शिवपुरी। बैराड से अपनी मौसी के यहां जाने के लिए बस में बैठकर निकली विवाहिता को बस के क्लीनर ने अकेली समझ उतार लिया और उसने घर ले आया उसको बधंक बनाकर अपने घर रखा और उसके साथ डेढ माह तक बलात्कार किया। हैवानियत इतनी की पॉलीथिन को जलाकर उसकी टपकती गर्म बूंदो से पीडिता का पेट और पैर तक जला दिए। पुलिस और डॉक्टरो ने जब यह निशान देखे तो वह भी हैरान रह गए।
जैसा कि विदित हैं कि मुरैना के पहाडगढ स्थित खरईपुर गांव में एक विवाहिता को डेढ माह तक बंधक बना कर उसके साथ बलात्कार करने वाले क्लीनर पीपी आदिवासी के खिलाफ बैराड थाना पुलिस ने धारा 376, 344, 323, 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर मामला विवेचना में ले लिया है।
अपने मौंसी के यहां निकली थी बस में बैठकर विवाहिता
बैराड़ थाना क्षेत्र की रहने वाली 22 साल की आदिवासी युवती अपनी मौसी के घर जाने के लिए 28 अक्टूबर को बस में बैठी थी। उसी बस में क्लीनर पीपी आदिवासी था। अकेली देखकर पीपी आदिवासी ने उसे पहाड़गढ़ उतार लिया और अपने गांव ले गया। गांजे के आदी पीपी आदिवासी ने पीड़िता को घर में डेढ़ माह बंधक बनाकर ना सिर्फ गलत काम किया बल्कि नशे की हालत में क्रूरता की हदें पार कर दीं।
गांव की महिला अपने संग मजदूरी कराने जयपुर ले गई, वहां से अकेली भागकर आई पीड़िता के संग खरईपुरा में क्रूरता होती देख गांव वालों ने क्लीनर के चंगुल से छुड़ाया। गांव की महिला सरोज आदिवासी के संग जयपुर मजदूरी करने भेज दिया। जयपुर से पीड़िता भागकर मुरैना के जौरा पहुंची यहां इस विवाहिता को मीडिया ने देख लिया और पुलिस के सुपुर्द करा दिया। इस तरह पीड़िता की घर वापसी हुई। मेडिकल के बाद केस दर्ज कराकर पीड़िता अपने पिता के संग घर चली गई। पीड़िता मानसिक रूप से थोड़ी कमजोर है। शादी के बाद उसे पति ने छोड़ दिया है।
पीड़िता ने पुलिस को बताई बलात्कारी की हैवानियत
विवाहिता ने बताया कि मुरैना के पहाड़गढ़ स्थित खरईपुरा गांव का पीपी आदिवासी ने उसे अपने घर में डेढ़ महीने तक बंधक बनाकर रखा। उसके संग ना सिर्फ गलत काम किया, बल्कि असहनीय पीड़ा भी दी। पॉलीथिन सुलगाकर जलती बूंदे पेट व पैरों पर टपकईं। आग की बूंदों से पीड़िता के पेट व पैरों पर जलने के निशान मिले हैं, इन जख्मो को देखकर ना सिर्फ डॉक्टर और पुलिस भी दंग रहे गए।