शिवपुरी। सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय में सिक्ख धर्म के प्रवर्तक गुरु नानक देव जी की जयंती (550वाँ प्रकाश पर्व) बड़े ही हर्षोल्लास पूर्वक मनाई गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रविंद्ररसिंह बत्रा जनरल सेकेट्री गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी शिवपुरी, मुख्य वक्ता सुरेंद्र सिंह धार्मिक सचिव गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी विशिष्ट अतिथि श्रीमती वन्दना कौर उपप्राचार्य जीके हेरिटेज स्कूल, श्री विजय सिंह वर्मा पूर्व सेकेट्री गुरुद्वारा प्रबंध समिति शिवपुरी एवं अध्यक्ष श्री ज्ञानसिंह कौरव प्रबंधक सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती एवं गुरु नानक देव के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ सरस्वती वंदना एवं गुरु वाणी से किया गया। मंचस्थ अतिथियों का स्वागत विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य श्री मनोज सिंह चौहान और श्री रमेशचंद रावतने तिलक लगाकर एवं श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर किया।
श्रीमती वंदना कौर ने गुरुनानक देव जी के जीवन परिचय से अवगत कराया। मुख्य वक्ता की आसंदी से श्री सुरेंद्रर सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि जिस प्रकार विभिन्न युगों में राम, कृष्ण आदि ने अवतार लिया उसी प्रकार कलयुग में गुरुनानक देव ने आज ही के दिन अवतार लिया उन्होंने नानक देव के जीवन के विभिन्न संस्मरणों से अवगत कराया तथा कहा कि सरस्वती विद्यापीठ के छात्र बड़े ही भाग्यशाली हैं जो अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त कर राष्ट्रीयता को विकसित कर रहे हैं।
कार्यक्रम का संचालन आचार्य उदयवीर विश्वकर्मा एवं अतिथियों का परिचय पुरुषोत्तम शर्मा ने एवं अंत में आभार प्रदर्शन प्राचार्य श्री पवन शर्मा द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के समस्त भैया एवं आचार्य परिवार उपस्थित रहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती एवं गुरु नानक देव के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ सरस्वती वंदना एवं गुरु वाणी से किया गया। मंचस्थ अतिथियों का स्वागत विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य श्री मनोज सिंह चौहान और श्री रमेशचंद रावतने तिलक लगाकर एवं श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर किया।
श्रीमती वंदना कौर ने गुरुनानक देव जी के जीवन परिचय से अवगत कराया। मुख्य वक्ता की आसंदी से श्री सुरेंद्रर सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि जिस प्रकार विभिन्न युगों में राम, कृष्ण आदि ने अवतार लिया उसी प्रकार कलयुग में गुरुनानक देव ने आज ही के दिन अवतार लिया उन्होंने नानक देव के जीवन के विभिन्न संस्मरणों से अवगत कराया तथा कहा कि सरस्वती विद्यापीठ के छात्र बड़े ही भाग्यशाली हैं जो अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त कर राष्ट्रीयता को विकसित कर रहे हैं।
कार्यक्रम का संचालन आचार्य उदयवीर विश्वकर्मा एवं अतिथियों का परिचय पुरुषोत्तम शर्मा ने एवं अंत में आभार प्रदर्शन प्राचार्य श्री पवन शर्मा द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के समस्त भैया एवं आचार्य परिवार उपस्थित रहा।