करेंट खाते से निकले 2.82 लाख, हुई खातेधार के साथ धोखाधडी, बैंक प्रबंधन लपेटे में

Bhopal Samachar

शिवपुरी। इस खबर का सीधे—सीधे लिखने का प्रयास करते हैं कि बंधन बैंक की लापरवाही के कारण एक करेंट खाते से 2 लाख 82 हजार रू फर्जी तरिके से आहरण हो चुके है। खातेदार का आरोप हैं कि जिस चैक से रूपए निकाले है वह चैक बुक उसने ईश्यू नही कराई हैं। फिर कैसे चैकबुक जारी हो गई। इस खबर से अर्थ निकाला जा सकता हैं कि आप अगर बंधक बैंक के खातेदार है तो आपका पैसा सुरक्षित नही है।

इस कारण नही हैं आपका पैसा बंधन बैंक में
टाटा मोटर्स के सुपरवाइजर के बंधन बैंक स्थित खाते से बुधवार को 2 लाख 82 हजार रुपए निकाल लिए जाने का मामला सामने आया है। उनके खाते से किसी टोपी पहने युवक ने यह राशि निकाल ली है। सुपरवाइजर अमरसिंह धाकड के मोबाइल पर दोपहर 2ः40 पर मैसेज आया तो वे कुछ ही पलों में बैंक जा पहुंचे।

यहां उन्होंने बैंक मैनेजर रवि गुप्ता से शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि उनके खाते से 2 लाख 82 हजार रुपए निकल गए हैं। मैसेज आया है। यह राशि किसने निकाली हैं जानकारी दें। मैनेजर ने स्टाफ से चेक कराया तो खुलासा हुआ कि चेक क्रमांक 28 के माध्यम से यह राशि निकाली गई है।

चैकबुक इश्यू ही नही कराई तो कैसे काटा जा सकता हैं चैक
यह सुनते ही अमरसिंह चौक गए और बैंक प्रबंधक को बताया कि उन्होंने एक साल पहले खाता खुलवाया था, तब एक से बीस नंबर तक चेकबुक इश्यू कराई थीं। उसके बाद दूसरी चेकबुक कभी नहीं ली। फिर किसे चेकबुक दे दी गई। मैनेजर ने बताया कि चेक क्रमांक 21 से 40 तक जो चेकबुक जारी की गई है उन पर अमरसिंह के हस्ताक्षर हैं।

चेक पर भी अमरसिंह के हस्ताक्षर हैं, लेकिन हस्ताक्षर और इश्यू चेकबुक पत्र पर हस्ताक्षर देखने के बाद अमरसिंह का कहना है कि हस्ताक्षर फर्जी हैं। उन्होंने कोई चेकबुक इश्यू नहीं कराई। उन्होंने 21 से 40 तक चेकबुक पर रोक लगवा दी है।

बैंक प्रबंधन ने नही स्वीकार गलती
प्रबंधन ने अमरसिंह को पहले तो दो घंटे तक बैठाए रखा। उसकी बात को तबज्जो नहीं दी। बाद में जानकारी दी तो सामने आया कि अमरसिंह के हस्ताक्षर नहीं हैं। हालांकि बैंक मानने को तैयार नहीं कि उसने कोई भूल की है। जब मौके पर पुलिस जा पहुंची तो बैंक के स्टाफ ने सीसीटीवी फुटेज दिखवाए लेकिन उसमें जो व्यक्ति दिखाई दे रहा है। अमरसिंह उसे पहचानते नहीं। अमरसिंह ने कहा कि वह अब थाने में शिकायत दर्ज करा रहे हैं।

बैंक मैनेजर ने भी चैक वैरिफाई
जिस व्यक्ति ने चेक से राशि निकाली है, वह फुटेज में दिखाई दे रहा है। उसने चेक भरने के बाद बैंक में प्रवेश किया। बड़ी राशि थी, इसलिए मैनेजर के केबिन में गया। खुद मैनेजर रवि गुप्ता ने चेक वेरीफाई किया उसके बाद 2 लाख 82 हजार लेकर व्यक्ति चला गया। बैंक प्रबंधन इस बात का जवाब नहीं दे पा रहा कि चेकबुक कब और किसने इश्यू कराई और किस कर्मचारी ने की।इस पूरे मामले में बैंक प्रबंधन लापरवाही सामने आई हैं।