करैरा। शिवपुरी जिले के करैरा के वार्ड क्रमांक 13 के चगेंज की पहाड़िया क्षेत्र में पिछले लगभग 20 वर्षों से डेढ़ सौ से अधिक परिवार गड्ढे के गंदे पानी पर निर्भर होकर जीवन यापन करने को मजबूर हैं। क्षेत्रवासियों ने कई बार शिकायतें की, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं हुआ है।
स्थानीय निवासी अमर सिंह जाटव ने बताया कि "हम लोग 20 साल से इसी गड्ढे का गंदा पानी पी रहे हैं। कई बार जिम्मेदारों को बताया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। गड्ढा खुला होने से मिट्टी खिसक जाती है और कई बार बच्चे व महिलाएं इसमें गिर चुकी हैं।" उनका कहना है कि लोग इसी गंदे पानी का उपयोग नहाने, कपड़े धोने और पीने तक के लिए कर रहे हैं जिससे बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ रहा है। जिनके पास आर्थिक हालत ठीक है, वे कभी-कभार पानी का टैंकर मंगवा लेते हैं, लेकिन गरीब परिवार मजबूरी में दूषित पानी का उपयोग कर रहे हैं।
वहीं क्षेत्र की निवासी रानी देवी ने बताया कि "हम 15–20 साल से यहां रह रहे हैं और हमेशा इसी गंदे पानी का उपयोग कर रहे हैं। कई बार अधिकारियों से कहा कि पानी की व्यवस्था कराएं, लेकिन हर बार केवल आश्वासन मिला। कुछ दिन पहले मेरी जेठानी गड्ढे में गिर गई थी, लेकिन लोगों ने समय रहते निकाल लिया।"
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था नहीं की गई, तो किसी बड़े हादसे या गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ सकता है। नागरिकों ने प्रशासन से जल्द कार्रवाई की मांग की है ताकि क्षेत्र में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराया जा सके।
वार्ड क्रमांक 13 करेरा पार्षद राधा कृष्ण यादव से संपर्क किया तो उनके मोबाइल की इनकम सुविधा बंद होना बताया गया। करेरा नगर परिषद अध्यक्ष शारदा रावत का कहना है कि मामला मीडिया के माध्यम से पता चला है हम जाकर निरीक्षण करेंगे और समस्या का समाधान जल्द से जल्द करेंगे लोगों की समस्या का समाधान करना हमारी पहली प्राथमिकता है।
करेरा नगर परिषद CMO गोपाल गुप्ता का कहना है की मीडिया के द्वारा मामला संज्ञान में आया है मैं खुद जाकर देख हूं और पानी की उचित व्यवस्था जल्द से जल्द कराएंगे। तहसीलदार कल्पना शर्मा करैरा का कहना है आप के द्वारा मामला हमारे संज्ञान में आया है आज हम हाईकोर्ट के आदेश पर एक सीमांकन में है कल मैं स्वयं मौके पर जाकर निरीक्षण कर पानी की उचित व्यवस्था कराएंगे।
स्थानीय निवासी अमर सिंह जाटव ने बताया कि "हम लोग 20 साल से इसी गड्ढे का गंदा पानी पी रहे हैं। कई बार जिम्मेदारों को बताया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। गड्ढा खुला होने से मिट्टी खिसक जाती है और कई बार बच्चे व महिलाएं इसमें गिर चुकी हैं।" उनका कहना है कि लोग इसी गंदे पानी का उपयोग नहाने, कपड़े धोने और पीने तक के लिए कर रहे हैं जिससे बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ रहा है। जिनके पास आर्थिक हालत ठीक है, वे कभी-कभार पानी का टैंकर मंगवा लेते हैं, लेकिन गरीब परिवार मजबूरी में दूषित पानी का उपयोग कर रहे हैं।
वहीं क्षेत्र की निवासी रानी देवी ने बताया कि "हम 15–20 साल से यहां रह रहे हैं और हमेशा इसी गंदे पानी का उपयोग कर रहे हैं। कई बार अधिकारियों से कहा कि पानी की व्यवस्था कराएं, लेकिन हर बार केवल आश्वासन मिला। कुछ दिन पहले मेरी जेठानी गड्ढे में गिर गई थी, लेकिन लोगों ने समय रहते निकाल लिया।"
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था नहीं की गई, तो किसी बड़े हादसे या गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ सकता है। नागरिकों ने प्रशासन से जल्द कार्रवाई की मांग की है ताकि क्षेत्र में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराया जा सके।
वार्ड क्रमांक 13 करेरा पार्षद राधा कृष्ण यादव से संपर्क किया तो उनके मोबाइल की इनकम सुविधा बंद होना बताया गया। करेरा नगर परिषद अध्यक्ष शारदा रावत का कहना है कि मामला मीडिया के माध्यम से पता चला है हम जाकर निरीक्षण करेंगे और समस्या का समाधान जल्द से जल्द करेंगे लोगों की समस्या का समाधान करना हमारी पहली प्राथमिकता है।
करेरा नगर परिषद CMO गोपाल गुप्ता का कहना है की मीडिया के द्वारा मामला संज्ञान में आया है मैं खुद जाकर देख हूं और पानी की उचित व्यवस्था जल्द से जल्द कराएंगे। तहसीलदार कल्पना शर्मा करैरा का कहना है आप के द्वारा मामला हमारे संज्ञान में आया है आज हम हाईकोर्ट के आदेश पर एक सीमांकन में है कल मैं स्वयं मौके पर जाकर निरीक्षण कर पानी की उचित व्यवस्था कराएंगे।