शिवपुरी। शिवपुरी जिले का मुख्य जिला अस्पताल मे कई बार आग लगने की घटनाएं सामने आती रही है। शिवपुरी जिला अस्पताल के लेबर रूम व मेटरनिटी विंग भी पूर्व के वर्षों में आग की चपेट में आ चुके हैं। आगजनी की घटना से तत्काल काबू पाने के लिए जिला अस्पताल में ऑटोमेटिक फायर व अलार्म सिस्टम को प्रभावी किया जा रहा है।
यह सिस्टम आग लगते ही अलार्म बजना शुरू कर देगा और स्वत: ही यह ऑटोमेटिक फायर सिस्टम छत से पानी का छिडकाब अर्थात बारिश करना शुरू कर देगा,जिससे आग पर तत्काल काबू पाया जा सकेगा। यह ऑटोमेटिक फायर व अलार्म सिस्टम ग्वालियर संभाग में सर्वप्रथम शिवपुरी जिले में लगाया जा रहा है।
इस फायर फाइटर सिस्टम को प्रभावी करने के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू हो गया है। पूरे अस्पताल में हर वार्ड में यह पाइप लाइन बिछाई जाएगी, जिससे आगजनी की स्थिति में आग लगने वाले स्थान पर बारिश होना शुरू हो जाएगी। अगर सब कुछ सही रहा तो फरवरी के अंत तक यह फायर सिस्टम जिला अस्पताल में काम करना शुरू कर देगा।
अब फायर आडिट नहीं
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. बीएल यादव का कहना है कि अभी तक हम लोगों के पास फुलप्रूफ फायर सिस्टम नहीं था। इस कारण हमें फायर एनओसी नहीं मिलती थी। हम फायर आडिट के आधार पर ही अपने सिस्टम को लगातार चला रहे थे, परंतु पिछली साल जब हमने
एनक्वास में बेहतर प्रदर्शन किया तो एनएचएम ने हमारे अस्पताल में यह सिस्टम लगाने को प्राथमिकता प्रदान की है।
बताया जा रहा है कि यह ग्वालियर संभाग का पहला जिला अस्पताल है, जहां पर यह सिस्टम लगाया जा रहा है। डा यादव के अनुसार इस सिस्टम के चालू होने के उपरांत जिला अस्पताल को पहली बार फायर एनओसी मिलेगी और फायर आडिट की झंझट से पीछा छूटेगा।
एक करोड़ रुपये की लागत से लगेगा पूरा सिस्टम
नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा करवाए जा रहे इस काम को भोपाल की कंपनी एमएस बिल्डकान द्वारा किया जा रहा है। इस पूरे सिस्टम को लगाने पर एक करोड़ नौ लाख 55 हजार रुपये का खर्च आना है। खास बात यह है कि जिला अस्पताल फायर सिस्टम को लगवाने के लिए लगातार कई सालों से प्रयास कर रहा था। इससे पूर्व तीन टेंडर कैंसिल हो गए, तब कहीं जाकर चौथी बार में यह टेंडर पास हो सका है। इस सिस्टम के चालू होने से हजारों मरीजों को आगजनी के खतरे से निजात मिल जाएगी।
पहले चरण में ये वार्ड होंगे लैस
पहले चरण में जिला अस्पताल की पांच मंजिला इमारत में संचालित चिल्ड्रन वार्ड, पीआईसीयू, मेडिकल वार्ड, सर्जिकल वार्ड, ऑर्थो वार्ड, जिला अस्पताल का ऑफिस, नई बिल्डिंग में संचालित पैथोलॉजी लैब आदि एरिया को फायर अलार्म सिस्टम से लैस किया जाएगा।
इस फायर फाइटर सिस्टम को प्रभावी करने के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू हो गया है। पूरे अस्पताल में हर वार्ड में यह पाइप लाइन बिछाई जाएगी, जिससे आगजनी की स्थिति में आग लगने वाले स्थान पर बारिश होना शुरू हो जाएगी। अगर सब कुछ सही रहा तो फरवरी के अंत तक यह फायर सिस्टम जिला अस्पताल में काम करना शुरू कर देगा।
अब फायर आडिट नहीं
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. बीएल यादव का कहना है कि अभी तक हम लोगों के पास फुलप्रूफ फायर सिस्टम नहीं था। इस कारण हमें फायर एनओसी नहीं मिलती थी। हम फायर आडिट के आधार पर ही अपने सिस्टम को लगातार चला रहे थे, परंतु पिछली साल जब हमने
एनक्वास में बेहतर प्रदर्शन किया तो एनएचएम ने हमारे अस्पताल में यह सिस्टम लगाने को प्राथमिकता प्रदान की है।
बताया जा रहा है कि यह ग्वालियर संभाग का पहला जिला अस्पताल है, जहां पर यह सिस्टम लगाया जा रहा है। डा यादव के अनुसार इस सिस्टम के चालू होने के उपरांत जिला अस्पताल को पहली बार फायर एनओसी मिलेगी और फायर आडिट की झंझट से पीछा छूटेगा।
एक करोड़ रुपये की लागत से लगेगा पूरा सिस्टम
नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा करवाए जा रहे इस काम को भोपाल की कंपनी एमएस बिल्डकान द्वारा किया जा रहा है। इस पूरे सिस्टम को लगाने पर एक करोड़ नौ लाख 55 हजार रुपये का खर्च आना है। खास बात यह है कि जिला अस्पताल फायर सिस्टम को लगवाने के लिए लगातार कई सालों से प्रयास कर रहा था। इससे पूर्व तीन टेंडर कैंसिल हो गए, तब कहीं जाकर चौथी बार में यह टेंडर पास हो सका है। इस सिस्टम के चालू होने से हजारों मरीजों को आगजनी के खतरे से निजात मिल जाएगी।
पहले चरण में ये वार्ड होंगे लैस
पहले चरण में जिला अस्पताल की पांच मंजिला इमारत में संचालित चिल्ड्रन वार्ड, पीआईसीयू, मेडिकल वार्ड, सर्जिकल वार्ड, ऑर्थो वार्ड, जिला अस्पताल का ऑफिस, नई बिल्डिंग में संचालित पैथोलॉजी लैब आदि एरिया को फायर अलार्म सिस्टम से लैस किया जाएगा।