shivpuri news : महिला आरक्षक का कारनामा, तलाकशुदा पति की मौत के बाद हड़पी संपत्ति, फिर हत्या के दोषियों को बेची जमीन

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शहर में जमीन से जुड़ा गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला आरक्षक पर पहली शादी, तलाक और दूसरी शादी के बाद मृतक पति की संपत्ति को अवैध रूप से अपने नाम कराने तथा बाद में सजायाफ्ता अपराधियों को बेचने के आरोप लगे हैं। पीड़िता ने जिलाधीश शिवपुरी को आवेदन देकर रजिस्ट्री को शून्य घोषित कराने और पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।

पीड़िता विनीता परिहार पत्नी स्व. पूरन सिंह परिहार, निवासी रेलवे स्टेशन माल गोदाम के सामने शिवपुरी ने बताया कि उसके पति पूरन सिंह परिहार का भावना परिहार महिला आरक्षक जो कि वर्तमान में पुलिस अधीक्षक कार्यालय झांसी में पदस्थ है उससे वर्ष 2003 में विवाह हुआ था। विवाह के बाद भावना परिहार पति के साथ न रहकर मायके में रहने लगी, इसी दौरान वर्ष 2005 में एक पुत्री सेजल का जन्म हुआ।

बाद में पति को भावना के चरित्र पर संदेह होने पर सामाजिक व पारिवारिक सहमति से दोनों का विवाह विच्छेद हो गया और दोनों अलग-अलग रहने लगे। इसके पश्चात वर्ष 2012 में पूरन सिंह ने विनीता परिहार से विधिवत दूसरी शादी की, जिससे दो पुत्र अनिरुद्ध उम्र 12 वर्ष और अभिराज उम्र 10 वर्ष हैं, जो वर्तमान में मां के साथ रहते हैं। पूरन सिंह की मृत्यु 25 नवंबर 2017 को हो गई थी, जबकि भावना परिहार न तो अंतिम संस्कार में शामिल हुई और न ही बाद में परिवार से कोई संबंध रखा।

पीड़िता का आरोप है कि पूरन सिंह के नाम वर्ष 2000 में खरीदी गई जमीन, जो सास-ससुर द्वारा पैतृक संपत्ति बेचकर ली गई थी और जिस पर वर्ष 2000 से मकान बना हुआ है, उसे भावना परिहार ने राजस्व अधिकारियों से मिलीभगत कर चोरी-छिपे अपने नाम नामांतरण करा लिया। इसके बाद उक्त भूमि को विष्णु गोयल, महेंद्र गोयल और राजू गोयल को विक्रय कर दिया गया, जबकि रजिस्ट्री में भूमि को खाली दर्शाया गया।

पीड़िता के अनुसार तीनों खरीदार हत्या व लूट जैसे मामलों में आजीवन कारावास से दंडित रह चुके हैं और वर्तमान में जमानत पर बाहर हैं, जिससे पूरा परिवार भय के माहौल में जी रहा है। पीड़िता ने जिलाधीश से मांग की है कि अवैध रजिस्ट्री को शून्य घोषित कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।