Shivpuri News: के विकास की सांसे फूली, कागजों में दौडी सिटी बस और नगर निगम की फाइल

Bhopal Samachar

शिवपुरी। समय का चक्र साल दर साल निकल रहा है,लेकिन शिवपुरी जिले की शिवपुरी विकास की अटकी सांसें हुई है। शिवपुरी का विकास या फाइलों का बोझ के नीचे दबा हुआ है,शिवपुरी के विकास को लेकर पिछले 5 साल में 3 बड़ी घोषणाए हुई थी,नगर निगम से लेकर नए कलेक्टर भवन तक सब कुछ लापता है। कागजों में सिटी बस दौड रही है,स्मार्ट सिटी बनने की दौड़ में शामिल शिवपुरी में अभी भी सडको की गढडो से ही जूझ रहा हैं।

जानकारी के मुताबिक तीन साल पूर्व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिवपुरी नगर पालिका को नगर निगम बनाने की घोषणा की थी। इसके लिए जिला प्रशासन से लेकर नगर पालिका ने 15 ग्राम पंचायतों को जोड़कर नगर निगम बनाने को लेकर कई महीनों पहले प्रस्ताव शासन को भेज दिया।

इसके बाद भी आज तक नगर निगम बनाने को लेकर कैबिनेट स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिस हिसाब से यह प्रक्रिया चल रही हैं, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि दो साल बाद भी शिवपुरी में नगर पालिका अध्यक्ष के लिए ही चुनाव होंगे और शिवपुरी का नगर निगम बनने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया।

इसके बाद भी आज तक नगर निगम बनाने को लेकर कैबिनेट स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिस हिसाब से यह प्रक्रिया चल रही है उससे ऐसा प्रतीत होता है कि दो साल बाद भी शिवपुरी में नगर पालिका अध्यक्ष के ही चुनाव होंगे और शिवपुरी का नगर निगम बनने का प्रस्ताव अधर में ही लटका रह जाएगा।

जबकि शिवपुरी नगर निगम बनता तो न केवल शिवपुरी नगरीय क्षेत्र का दायरा बढ़ता, बल्कि यहां पर अध्यक्ष की जगह महापौर व सीएमओ की जगह कमिश्नर बैठता और अरबो रुपए का बजट भी शहर विकास के लिए आता तो इस शिवपुरी की पूरी तस्वीर बदल जाती।

कागजो मे दौड रही है सिटी बसे
बड़ी बात यह है कि समय का साथ शहर बढ़ता जा रहा है और कई शासकीय कार्यालय जैसे तहसील कार्यालय, एसडीएम कार्यालय, मेडिकल कॉलेज, आरटीओ कार्यालय, संदीपनी स्कूल, नर्सिंग हॉस्टल, पीएम आवास से लेकर अन्य महत्वपूर्ण भवन शहर से बाहर पहुंच गए है। इनकी शहर से दूरी करीब 5 से 7 किमी हो गई है। ऐसे में शहर के लोगों को इन सभी स्थानों पर पहुंचने में आमजन को काफी ऑटो व अन्य साधनों से आने-जाने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है।

इस समस्या के लिए दो साल पहले शहर में सिटी बसों का संचालन करने की कार्ययोजना जिला प्रशासन ने बनाई थी और आरटीओ को भी इस संबंध में आदेश दिए थे। पर आदेश हवा में रह गए और दो साल गुजर जाने के बाद भी सिटी बसों का संचालन शुरू नहीं हो पाया।

नया कलेक्टर भवन भी सिर्फ कागजों में
आज से 5 साल पहले नए कलेक्टर भवन के लिए शहर के शिवपुरी-ग्वालियर फोरलेन बाईपास चौराहे के पास 6.690 हैक्टेयर भूमि चिन्हित की गई थी। यहां पर तीन मंजिला कलेक्टर भवन बनना था। इसकी लागत उस समय करीब 23 करोड़ रुपए आंकी गई थी।

यह कलेक्टर भवन हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी को बनाना था और प्रशासन ने नया कलेक्टर भवन बनाने के लिए हाउसिंग बोर्ड को पुराने बस स्टैंड की जगह दी थी और इसी जगह के बदले में यह पूरा काम होना था। पर 5 साल गुजरने के बाद हालात जस के तस है और इन नए कलेक्टर भवन बनाने के लिए अभी तक कोई नई पहल शुरू नहीं हुई और घोषणाएं केवल कागजों में ही सिमटकर रह गई है।

इनका कहना है।
नए कलेक्टर भवन की जो भी प्रक्रिया थी। वह पूरी हो चुकी है। अब तो केवल हाउसिंग बोर्ड को आगे की कार्रवाई करना है। वह भी जल्द शुरू होने को है। ननि का प्रस्ताव हमारी तरफ से शासन को जा चुका है। अब जब भी कैबिनेट से यह पास हो जाएगा तो शिवपुरी को नगर निगम की सौगात मिल जाएगी। बाकी सिटी बसों का संचालन करने के लिए कोई बस संचालक आगे नहीं आया। हम इसके लिए भी प्रयास कर रहे है।
रविन्द्र कुमार चौधरी, कलेक्टर, शिवपुरी