शिवपुरी। जिला मुख्यालय में विष्णु मंदिर से नीलगर चौराहे की ओर जाने वाली सडक़ पर स्थित निष्का सेल्स से लगी हुई गली में रहने वाले कुशवाह समाज के लोग पिछले एक डेढ़ साल से बेहद नारकीय जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उनके घर को जाने वाले रास्ते में बेशुमार गंदा पानी जमा हुआ है और जिसके बीच से होकर उन्हें निकलना पड़ता है।
गंदे पानी ने तालाब का रूप धारण कर लिया है जिसमें कीड़े मकोड़े सहित जहरीले सांप भी रह रहे हैं। यहां तक कि पिछले दिनों मगरमच्छ ने भी यहां डेरा डाल लिया था। इस नारकीय स्थिति के कारण यहां रहने वाले कुशवाह समाज के घरों में उनके रिश्तेदारों ने आना जाना छोड़ दिया है।
ऑटो वाले यहां आने से मना करते हैं जिस कारण बीमार व्यक्ति को अस्पताल ले जाना भी एक बड़ी समस्या है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने कई बार प्रशासन से लेकर नगरपालिका अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह से अपनी समस्या हल करने की गुहार की, लेकिन नक्कारखाने में तूती की तरह उनकी आवाज दब गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस इलाके में कुशवाह समाज के अधिकांश लोग निवास करते हैं। यहां सडक़ पर इतने गहरे गड्डे हैं जिसके कारण सारे पानी का जमाव सडक़ पर हो गया है और इस पानी को निकालने की सारी कोशिशें विफल हो गई हंै। जिसके कारण घुटने घुटने पानी के बीच घर पहुंचने के लिए यहां के लोगों को निकलना पड़ रहा है।
गंदगी के कारण यहां के लोग मंदिर भी नहीं जा पा रहे। नहाने के बाद जैसे ही पानी से भरी सडक़ से गुजरकर जब वह घर से बाहर जाते हैं तो उनका नहाना न नहाना बराबर हो जाता है। 85 वर्षीय महिला चिरौंजीबाई ने बताया कि उनके घर पानी भरा होने के कारण रिश्तेदार भी नहीं आते हैं तथा वह सब्जी मंडी पर स्थित दुकान पर बैठकर चले जाते हैं।
भागीरथ कुशवाह ने बताया कि गंदगी के कारण पूरे मोहल्ले में बीमारी का प्रकोप फैला हुआ है। प्रशासन से लेकर नपाध्यक्ष तक से वह पानी बाहर निकालने की मांग कर चुके हंै, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसका हल क्या है? इसका जवाब देते हुए भागीरथ कुशवाह ने बताया कि सडक़ का भराव यदि हो जाएगा तो पानी बाहर निकल जाएगा, लेकिन इस दिशा में न तो प्रशासन और न ही नगरपालिका कोई पहल कर रही है।
जबकि अनेकों बार वह संबंधित प्रशासन और अधिकारियों से बातचीत कर चुके हैं। श्री कुशवाह ने बताया कि इससे बढक़र शर्म की बात क्या होगी कि हमारे समाज के ही नपाध्यक्ष हैं, लेकिन उसके बाद भी सुनवाई नहीं हो रही। ऐसे में समझा जा सकता है कि शहर की जनता नपाध्यक्ष के होते हुए कितनी परेशान हो रही होगी।