Shivpuri News: जमीन घोटाले में फंसा सरकारी अधिकारी, मामला विक्रय से वर्जित जमीन बेचने का

Bhopal Samachar

शिवपुरी। सिटी कोतवाली की सीमा में आदिवासी की 'विक्रय से वर्जित' जमीन का कमिश्नर कार्यालय से तैयार कराए गए फर्जी आदेश के आधार पर विक्रय पत्र तैयार करवाया गया था। मामले की जांच के दौरान पुलिस ने जब विक्रेता के खिलाफ आपराधिक प्रकरण कायम कर मामले की विवेचना की तो विक्रेता के बयानों में यह सामने आया कि उक्त विक्रय संबंधी अनुमति आदेश राजस्थान में पदस्थ एक अधिकारी द्वारा तैयार करवाया गया था।

पुलिस ने बयानों के आधार पर उक्त अधिकारी का प्रकरण में नाम बढ़ाते हुए उसे भी मामले में आरोपित बनाया है। मामले में उक्त अधिकारी द्वारा जमानत के लिए आवेदन प्रस्तुत किया लेकिन न्यायालय ने उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी।

जानकारी के अनुसार 10 अक्टूबर 2025 को शिवपुरी रजिस्ट्रार कार्यालय में प्रेम शंकर पुत्र देवीलाल तावेड़ द्वारा अपनी विक्रय से वर्जित जमीन कमिश्नर कार्यालय से जारी किए गए विक्रय अनुमति आदेश के आधार पर एडवोकेट जितेंद्र कुमार गोयल को विक्रय पत्र क्रमांक एमपी 23 आईजीआर 18672025ए 1009 16561 के आधार पर विक्रय की थी, जिसका कुल रकवा 1.411 हेक्टेयर था। चूंकि विक्रेता अनुसूचित जनजाति का होने के कारण उक्त विक्रय पत्र के साथ संलग्न न्यायालय आयुक्त ग्वालियर के प्रकरण क्रमांक 0104/अ-21/2024-25 आदेश दिनांक 8 जनवरी 2025 की प्रमाणित प्रति दस्तावेज के साथ अपलोड की गई थी एवं दस्तावेज में न्यायालय आयुक्त की उपरोक्त अनुमति का वर्णन भी उल्लेखित था, जिस आधार पर उक्त दस्तावेज का उप पंजीयक द्वारा पंजीयन किया गया था।

ऐसे पकड़ा गया फर्जी आदेश पत्र
जब 3 नवंबर 2025 को तहसील कार्यालय से जारी पत्र क्रमांक रीडर/2025/768 से यह तथ्य संज्ञान में आया कि उपरोक्त अपलोड की गई अनुमति न्यायालय आयुक्त कार्यालय से जारी नहीं की गई, जिसकी पुष्टि प्रवाचक, न्यायालय आयुक्त ग्वालियर संभाग ग्वालियर के पत्र क्रमांक 0186/2025 ग्वालियर दिनांक 3 नवंबर 2025 द्वारा की गई।

सिटी कोतवाली में दर्ज कराया गया मामला
कार्यालय उप-पंजीयक शिवपुरी में उपरोक्त दस्तावेज के प्रस्तुतीकरण के समय उप-पंजीयक को गुमराह कर उक्त दस्तावेज का पंजीयन कराया गया, जो कि वैधानिक रूप से गलत है। उक्त पत्र के आधार पर पुलिस थाना कोतवाली शिवपुरी में विक्रेता प्रेमशंकर तावेड़ के खिलाफ अपराध क्रमांक 686/2025 धारा 318(4), 338, 336 (3), 340 (1) भारतीय न्याय संहिता, 2023 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया। 23 नवंबर 2025 को पुलिस ने फरार चल रहे प्रेमशंकर तावेड़ को गिरफ्तार कर जब उसके बयान लिए तो उसने बताया कि उसे विक्रय से वर्जित भूमि का अनुमति आदेश प्रबल शर्मा ने उपलब्ध करवाया था।

राजस्थान के झालावाड़ में पदस्थ है आरोपी
प्रेमशंकर के अलावा क्रेता जितेन्द्र गोयल, देवेश, चंदन अग्रवाल द्वारा भी पुलिस को दिए गए कथनों में प्रबल शर्मा द्वारा विरुद्ध विक्रय अनुमति लेकर आने की बात कही गई। पुलिस ने इस आधार पर पुलिस ने राजस्थान के झालावाड़ में पदस्थ राजस्थान सरकार के अधिकारी प्रबल शर्मा को मामले में आरोपी बनाया है। प्रबल शर्मा ने उक्त प्रकरण में आज न्यायालय में अग्रिम जमानत आवेदन प्रस्तुत किया, जिसे प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश विवेक शर्मा ने खारिज कर दिया।