बडा घोटाला: फूड विभाग ने पकड़ा था 1500 बोरी सड़ा ओर घुना चना, जांच समिति की मदद से अमानक चने को खपाने की तैयारी

Bhopal Samachar
शिवपुरी। इस समय शासन द्धारा चने की खरीद चल रही हैं, किसानो को तो इस योजना का लाभ अंश भर ही मिल रहा हैं,लेकिन प्रशासन में बैठे अधिकारी इस सरकारी खरीद में करोंडो के बारे न्यारे कर रहे है। कल कोलारस के श्रीजी वेयर हाउस को अमानक चने को लेकर सील किया था।  

इस मामले में अब यह खबर आ रही हैं कि एक शिकायत पर कलेकटर पी अनुग्रह द्धारा भेजी गई फूड विभाग ने बदरवास में 1500 बोरी चने को पकडा और मौके पर पहुंचकर पंचनामा भी बनाया कि यह चना अमानक हैं इसमे घुन लग चुकी हैं,लेकिन इस पर कार्रवाई करने के पहुंची प्रशासन की टीम में इस चने को सही घोषित कर दिया। 

अब यह उठता है कि कौन सही हैं जिसने पंचनामा बनाया वह सरकारी टीम या जो बाद में इस चने को जांच करने गई थी वह टीम हो। इस मामले मे कुछ भी लेकिन चने के इस खेल में व्यापारियो के साथ प्रशासन के अफसर भी भ्रष्टाचार करने का कोई मौका नही छोड रहे हैं। 

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जानकारी के अनुसार जिले की लुकवासा स्थित कृषि उपज मण्डी में अमानक चना रखा हुआ हैं,जिसे जिसे वेयर हाउस संचालक के मना करने के बाद भी लुकवसा की सहकारी समिति प्रबंधक विजयराज रघुवंशी द्धारा वेयर हाउस में रखवाने का प्रयास किया जा रहा हैं। इस मामले की शिकायत कलेक्टर पी अनुग्रह को दी गई। कलेक्टर शिवपुरी ने तत्काल इस मामले की जांच करने के लिए एसडीएम कोलारस पहुंचें,तो उक्त चना की जांच की तो यह चना अमानक निकला। 

तभी खबर मिली की उक्त माल को उठबाकर समिति प्रबंधक विजयराज रघुवंशी ने अपनी ही समिति के दूसरे खरीदी केन्द्र श्री गणेशाय नम: वेयर हाउस बदरवास में भिजवा दिया। इस वेयर हाउस में उक्त माल को रखबाने का प्रयास किया तो बेयर हाउस के मालिक ने चना अमानक और कचरा होने से गोदाम में रखने से इंकार कर दिया। बस फिर क्या था। उक्त समिति संचालक ने इस चने को खुले में ही गोदाम में रखबा दिया। 

जब इस मामले की सूचना शिवपुरी समाचार डॉट कॉम की टीम को मिली तो टीम मौके पर पहुंची और उक्त पूरे मामले की सूचना डीआर भदौरिया को दी। डीआर भदौरिया ने मीडिया की सूचना पर अपनी ही टीम के मुकेश सक्सेना और सीइओं को मौके पर भेजा। जब उन्होने जाकर देखा तो लगभग 1500 बोरी अमानक चना उन्हें मिला। जिसका पंचनामा बनाकर उन्होंने रिपोर्ट जिले की टीम को देने की बात कही। 

हद तो तब हो गई जब बीते रोज शिवपुरी से डिप्टी कलेक्टर के साथ जब टीम इस वेयर हाउस का निरीक्षण करने पहुंची तो उन्होंने चौकाने बाला बयान दिया। डिप्टी कलेक्टर का कहना है कि वहां पूरा माल सही पाया गया। 

इस बयान ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर ही उंगली उठा दी। कि आखिर एक अधिकारी पूरे माल को अमानक बता रहा है। जबकि इसी माल को दूसरा अधिकारी सही बता रहा है। जबकि मीडिया के पास इस पूरे मामले का वीडियों भी उपलब्ध है। जिसमें उक्त बोरों में रखा नोन एफएक्यू माल दिखाई दे रहा हैं।

इस पूरे मामले में कई सवालो को जन्म हो रहा हैं कि 2 वेयर हाउस के मालिकों ने इस चने को अमानक घोषित कर दिया और वेयर हाउस में उस चने को घुसने नही दिया। उक्त चना किसानो का न होकर व्यापारीयो को हैं। उसे किसानो के सही किस्म के माल से बदलने की तैयारी चल रही थी,लेकिन लगतार शिकायत होने के बाद चना बदला नही जा सका।

फूड विभाग ने इस चने को अमानक माना और मौके पर पंचनामा बनाया,किसान परेशान न हो इस लिए बदरवास के वेयर हाउस को सील नही किया। लेकिन खरीद की निगरानी और क्वालिटी चैक करने की जिले की बनाई गई टीम ने इस चने को अमानक ने मानक कर दिया। इस कारण इस जांच दल पर संदेह के प्रश्न चिन्ह खडे हो रहे हैं,क्यो कि जिले की इस जांच टीम ने अभी तक ऐसा कोई मामला नही पकडा,लेकिन कोलारस में कल अमानक चने की 600 बोरी एसडीएम ने सील की हैं। 

इससे सिद्ध् होता है कि इस सरकारी खरीदी में सडे लने केा खपाया जा रहा हैं। सूत्रो को कहना है कि इस अमानक चने को भी इस जांच दल की मदद से खपाने की तैयारी का पूरा खाका तैयार कर लिया हैं। इसका उदाहरण इस चने को मानक कर टीम ने दिया हैं। 

इनका कहना है
हां सक्सेना का पंचनामा मेरे पास आया था। अब न तो में पहले गया और न ही दूसरी बार,मुझे सूचना मिली थी कि उसमें से कुछ माल में बारिश हो जाने से घुन लग गया था। अब दोहरी रिपोर्ट के बारे में डीआर और जीएम ही कुछ बता पाएगे।
आशीष तिवारी,आईएएस एसडीएम कोलारस। 

हां कल हम गए थे। मामला सेसिंटिव है। हम रात में 2 बजे लौटे है। अभी जांच रिपोर्ट नहीं बनी है। हम जांच रिपोर्ट के बाद ही कुछ बता पाएंगे। 
सीपी भदौरिया,डीआर

में इस मामले में कुछ भी नहीं बता सकता। हमारी टीम की इंचार्ज डिप्टी कलेक्टर मेडम थी। वह ही इस मामले में कुछ बताएगी।
वाय के सिंह,जीएम

इस मामले में जब हम वहां पहुंचे थे तो वहां हमें कुछ चना खुले में पडा मिला। जिसे बरसात के चलते दीमक ने खा लिया था। जब उक्त चने की हमने रांपी लगाकर चैंकिंग की तो वह सही पाया गया। लेकिन आप बता रहे हो कि उसका पंचनामा हमारी ही टीम ने बनाया तो उसकी हमें कोई जानकारी नहीं है। और रही बात लुकवासा गोदाम से माल शिप्ट करने की तो में इसे फिर से दिखबा लेती हूं। कल फिर में जांच करने जाउंगी। 
पल्लवी बैश्य,डिप्टी कलेक्टर शिवपुरी।
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