शिवपुरी। शिवपुरी में कुदरत ने टॉर्चर करना शुरू कर दिया है। बर्फीली हवा चलने के कारण न्यूनतम तापमान 6 डिग्री तक पहुंच चुका है। बर्फीली हवाओं और घने कोहरे ने थामी शहर की रफ्तार कम हो गई हैं। शिवपुरी में पारा गिरने से जनजीवन पर प्रभाव दिखाई देने लगे है। प्रशासन के अलाव के दावे फेल हो चुके है,मौसम विभाग ने दावा किया है कि नए साल में ठंड का सितम और बढ जायेगा,न्यूनतम तापमान 4 डिग्री तक जा सकता है।
सोमवार ओर मंगलवार की सुबह शिवपुरी जिले के लिए कड़ाके की ठंड और घने कोहरे की चादर लेकर आई। मौसम के अचानक बदले मिजाज ने पूरे जिले को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया है। सुबह करीब 9 बजे तक आलम यह था कि विजिबिलिटी (दृश्यता) महज 10 मीटर तक रह गई थी, जिससे वाहन चालकों को लाइट जलाकर रेंगने पर मजबूर होना पड़ा।
आसमान में सूरज की मौजूदगी के बावजूद उत्तर से आ रही बर्फीली हवाओं ने धूप को बेअसर कर दिया। शाम ढलते ही शीतलहर के प्रकोप के कारण बाजार जल्द बंद हो गए और रात 9 बजे तक सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। लोग ठंड से बचने के लिए जगह-जगह निजी स्तर पर अलाव जलाकर बैठे नजर आए।
प्रशासन की अनदेखी:
शहर में भीषण ठंड के बावजूद नगर पालिका के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। जिला अस्पताल, बस स्टैंड और प्रमुख चौराहों पर, जहां गरीब और असहाय लोग रात गुजारते हैं, वहां नगर पालिका द्वारा अलाव के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं देखे गए। तीखी हवाओं के बीच लोग खुले आसमान के नीचे ठिठुरने को मजबूर हैं।
आगामी मौसम की जानकारी
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले 48 से 72 घंटों में शिवपुरी और आसपास के क्षेत्रों में ठंड का प्रकोप और बढ़ सकता है।
तापमान में गिरावट: न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक गिरने की संभावना है।
कोहरे का अलर्ट: अगले तीन दिनों तक सुबह के समय 'घना से अति घना' कोहरा छाए रहने का अनुमान है।
शीतलहर: पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के चलते मैदानी इलाकों में बर्फीली हवाएं चलती रहेंगी, जिससे 'डे-कोल्ड' (दिन में भी अत्यधिक ठंड) की स्थिति बनी रहेगी।
मानव जीवन पर प्रभाव
स्वास्थ्य पर संकट:
कड़ाके की ठंड के कारण बुजुर्गों में हृदय रोग (Heart Attack) और बच्चों में निमोनिया व सांस की तकलीफ का खतरा बढ़ गया है। जिला अस्पताल में ओपीडी की संख्या बढ़ने की आशंका है।
परिवहन और यात्रा:
घने कोहरे के कारण लंबी दूरी की ट्रेनें और बसें अपने निर्धारित समय से देरी से चल रही हैं। सड़क हादसों का जोखिम भी बढ़ गया है।
दैनिक दिनचर्या:
सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों और सुबह की सैर करने वालों के लिए यह मौसम अत्यधिक कष्टदायक है। कामकाज के घंटों में कटौती देखी जा रही है।
खेती-किसानी:
यदि पाला (Frost) गिरता है, तो रबी की फसलों (विशेषकर सरसों और सब्जी) को भारी नुकसान हो सकता है।
पशुधन:
इंसानों के साथ-साथ पशुओं के लिए भी यह ठंड जानलेवा साबित हो रही है, जिससे दुग्ध उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है।
सोमवार ओर मंगलवार की सुबह शिवपुरी जिले के लिए कड़ाके की ठंड और घने कोहरे की चादर लेकर आई। मौसम के अचानक बदले मिजाज ने पूरे जिले को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया है। सुबह करीब 9 बजे तक आलम यह था कि विजिबिलिटी (दृश्यता) महज 10 मीटर तक रह गई थी, जिससे वाहन चालकों को लाइट जलाकर रेंगने पर मजबूर होना पड़ा।
आसमान में सूरज की मौजूदगी के बावजूद उत्तर से आ रही बर्फीली हवाओं ने धूप को बेअसर कर दिया। शाम ढलते ही शीतलहर के प्रकोप के कारण बाजार जल्द बंद हो गए और रात 9 बजे तक सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। लोग ठंड से बचने के लिए जगह-जगह निजी स्तर पर अलाव जलाकर बैठे नजर आए।
प्रशासन की अनदेखी:
शहर में भीषण ठंड के बावजूद नगर पालिका के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। जिला अस्पताल, बस स्टैंड और प्रमुख चौराहों पर, जहां गरीब और असहाय लोग रात गुजारते हैं, वहां नगर पालिका द्वारा अलाव के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं देखे गए। तीखी हवाओं के बीच लोग खुले आसमान के नीचे ठिठुरने को मजबूर हैं।
आगामी मौसम की जानकारी
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले 48 से 72 घंटों में शिवपुरी और आसपास के क्षेत्रों में ठंड का प्रकोप और बढ़ सकता है।
तापमान में गिरावट: न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक गिरने की संभावना है।
कोहरे का अलर्ट: अगले तीन दिनों तक सुबह के समय 'घना से अति घना' कोहरा छाए रहने का अनुमान है।
शीतलहर: पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के चलते मैदानी इलाकों में बर्फीली हवाएं चलती रहेंगी, जिससे 'डे-कोल्ड' (दिन में भी अत्यधिक ठंड) की स्थिति बनी रहेगी।
मानव जीवन पर प्रभाव
स्वास्थ्य पर संकट:
कड़ाके की ठंड के कारण बुजुर्गों में हृदय रोग (Heart Attack) और बच्चों में निमोनिया व सांस की तकलीफ का खतरा बढ़ गया है। जिला अस्पताल में ओपीडी की संख्या बढ़ने की आशंका है।
परिवहन और यात्रा:
घने कोहरे के कारण लंबी दूरी की ट्रेनें और बसें अपने निर्धारित समय से देरी से चल रही हैं। सड़क हादसों का जोखिम भी बढ़ गया है।
दैनिक दिनचर्या:
सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों और सुबह की सैर करने वालों के लिए यह मौसम अत्यधिक कष्टदायक है। कामकाज के घंटों में कटौती देखी जा रही है।
खेती-किसानी:
यदि पाला (Frost) गिरता है, तो रबी की फसलों (विशेषकर सरसों और सब्जी) को भारी नुकसान हो सकता है।
पशुधन:
इंसानों के साथ-साथ पशुओं के लिए भी यह ठंड जानलेवा साबित हो रही है, जिससे दुग्ध उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है।