पत्रकार मुकेश रघुवंशी पर FIR लोकतंत्र पर धब्बा और श्रीमंत की साख पर बटटा हैं | Khula khat by lalit Mudgal

Bhopal Samachar
श्रीमंत महाराज साहब इस शहर की ओर से आपको प्यार भरा प्रणाम, इस समय चुनाव की चर्चा के बाद कोलारस के पत्रकार मुकेश रघुंवशी पर मामला दर्ज होने की चर्चा हैं। मतदान के 1 दिन पूर्व वाली रात लुकवासा में पत्रकार मुकेश रघुवंशी अपने कार्यालय पर बैठे थे, तभी अचानक लुकवासा निवासी कांग्रेस के नेता सांसद प्रतिनिधि हरिओम रघुवंशी अपने साथियों सहित आए और उन पर हमला कर दिया। 

पुलिस ने मामला दर्ज इस कारण नही किया क्योंकि वे कांग्रेसी थे। में कहना चाहता हूं कि इससे पूर्व प्रदेश में भाजपा की सरकार थी, लेकिन अब हम मानते है कि अब कांग्रेस नही सिंधिया सरकार हैं। लुकवासा चौकी में मामले की एफआईआर दर्ज कराने को मुकेश रघुवंशी पहुंचे तो आवेदन लेकर जांच करने की बात होने लगी। पीछे से एक आवेदन भी कांग्रेस नेता की ओर से आ गया। क्रॉस मामले की कार्यवाही पुलिस आगे बढाने लगी। मतदान के अगले दिन जिले की मीडिया शिवपुरी एसपी से मिली और इस मामले की जानकारी देकर ज्ञापन दिया। एसपी शिवपुरी राजेश हिंगणकर ने आश्वासन दिया कि किसी भी स्थिति में पत्रकार मुकेश रघुवंशी पर मामला दर्ज नही किया जाऐगा, पुलिस दबाब में नही आऐगी। 

लेकिन 13 तारिख की रात ही पत्रकार मुकेश रघुवंशी और उनके साथियों पर पुलिस ने बलबे की कायमी कर दी। कांग्रेस नेता हरिओम रघुवंशी और उनके साथियों पर भी बलबे की कायमी कर दी। पुलिस ने घटना स्थल पर वह बताया जहां झगडा हुआ ही नही। इस मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया गया। इसको भाजपा कांग्रेस कर दिया गया। 

लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के सिपाही पर झूठा मामला दर्ज होना लोकतंत्र के मूल्यों की हत्या होने के बराबर हैं। आपको इस क्षेत्र की जनता सर आंखो पर रख श्रीमंत कहती हैं, आपके नाम से वोट दिया जाता हैं, आप जिस और इशारा करते है जनता उस और चली जाती हैं, आपके नाम पर वोट देने वाली जनता हो अब आप के नाम पर डराया जा रहा हैं।

कहा जा रहा है कि ऊपर से फोन आ गए। कांग्रेस के खिलाफ उक्त पत्रकार खबरें प्रकाशित करता हैं। इस कारण यह झगड़ा हुआ लेकिन इस घटना क्रम से एक सवाल उठता है कि इतने सस्ते नही हो सकते हमारे महाराज साहब, पिछले 15 साल से प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। मीडिया शासन के खिलाफ खबरे प्रकाशित करतीे हैं तो पिछले 15 साल में तो जिले के पूरे पत्रकारों पर मामलेे दर्ज हो जाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा तो नही हुआ। 

खुला खत लिखने की आवश्यकता इस कारण पड़ी क्योंकि हो सकता हैं कि आपको गलत फीडबैक दिया होगा। यह लडाई कांग्रेस और भाजपा को लेकर नही हुई, बल्कि कोलारस जनपद के एक भ्रष्टाचार को लेकर सूचना के अधिकार को लेकर हुई है। यह जग जाहिर है कि हरिओम रघुंवशी ओर कोलारस के जनपद के क्या संबंध हैं। 

मेरा मानना है कि श्रीमंत गलत का साथ नही देते, लेकिन प्रशासन अघोषित रूप से ऊपर का दबाब बता रहा हैं, कौन है उपर से दबाब बनाने बाला। आप ने सैकड़ोंवार कहा है कि मेरे और आपके परिवारिक रिश्ते 250 साल से भी अधिक पुराने हैं। श्रीमंत साहब इस मामले को लेकर शिवपुरी की मीडिया ने एफआईआर के अगले दिन होने वाली पुलिस अधीक्षक की पत्रकार वार्ता का बहिष्कार कर दिया। पुलिस के खिलाफ भी आक्रोश था ही साथ में आपके नाम पर बटटा कही न कही से लग रहा था।

यह वही जनता हैं और मीडिया हैं जिसने आपके राजनितिक प्रवेश के समय अपने श्रीमंत साहेब को हाथों हाथ लिया। इस क्षेत्र में किसी की कैसी भी आंधी चली हो, जनता ने अपने सिंधिया सरकार के साथ रही हैं। जनता यह मानती है कि यहां कांग्रेस नही सिंधिया सरकार हैं। यह तो मामला तो एक मीडियाकर्मी से जुडा हुआ हैं इस कारण थम नही रहा है, पता नही कैसे-कैसे किस-किस जगह आपके नाम का बटटा लगाया जा रहा होगा जिसकी आपके जानकारी नही हैं।

इतने सस्ते तो ही हो सकते हमारे श्रीमंत साहब कि उनके नाम का कोई भी कैसे इस्तेमाल कर सकता है वो उनकी प्यारी जनता के साथ। 
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