करैरा। शिवपुरी जिले के करैरा थाना अंतर्गत ग्राम टोकनपुर में एक किसान द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। मृतक के पुत्र ने आरोप लगाया है कि 12 साल पहले हुए एक हादसे के बाद से कुछ लोग उसके पिता को लगातार रुपयों के लिए प्रताड़ित और ब्लैकमेल कर रहे थे, जिससे तंग आकर उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठाया।
12 साल पुराने मामले को लेकर हुआ काण्ड
घटना की जड़ें वर्ष 2013 में हुए एक ट्रैक्टर हादसे से जुड़ी हैं। फरियादी बृजेश कुमार जाटव उम्र 26 साल ने पुलिस को बताया कि 2013 में उनके ट्रैक्टर से हुए एक्सीडेंट में उनके भाई फूल सिंह और गांव के ही दामोदर जाटव की मौत हो गई थी। दामोदर की मौत के बाद उसकी पत्नी लक्ष्मी ने राजेंद्र जाटव निवासी लुकवासा से दूसरी शादी कर ली थी।
हादसे के बाद से ही लक्ष्मी का परिवार बृजेश के परिवार से मनमुटाव रखने लगा। हालांकि, कुछ समय बाद राजीनामा हो गया और बृजेश के परिवार ने लक्ष्मी को हर्जाने के तौर पर रुपए भी दिए थे।
जमीन और नगद देने के बाद भी नहीं रुकी
मांग बृजेश का आरोप है कि वर्ष 2019 से लक्ष्मी, उसका दूसरा पति राजेंद्र और उसका लड़का आशिक दोबारा रुपयों की मांग करने लगे। मृतक उदयराम जाटव ने विवाद सुलझाने के लिए उन्हें 10 फुट जमीन और 35,000 रुपये अतिरिक्त भी दिए, लेकिन आरोपियों का लालच कम नहीं हुआ। वे लगातार 3 लाख रुपये की अतिरिक्त मांग कर रहे थे और उदयराम को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे।
खेत पर फंदे से झूलता मिला शव
21 दिसंबर की रात खाना खाकर सोने के बाद, अगले दिन सुबह 4:00 बजे बृजेश और उसके पिता उदयराम खेत पर पानी देने गए थे। जब काफी देर तक उदयराम वापस नहीं लौटे, तो बृजेश ने तलाश शुरू की। उसने देखा कि सुल्लू जाटव के खेत में नीम के पेड़ से उसके पिता का शव रस्सी के फंदे पर लटका हुआ था।
मोबाइल पर मिली थी जान से मारने की धमकी
मृतक के बेटे ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी राजेंद्र जाटव ने उसके मोबाइल पर फोन करके धमकाया था। आरोपी ने कहा था, "मेरे रुपयों का क्या हो रहा है? अगर रुपये नहीं मिले तो मैं रुपये लेना जानता हूं और तुम्हें जान से खत्म कर दूंगा।"
पुलिस की कार्रवाई घटना की सूचना मिलते ही करैरा पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पेड़ से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने फरियादी बृजेश की शिकायत और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी लक्ष्मी जाटव, राजेंद्र जाटव और आशिक जाटव के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 3(5) (साझा इरादा) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
12 साल पुराने मामले को लेकर हुआ काण्ड
घटना की जड़ें वर्ष 2013 में हुए एक ट्रैक्टर हादसे से जुड़ी हैं। फरियादी बृजेश कुमार जाटव उम्र 26 साल ने पुलिस को बताया कि 2013 में उनके ट्रैक्टर से हुए एक्सीडेंट में उनके भाई फूल सिंह और गांव के ही दामोदर जाटव की मौत हो गई थी। दामोदर की मौत के बाद उसकी पत्नी लक्ष्मी ने राजेंद्र जाटव निवासी लुकवासा से दूसरी शादी कर ली थी।
हादसे के बाद से ही लक्ष्मी का परिवार बृजेश के परिवार से मनमुटाव रखने लगा। हालांकि, कुछ समय बाद राजीनामा हो गया और बृजेश के परिवार ने लक्ष्मी को हर्जाने के तौर पर रुपए भी दिए थे।
जमीन और नगद देने के बाद भी नहीं रुकी
मांग बृजेश का आरोप है कि वर्ष 2019 से लक्ष्मी, उसका दूसरा पति राजेंद्र और उसका लड़का आशिक दोबारा रुपयों की मांग करने लगे। मृतक उदयराम जाटव ने विवाद सुलझाने के लिए उन्हें 10 फुट जमीन और 35,000 रुपये अतिरिक्त भी दिए, लेकिन आरोपियों का लालच कम नहीं हुआ। वे लगातार 3 लाख रुपये की अतिरिक्त मांग कर रहे थे और उदयराम को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे।
खेत पर फंदे से झूलता मिला शव
21 दिसंबर की रात खाना खाकर सोने के बाद, अगले दिन सुबह 4:00 बजे बृजेश और उसके पिता उदयराम खेत पर पानी देने गए थे। जब काफी देर तक उदयराम वापस नहीं लौटे, तो बृजेश ने तलाश शुरू की। उसने देखा कि सुल्लू जाटव के खेत में नीम के पेड़ से उसके पिता का शव रस्सी के फंदे पर लटका हुआ था।
मोबाइल पर मिली थी जान से मारने की धमकी
मृतक के बेटे ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी राजेंद्र जाटव ने उसके मोबाइल पर फोन करके धमकाया था। आरोपी ने कहा था, "मेरे रुपयों का क्या हो रहा है? अगर रुपये नहीं मिले तो मैं रुपये लेना जानता हूं और तुम्हें जान से खत्म कर दूंगा।"
पुलिस की कार्रवाई घटना की सूचना मिलते ही करैरा पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पेड़ से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने फरियादी बृजेश की शिकायत और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी लक्ष्मी जाटव, राजेंद्र जाटव और आशिक जाटव के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 3(5) (साझा इरादा) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।