शिवपुरी। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में धर्मांतरण का एक बड़ा मामला प्रकाश में आया है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने पुलिस अधीक्षक (SP) को एक ज्ञापन सौंपकर आरोप लगाया है कि जिले के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों, विशेषकर बदरवास थाना क्षेत्र में, ईसाई मिशनरियां बड़े पैमाने पर धर्मांतरण का खेल खेल रही हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इस कुचक्र में सरकारी पदों पर बैठे कर्मचारियों के शामिल होने की बात सामने आई है।
सरकारी कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाया गया है कि कि बदरवास के ग्राम गुडाल (डांग), अगरा और रामपुरी में शासकीय सेवाओं में तैनात कर्मचारी ग्रामीणों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए बरगला रहे हैं। शिकायत में वीरेंद्र कुमार तिर्की (शिक्षक), अनीता भगत (शिक्षक), राजपाती बाई (शिक्षक) और सुगंध चन्द पेकरा (पटवारी) के नाम शामिल हैं। आरोप है कि ये कर्मचारी अपने परिवारजनों के साथ मिलकर रविवार को प्रार्थना सभाएं आयोजित करते हैं और भोले-भाले ग्रामीणों को विभिन्न प्रलोभन देकर हिंदू धर्म छोड़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
सरकारी जमीन पर चर्च बनाने का प्रयास
हिंदू संगठनों का आरोप है कि इन लोगों द्वारा वन विभाग की शासकीय भूमि पर अवैध रूप से चर्च भवन का निर्माण कराया जा रहा था। जिसकी जानकारी मिलने पर 21 दिसंबर को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कड़े विरोध के बाद प्रशासन हरकत में आया। बदरवास पुलिस और वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर निर्माण कार्य को रुकवाया और अवैध ढांचे को हटाया।
आंदोलन की चेतावनी
संगठन ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि उक्त शासकीय कर्मचारियों और उन्हें आर्थिक सहयोग देने वाली ईसाई मिशनरियों की जांच कर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाए। ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि यदि प्रशासन ने समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई, तो विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और संत समाज मिलकर व्यापक आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।