SHIVPURI NEWS - भ्रष्टाचार के आरोप मे हटाए गए SDM शिवपुरी उमेश कौरव, विधायक ने खोली पोल

Bhopal Samachar

ललित मुदगल @ एक्सरे शिवपुरी। शिवपुरी के एसडीएम उमेश कौरव को कलेक्टर शिवपुरी रविन्द्र कुमार चौधरी ने एसडीएम पद से हटा दिया है और शिवपुरी के एसडीएम का चार्ज डिप्टी कलेक्टर अनुपम शुक्ला को दिया गया है। बताया जा रहा है कि नगर पालिका में फर्जी एनओसी काण्ड में दो लोगो को बचाने के लिए एक ही क्रमांक के 2 ओदश बनाए गए। वही सुरवाया मे एक सीलिंग की जमीन का नामांतरण कर दिया,जानकारी मिल रही है कि एसडीएम उमेश कौरव ने 100 बीघा के तालाब को असचिंत भूमि बता दिया इस कारण प्रशासन को भी लगभग लाखो रूपए की राजस्व की हानि हुए है। शिवपुरी विधायक देवेन्द्र जैन ने इस मामले की शिकायत पीएस और सिंधिया को थी। इस कारण एसडीएम उमेश कौरव को शिवपुरी एसडीएम के पद से हटा दिया गया है।

नगर पालिका की विवादित एनओसी में 2 लोगों को क्लीन चिट
बीते मार्च के माह में नगर पालिका की एक फर्जी एनओसी का मामला प्रकाश में आया था। 5 करोड़ की जमीन को हड़पने के लिए नगर पालिका की एक कूटरचित फर्जी एनओसी का सहारा लेते हुए मात्र 30 लाख रुपए में रजिस्ट्री कराई गई थी। इस मामले की शिकायत हुए तो इसमें नगर पालिका कार्यालय से जारी एक एनओसी की दम पर यह पूरा कांड हुआ था। जांच के दौरान पाया गया था कि नगर पालिका शिवपुरी से जारी यह एनओसी कूटरचित है।  सबसे पहले यह मामला 15 जनवरी को प्रकाश में आया था जब इस जमीन को लेकर शिवपुरी शहर के रितेश अग्रवाल ने इस मामले की शिकायत सिटी कोतवाली में दर्ज कराई थी।

उसके बाद मामले की पर्ते उखडना शुरू हुई और जांच के उपरांत फर्जी रजिस्ट्री और फर्जी एनओसी का मामला सिद्ध हुआ,अब सीएमओ इशांक धाकड़ ने  फर्जी एनओसी से सरकारी जमीन बेचने पर शिवपुरी एसडीएम ने कॉलोनाइजर की पत्नी, 6 भाई-बहन, दलाल व गवाहों सहित 13 लोगों के खिलाफ आदेश जारी किया है। मामले में एफआईआर दर्ज कराने नगर पालिका सीएमओ को निर्देश जारी किए हैं।

एसडीएम शिवपुरी उमेश कौरव ने मामले की जांच कराई। फर्जी एनओसी से जमीन 27.60 लाख में बेचने के मामले में एसडीएम ने 13 मार्च 2025 को आदेश जारी किया है। फर्जी एनओसी से जमीन खरीदार ने पर सुशीला धाकड़ पत्नी बद्रीप्रसाद धाकड़ निवासी विवेकानंद कॉलोनी शिवपुरी व मंजू पत्नी सतीश अग्रवाल निवासी पानी की टंकी के सामने फिजिकल रोड शिवपुरी और विक्रेता सीताराम गौड़, विजय गौड़, कन्हैया गौड़, रवि पुत्रगण मंटू लाल गौड़ निवासी शिवपुरी, धनौ गौड़, आनंदी गौड़ पुत्रीगण मिंटूलाल गौड़, महादेवी विश्वकर्मा पत्नी राजू विश्वकर्मा और रजिस्ट्री में गवाह रामेश्वर पुत्र सिरनाम सिंह धाकड़ निवासी ग्राम ठेह व संजीव धाकड़ पुत्र रघुवीर धाकड़ निवासी विवेकानंद शिवपुरी सहित दो दलाल राजेश कुशवाह पुत्र जगदीश कुशवाह निवासी चंदन्पुरा, रामनिवास रावत के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए थे,लेकिन बाद मे यह आदेश बदला गया और इसमें सुशीला धाकड़ पत्नी देवी प्रसाद धाकड़ निवासी विवेकानंद कॉलानी ओर मजू पत्नि सतीश अग्रवाल निवासी पानी की फिजीकल रोड पानी की टंकी,इन दोनो के नाम विलोपित कर दिए गए थे।

अब सीलिंग काण्ड में लाखों 
सीलिंग भूमि राजा-महाराजाओं या जमीदारों से प्राप्त भूमि है, जो शासन के अधीन रहती है और जिसका पट्टा जरूरतमंदों को दिया जाता है ताकि वे उस पर खेती कर सकें। इस भूमि को बेचा नहीं जा सकता। यहां किसी तरह की बिल्डिंग नहीं बनाई जा सकती। न ही किसी तरह का व्यवसाय किया जा सकता है। सरदार आंग्रे सिंधिया स्टेट के सुरवाया क्षेत्र के जागीरदार थे। इस क्षेत्र में सरदार आंग्रे की फैमिली की लगभग 1500 बीघा जमीन थी,जिसे सरकार ने सील कर दिया था। इस जमीन की रजिस्ट्री कूटरचित 29 नवंबर 2011 को संपादित कराई गई थी।

यह जमीन गुजमाता कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ग्वालियर प्रोपराइटर मनोज कुमार सिंह निवासी भोपाल ने इस 1500 जमीन के लगभग 200 नंबरों की 5 रजिस्ट्री कराई गई थी। इस पूरी भूमि का नामांतरण प्रकरण शिवपुरी तहसील   में प्रस्तुत किया गया था जहां से इस भूमि का नामांतरण सीलिंग एक्ट के तहत निरस्त कर दिया गया था,लेकिन शिवपुरी एसडीएम के चलित प्रकरण में इस भूमि का नामतांरण शिवपुरी एसडीएम उमेश कौरव ने कर दिया।

न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी ( राजस्व )अनुविभाग व जिला शिवपुरी में दिनांक 2 दिसंबर 2024 को 4 आदेश इस मामले के पारित किए गए। आदेश क्रमांक एसडीएम कार्यालय शिवपुरी से जारी प्रकरण क्रमांक 76 अपील 2024-2025, प्रकरण क्रमांक 77 अपील 2024-2025,प्रकरण क्रमांक 78 अपील 2024-2025,प्रकरण क्रमांक 79 अपील 2024-2025, प्रकरण क्रमांक 80 अपील 2024-2025 परित किए है। वही प्रकरण क्रमांक 16176 अपील 2024-2025 का आदेश 26 मार्च 25 को पारित किया गया है।

बताया जा रहा है कि इस प्रकरण में एसडीएम ने लाखो का भ्रष्टाचार किया है। वही शिवपुरी विधायक देवेन्द्र जैन इस मामले में केवल ट्रांसफर से संतुष्ट नही है उनका कहना है कि वह इस मामले की शिकायत प्रमुख सचिव से करेगें। इस मामले की जांच होनी चाहिए कि एसडीएम शिवपुरी ने कौनसे कानून के आधार पर इस सीलिंग की जमीन का नामांतरण कर दिया।