शिवुपरी। आदिम जाति कल्याण विभाग के तत्कालीन प्रभारी जिला संयोजक व वर्तमान पिछोर एसडीएम पर सीनियर कन्या छात्रावास प्रथम की तत्कालीन अधीक्षिका द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच जिला स्तरीय कमेटी ने पूरी कर ली है। जांच टीम ने कलेक्टर को इसकी रिपोर्ट सौंप दी है।
जांच पूरी होने के बाद भी यह अभी अधर में ही लटकी हुई है क्योंकि आरोप लगाने वाली अधीक्षिका अपने बयान देने के लिए ही नहीं पहुंची। न ही उसके द्वारा कोई साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। फिलहाल तीन सदस्यों की जांच टीम ने अपना प्रतिवेदन कलेक्टर को भेज दिया है।
उल्लेखनीय है कि सीनियर कन्या छात्रावास प्रथम की तत्कालीन अधिक्षिका राजकुमारी कोली ने पिछोर एसडीएम व तत्कालीन जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग बिजेंद्र यादव पर आरोप लगाया था कि वह उन पर छात्रावास की छात्राओं को रात के समय उनके बंगले पर भेजने का दबाव बना रहे हैं।
इसी क्रम में उन्होंने उस पर भी दबाब बनाया था कि वह उनके बंगले पर रात के समय आएं। इन गंभीर आरोपों को लेकर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने एडीएम नीतू माथुर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच दल बनाया था।
इस जांच दल में आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक महावीर जैन व महिला बाल विकास अधिकारी देवेंद्र सुंदरियाल सदस्य के रूप में शामिल थे। इस मामले में संबंधितों के बयान हुए। आरोप लगाने वाली अधीक्षिका राजकुमारी कोली को भी बयान व साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए टीम ने बुलवाया, लेकिन राजकुमारी ने यह कहते हुए टीम के समक्ष अपने बयान दर्ज कराने सहित साक्ष्य प्रस्तुत करने से इंकार कर दिया कि उसे जिला स्तरीय टीम पर भरोसा नहीं है। वह सीएस स्तर के अधिकारी से जांच करवाना चाहती है। जांच दल ने जांच प्रतिवेदन कलेक्टर के समक्ष भेज दिया है।
मुझे जांच दल की सूचना नहीं दी, सीधा बयान देने बुलाया
इस मामले में जब छात्रावास अधीक्षिका राजकुमारी कोली से बात की गई तो उनका कहना था कि जांच के लिए जो टीम बनाई गई थी, नियमानुसार उसकी सूचना उन्हें भी दी जानी चाहिए थी, लेकिन अधिकारियों ने ऐसा नहीं किया। इसके बाद उन्हें एक पत्र साक्ष्यों के साथ उपस्थित होने के संबंध में दिया गया। मुझे यह भी पता नहीं था कि मुझे किस व्यक्ति को बयान और साक्ष्य देना है।
मैं जब SDM आफिस पहुंची तो मुझे एडीएम मैडम ने बयान और साक्ष्य देने के लिए कहा। इस पर मैंने उनके समक्ष अपनी ओर से तथ्यात्मक रूप से यह बात रखी कि मुझे तो यह भी पता नहीं है कि जांच टीम में कौन है, इसके अलावा उन्होंने बताया कि उन्हें तो सिर्फ बयान लेकर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करना है। ऐसे में मैंने स्पष्ट कर दिया कि मैं राज्य स्तर की टीम से जांच करवाना चाहती हूं। बकौल राजकुमारी उन्हें शिवपुरी के अधिकारियों पर भरोसा नहीं है कि तटस्थ जांच करेंगे।
इनका कहना है
हमने अधीक्षिका को उसके बयान और साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए बुलाया था, परंतु अधीक्षिका ने यह कहते हुए बयान देने से इंकार दिया कि वह जिले के बाहर की टीम से जांच करवाना चाहती है। वह चीफ सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी से जांच करवाना चाहती है। हमने अपनी रिपोर्ट कलेक्टर साहब को भेज दी है।
नीतू माथुर, एडीएम व अध्यक्ष, जांच कमेटी