शिवपुरी। त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में सरपंच बनने के लिए हर बार लड़ाई-झगड़े की आशंका रहती है। हार-जीत के बाद चुनावी रंजिश सालों तक बनी रहती है। इससे ना सिर्फ विकास कार्य प्रभावित होते हैं, बल्कि गांव में नकारात्मक माहौल बन जाता है। चुनावी रंजिश खत्म कराने के लिए पहली बार सरकार निर्विरोध सरपंच चुनने पर जोर दे रही है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में निर्विरोध सरपंच चुने जाएंगे, वहां मुख्यमंत्री खुद जाएंगे। ऐसी ग्राम पंचायतों को विकास कार्यों पर खर्च करने मोटी रकम भी सरकार देगी। वहीं सरपंच व पंच पदों पर महिलाएं निर्विरोध चुनी जाएंगी, उन ग्राम पंचायतों को 15-15 लाख रुपए मिलेंगे। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने बताया कि चुनावी रंजिश की परंपरा को खत्म करने के लिए निर्विरोध चुनाव पर जोर है। यदि सबकी रजामंदी से निर्विरोध सरपंच चुने जाएंगे तो दोनों पक्षों की जीत होगी।
गांवों के विकास में बाधाएं नहीं आएंगी और गांव में भी सकारात्मक माहौल रहेगा। कलेक्टोरेट शिवपुरी में प्रेसवार्ता ली। जिले में होने जा रहे पंचायत चुनावों की रूपरेखा बताई। जिले में कुल 9.75 लाख मतदाता दर्ज हैं जिनमें 19 हजार 740 मतदाता 18 से 19 साल के हैं, जो पहली बार अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। पूरे जिले में वोटिंग के लिए 1758 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं।
शिवपुरी जिले में कुल 587 ग्राम पंचायतों में सरपंच, आठों जनपद में 193 जनपद सदस्य और जिला पंचायत के 25 सदस्य चुनने के लिए तीन चरणों में वोटिंग होगी। शिवपुरी जिले में सबसे अधिक 101 ग्राम पंचायत खनियाधाना जनपद में हैं। इसलिए यहां मतदाताओं की भी संख्या ज्यादा है।