कौशल भार्गव @ करैरा। शिवपुरी के करैरा में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने बैंक की सुरक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहाँ एक महिला के 10 साल पुराने बैंक खाते को न केवल अवैध रूप से किसी दूसरे व्यक्ति के दस्तावेजों से लिंक कर दिया गया, बल्कि खाते में जमा मेहनत की गाढ़ी कमाई पर भी हाथ साफ कर दिया गया। बैंक अधिकारियों की कथित मिलीभगत और इस बड़े फर्जीवाड़े ने अब पुलिस के दरवाजे खटखटाए हैं।
शिवपुरी जिले के करैरा तहसील अंतर्गत फिल्टर रोड निवासी एक महिला बैंक की बड़ी लापरवाही और धोखाधड़ी का शिकार हुई है। पीड़िता ममता साहू पत्नी रामकुमार साहू ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) शाखा करैरा के अधिकारियों और कर्मचारियों पर उनके खाते के साथ छेड़छाड़ करने और जमा राशि हड़पने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
10 साल पुराना खाता, दस्तावेजों में हेराफेरी
पीड़िता के अनुसार, उनका बचत खाता (नंबर 20249469312) करैरा शाखा में पिछले 10 वर्षों से संचालित है। आरोप है कि बैंक अधिकारियों ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से उनके इस वैध खाते को किसी अन्य महिला 'ममता पत्नी धनीराम साहू' के दस्तावेजों (पैन कार्ड, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर) के साथ लिंक कर दिया। इस हेरफेर के जरिए पीड़िता के खाते को अवैध रूप से दूसरे व्यक्ति के नाम हस्तांतरित या 'विक्रय' जैसा कर दिया गया।
खाते से पार हुए ₹30,074 फर्जीवाड़े की हद तब पार हो गई जब पीड़िता के खाते में जमा कुल 30,074 रुपये की राशि को दस्तावेजों के इसी हेरफेर के सहारे निकाल लिया गया। पीड़िता का दावा है कि जब उन्होंने बैंक रिकॉर्ड चेक किया, तो उनके खाते में दर्ज जन्मतिथि और अन्य व्यक्तिगत जानकारियां बदली हुई पाई गईं, जिससे स्पष्ट होता है कि बैंक के भीतर से ही किसी ने इस साजिश को अंजाम दिया है।
पुलिस और प्रशासन से न्याय की गुहार घटना की शिकायत 27 दिसंबर 2025 को करैरा थाने में दर्ज कराई गई है। आवेदन में पीड़िता ने मांग की है कि दोषी बैंक अधिकारियों और फर्जी तरीके से पैसे निकालने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए और उनकी डूबी हुई राशि वापस दिलाई जाए। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
शिवपुरी जिले के करैरा तहसील अंतर्गत फिल्टर रोड निवासी एक महिला बैंक की बड़ी लापरवाही और धोखाधड़ी का शिकार हुई है। पीड़िता ममता साहू पत्नी रामकुमार साहू ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) शाखा करैरा के अधिकारियों और कर्मचारियों पर उनके खाते के साथ छेड़छाड़ करने और जमा राशि हड़पने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
10 साल पुराना खाता, दस्तावेजों में हेराफेरी
पीड़िता के अनुसार, उनका बचत खाता (नंबर 20249469312) करैरा शाखा में पिछले 10 वर्षों से संचालित है। आरोप है कि बैंक अधिकारियों ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से उनके इस वैध खाते को किसी अन्य महिला 'ममता पत्नी धनीराम साहू' के दस्तावेजों (पैन कार्ड, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर) के साथ लिंक कर दिया। इस हेरफेर के जरिए पीड़िता के खाते को अवैध रूप से दूसरे व्यक्ति के नाम हस्तांतरित या 'विक्रय' जैसा कर दिया गया।
खाते से पार हुए ₹30,074 फर्जीवाड़े की हद तब पार हो गई जब पीड़िता के खाते में जमा कुल 30,074 रुपये की राशि को दस्तावेजों के इसी हेरफेर के सहारे निकाल लिया गया। पीड़िता का दावा है कि जब उन्होंने बैंक रिकॉर्ड चेक किया, तो उनके खाते में दर्ज जन्मतिथि और अन्य व्यक्तिगत जानकारियां बदली हुई पाई गईं, जिससे स्पष्ट होता है कि बैंक के भीतर से ही किसी ने इस साजिश को अंजाम दिया है।
पुलिस और प्रशासन से न्याय की गुहार घटना की शिकायत 27 दिसंबर 2025 को करैरा थाने में दर्ज कराई गई है। आवेदन में पीड़िता ने मांग की है कि दोषी बैंक अधिकारियों और फर्जी तरीके से पैसे निकालने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए और उनकी डूबी हुई राशि वापस दिलाई जाए। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।