SHIVPURI NEWS - सीलिंग जमीन कांड में फंसे ​शिवपुरी के EX- SDM , जांच शुरू,करोडो की रिश्वत डकारी है

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी के पूर्व एसडीएम वर्तमान डिप्टी कलेक्टर उमेश कौरव सुरवाया गांव में स्थित सिलिंग की 1500 बीघा जमीन के नामांतरण में गले गले तक फस गए है। इस जमीन का पूरा रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है,बताया जा रहा है कि इस 1500 बीघा जमीन के नंबरों में अधिकांश नंबर टाइगर रिजर्व,वन विभाग और तालाब की जमीन है जिसका गलत तरीके से  गुलमाता कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम नामांतरण किया गया है। इन नामातंरणो के 5 मामलों में एक ही दिन में 4 फाइलो की अपील का निपटारा कर नामांतरण के आदेश पूर्व एसडीएम न्यायालय ने किए है।

इस मामले में शिवपुरी समाचार ने सभी अपीलो के ओदश क्रमांक आदेश दिनांक के विवरण की जानकारी प्रकाशित की थी। इस मामले में शिवपुरी कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी ने जांच के आदेश कर दिए है और इन जमीन के नंबरों को खंगाला जाएगा अगर इस जमीन में सरकारी नंबर की जमीन पाई जाती है तो राजस्व अधिकारी उमेश कौरव पर कडी कार्रवाई तय है।  

शिवपुरी के पूर्व एसडीएम उमेश कीरव ने सुरवाया क्षेत्र में स्थित करीब 1500 बीचा जमीन की रजिस्ट्री 2011 में ग्वालियर की फर्म मेसर्स गुलमाता कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर की गई थी। उक्त जमीन जंगल क्षेत्र की होने के कारण इसका नामांतरण नहीं हुआ था। इस जमीन के नामांतरण की फाइलों को शिवपुरी तहसीलदार ने रिजेक्ट कर दिया था और नामांतरण नही किया था। कंपनी ने इतने सालो का इतजार किया और सैंटिंग वाले अधिकारी का इंतजार किया और जमीन का नामांतरण कर दिया। एसडीएम ऑफिस के सूत्रों का कहना है कि इस जमीन के नामांतरण में एसडीएम ने करोड़ों रुपए की रिश्वत खाई है।  

नामांतरण  करवाने वाली फर्म नामांतरण के लिए उचित समय और अधिकारी का इंतजार करती रही। इसी क्रम में कुछ समय पूर्व जब डिप्टी कलेक्टर उमेश कौरव को शिवपुरी का एसडीएम बनाया गया तो उन्होंने मेसर्स गुलमाता कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर से सांठगांठ कर जमीन का नामांतरण फर्म के नाम कर दिया। नामांतरण करते समय इस बात का भी ध्यान नहीं रखा गया कि जिस जमीन का नामांतरण किया जा रहा है वह जमीन टाइगर रिजर्व क्षेत्र, सामान्य वन मंडल, तालाब, मंदिर, शमशान आदि की जमीन है।

विधायक देवेन्द्र जैन ने खोली पोल
इसको लेकर विधायक ने शिकायत दर्ज कराई थी इस शिकायत के बाद एसडीएम उमेश कौरव को शिवपुरी एसडीएम पद से हटा दिया था। लेकिन विधायक इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं थे।  क्योंकि विधायक का मानना है कि केवल प्रभार वापस लेना कोई दंड नहीं है। अब कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी ने इस मामले में जमीन का पूरा रिकॉर्ड खंगालने के निर्देश दिए हैं। इसमें यदि जमीन का गलत तरीके से नामांतरण होना पाया जाता है तो पूर्व एसडीएम एवं वर्तमान डिप्टी है।ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव व चीफ सेक्रेटरी को दर्ज कराई है। इसके बाद कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने शिवपुरी एसडीएम उमेश कौरव को हटाकर डिप्टी कलेक्टर अनुपम शमा की शिवपुरी के एसडीएम का प्रभार सौंप दिया था। 

एक मामले में तीन आदेश जारी करने पर भी उठे थे सवाल
नगर पालिका से सुशीला पत्नी बढ़ी धाकड़, अंजू पत्नी सतीश अग्रवाल के नाम पर नगर पालिका से फर्जी एनओसी तैयार करवा कर ग्रामी झिंगुरा स्थित सरकारी सर्वे नंबर-4 की 0.0310 हेक्टेयर जमीन की रजिस्ट्री किए जाने वाले मामले को भी शिकायत में शामिल किया है। मामले में एसडीएम ने पहले तो कालोनाइजर बढी धाकड़ की पत्नी सुशीला धाकड़ और शहर के प्रसिद्ध नमकीन कारोबारी सतीश अग्रवाल की पत्नी अंजू अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए, लेकिन बाद में इन दोनों नामों की हटा दिया गया। एक ही मामले में एक से अधिक बार आदेश बदलने पर भी एसडीएम पर उंगलियां उठी थीं। रिटायर्ड होने की मुहाने पर खडे है डिप्टी कलेक्टर उमेश कौरव,ऐसे समय में इस  सरकारी जमीन के नामांतरण काण्ड में फस गए अब राजस्व अधिकारी उमेश कौरव की अधिक परेशानी बढ रही है।

क्या होती है सीलिंग की भूमि
सीलिंग भूमि राजा-महाराजाओं या जमीदारों से प्राप्त भूमि है, जो शासन के अधीन रहती है और जिसका पट्टा जरूरतमंदों को दिया जाता है ताकि वे उस पर खेती कर सकें। इस भूमि को बेचा नहीं जा सकता। यहां किसी तरह की बिल्डिंग नहीं बनाई जा सकती। न ही किसी तरह का व्यवसाय किया जा सकता है। सरदार आंग्रे सिंधिया स्टेट के सुरवाया क्षेत्र के जागीरदार थे। इस क्षेत्र में सरदार आंग्रे की फैमिली की लगभग 1500 बीघा जमीन थी,जिसे सरकार ने सील कर दिया था। इस जमीन की रजिस्ट्री कूटरचित 29 नवंबर 2011 को संपादित कराई गई थी।

यह जमीन गुजमाता कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ग्वालियर प्रोपराइटर मनोज कुमार सिंह निवासी भोपाल ने इस 1500 जमीन के लगभग 200 नंबरों की 5 रजिस्ट्री कराई गई थी। इस पूरी भूमि का नामांतरण प्रकरण शिवपुरी तहसील   में प्रस्तुत किया गया था जहां से इस भूमि का नामांतरण सीलिंग एक्ट के तहत निरस्त कर दिया गया था,लेकिन शिवपुरी एसडीएम के चलित प्रकरण में इस भूमि का नामतांरण शिवपुरी एसडीएम उमेश कौरव ने कर दिया।

इनका कहना हैं
जनप्रतिनिधि की शिकायत की जांच के लिए हमने जमीन का रिकॉर्ड निकालने के निर्देश दिए है। इस मामले की गंभीरता से जांच कराई जाएगी और यदि आरोप सही पाचा नाता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
रवीन्द्र कुमार चौधरी, कलेक्टर।