिस ने शिकायत के आधार पर दीपक रावत, शिवदयाल रावत, अभिषेक रावत पुत्रगण सरदार सिंह रावत सरदार सिंह पुत्र भगवान लाल रावत निवासीगण ग्राम जसराजपुर के खिलाफ विभिन्न धाराओं में आपराधिक प्रकरण कायम कर लिया है।

पुलिस बल के नाम पर सिर्फ एक प्रधान आरक्षक इस पूरे मामले में अगर देखा जाए तो कहीं न कहीं प्रशासन और पुलिस की लापरवाही सामने आई है। प्रशासन और पुलिस भली भांति इस बात को जानते थे कि आरोपित दबंग है और सालों से जमीन पर कब्जा किए हुए है। मौके पर जमीन को कब्जा मुक्त करवाने की कार्रवाई के दौरान विवाद की स्थिति निर्मित हो सकती है, बावजूद इसके पुलिस फोर्स के नाम पर सिर्फ एक पुलिसकर्मी को राजस्व अमले के साथ भेजा गया था। अगर प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो बाद में जो पुलिस फोर्स आया था अगर उत्तना ही पुलिस फोर्स कब्जा हटाने की कार्रवाई के दौरान राजस्व अमले के साथ आया होता तो यह हालात निर्मित नहीं होते।