CORONA से हुई मौतों पर आंकड़ेबाजी के कारण योजना का लाभ मिलने में होगा अंडगा - Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना संक्रमित की मौत पर उसके परिजन को एक लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने का एलान किया हैं,लेकिन मौत पर आंकड़ेबाजी के कारण इस योजना के लाभ में अंडगा डाल दिया,जिनके परिजन का काल बना हैं कोरोना....क्यो की कई मरीजो की मौत कोरोना के कारण हुई हैं और ईलाज के 10 दिन बाद उसकी कोरोना रिर्पोट निगेटिव आ गई और उसकी मौत हो गई।

फिलहाल शिवपुरी जिले में 2 उदाहरण हमारे सामने आ रहे हैं। नरवर मगरौनी निवासी सुमन बंसल (35) पत्नी दिलीप बंसल की 15 मई की शाम 5 बजे मौत हो गई। दिलीप ने बताया कि 18 अप्रैल को दो निजी हॉस्पिटल गए, जहां भर्ती नहीं किया। जिला अस्पताल में भर्ती कराने के दो दिन बाद सैंपल टेस्ट में रिपोर्ट पॉजिटिव बताई। मौत के बाद कहा कि डेथ सर्टिफिकेट 15 दिन बाद आकर ले जाना,15 दिन बाद सुमन के मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरेाना की रिर्पोट निगेटिव थी।

वही दूसरा उदाहरण शिवपुरी के सुभाष कॉलोनी में निवास करने वाली 51 कुसुम मिश्रा का हैं। कुसुम मिश्रा को को 21 अप्रैल की शाम जिला अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया,कोविड का इलाज शुरू किया गया,लेकिन स्वास्थय में सुधार नही हो रहा था। डॉक्टरो ने 23 तारिख को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाना शुरू कर दिया था।

आक्सीजन का स्तर लगातार गिरने के कारण कुसुम मिश्रा को 24 अप्रैल को मेउिकल कॉलेज के अस्पताल में शिफ्ट किया गया और 29 अप्रैल को कुसुम मिश्रा ने मेडिकल कॉलेज के अस्पताल के कोविड आईसीयू में मौत हो गई।अंतिम संस्कार भी कोविड गाइड लाइन के तहत सरकारी अमले ने स्थानीय मुक्तिधाम में किया था। यहां भी कुसुम मिश्रा का मृत्युप्रमाण पत्र 15 दिन बाद दिया गया। उसमें भी कोरोना निगेटिव लिखा गया।

वही तीसरा उदाहरण तो सरकारी कर्मचारियो को परेशान करने वाला हैं
इससे पूर्व जिले के बदरवास क्षेत्र के खतौरा निवासी प्राथमिक विद्यालय रामगढ़ में पदस्थ शिक्षक गोपाल सोनी ने कोरोना से लड़ाई लड़ते हुए पिछले माह 29 अप्रैल को मेडिकल कॉलेज के कोविड आईसीयू में दम तोड़ दिया था। शिक्षक का अंतिम संस्कार भी कोविड गाइड लाइन के तहत सरकारी अमले ने स्थानीय मुक्तिधाम में किया था। शिक्षक के मृत्यु प्रमाण पत्र में भी मौत का कारण समान्य लिखा हैं।


आकडे बाजी का खेल किसके कहने पर
बडा सवाल यह बनता है कि मौतो पर आंकडेबाजी का खेल किसका हैं,यह स्थानीय स्तर पर स्वास्थय विभाग का हैं या फिर उपर से ही आदेश है कि इस मौतो पर पर्दा डालने का। ऐसे में कुछ चुनिदा लोगो को इस योजना का लाभ मिल पाऐगा,बाकी यह सहयता उन लोगो का मुंह चिढाऐगी जिनके परिजनो की हत्यारे कोरोना के कारण मौत हुई है और मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना संक्रमण को दोषमुक्त करते हुए मौत का कारण समान्य बताया है।

पॉजीटिव से निगेटिव में यह है कारण
कोरोना संक्रमित की सात से दस दिन बाद कोरोना की जांच दोबारा में निगेटिव आएगी। क्योंकि वायरस गले और नाक से फेफड़ों तक पहुंच जाता है। कोरोना से संक्रमित होने के बाद मौत कार्डियक अरेस्ट या अन्य कारण से भी हो रही है लेकिन यह सब भी डैमेज तो कोराेना संक्रमित होने से ही हुआ है। इसलिए यह मौत कोरोना से ही मानी जानी चाहिए।
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